NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
समाज
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
अमेरिकी संसद ने ट्रम्प की ‘नस्लीय टिप्पणी’ के ख़िलाफ़ निंदा प्रस्ताव पारित किया
प्रस्ताव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नस्लीय टिप्पणियों की कड़ी निंदा की गई है, जिसमें कहा गया कि इस टिप्पणी ने नए अमेरिकियों और अश्वेत लोगों के प्रति डर और नफ़रत को बढ़ाया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Jul 2019
अमेरिकी संसद

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ‘‘नस्लीय टिप्पणी’’ के ख़िलाफ़ मंगलवार को निंदा प्रस्ताव पारित किया।

इस प्रस्ताव के पक्ष में 235 डेमोक्रेटिक सांसदों के अलावा चार रिपब्लिकन और एक निर्दलीय सांसद ने भी वोट किया। प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी बहुमत में है।

प्रस्ताव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नस्लीय टिप्पणियों की कड़ी निंदा की गई है, जिसमें कहा गया कि इस टिप्पणी ने नए अमेरिकियों और अश्वेत लोगों के प्रति डर और नफ़रत को बढ़ाया है।

अमेरिका की चार महिला सांसदों पर देश से नफ़रत करने का आरोप लगाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वे जहां जाना चाहें वहां जा सकती हैं, लेकिन उन्हें यहां रहना है, तो देश से प्यार करना होगा।

ट्रम्प ने क्या-क्या किया और कहा

ट्रम्प ने कहा कि यह ख़तरनाक है जब लोग देश के बारे में "बुरा" बोलते हैं।

ट्रम्प ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में अपनी कैबिनेट की बैठक के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरी राय है कि वे (चार महिला कांग्रेसी) हमारे देश से नफ़रत करती हैं और यह अच्छा नहीं है। यह स्वीकार्य नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह उनके ऊपर है। वे जहां चाहें वहां जा सकती हैं या वे रह सकती हैं। लेकिन उन्हें हमारे देश से प्यार करना चाहिए। उन्हें हमारे देश से नफरत नहीं करनी चाहिए।’’

डेमोक्रेटिक पार्टी की चार प्रगतिशील महिलाओं- एलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोरटेज, इल्हान उमर, राशिदा तलाइब और अयाना प्रेसली के खिलाफ की गई उनकी टिप्पणियों की आलोचना के बीच उनकी यह प्रतिक्रिया आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अमेरिका से नफरत है, तो उन्हें यहां से चले जाना चाहिए।

डेमोक्रेट्स ने इसे नस्लीय टिप्पणी करार दिया है, हालांकि ट्रम्प और व्हाइट हाउस ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।

ट्रम्प ने कहा, ‘‘आप देखिए कि उन्होंने क्या कहा है। मेरे पास अभी वे क्लिप मौजूद हैं। हमारे देश के बारे में, इजराइल के बारे में उन्होंने कितना घृणित और खतरनाक बयान दिया है। यह उनपर है कि वे क्या चाहती हैं। वे यहां से जा सकती हैं या रह सकती हैं, लेकिन उन्हें हमारे देश से प्यार करना चाहिए और उन्हें हमारे देश की भलाई के लिए काम करना चाहिए।’’

रिपब्लिकन नेतृत्व ने ट्रम्प का मजबूती से बचाव किया है और कहा कि ट्रम्प नस्लवादी नहीं हैं।

सीनेट मेजरिटी लीडर मिच मैककोनेल ने कैपिटल में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस बात पर आम सहमति है कि राजनीतिक बयानबाजी को वास्तव में राजनीतिक गलियारों में जरुरत से ज्यादा तूल दिया गया है।’’

इस बीच, हाउस मेजरिटी लीडर स्टोनी होयर ने कहा कि ट्रम्प की टिप्पणी नस्लवादी है और राष्ट्र के मूल्यों के खिलाफ है।

होयर ने कहा, ‘‘हमारी विविधता हमें मजबूत बनाती है। राष्ट्रपति ऐसा नहीं कर सकते हैं और इसे बदल नहीं सकते हैं। हम अमेरिकी राष्ट्रपति की नस्लवादी टिप्पणी की निंदा करते हैं।’’

सीनेट माइनॉरिटी लीडर चक शूमर ने कहा कि ट्रम्प ने जो किया वह "घृणित" है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय की डेमोक्रेट महिला सांसदों के समूह पर मंगलवार को अपना हमला जारी रखते हुए कहा, ‘‘जो अमेरिका से घृणा करते हैं, उन्हें देश ‘छोड़’ देना चाहिये।’’

ट्रम्प ने ट्वीट में कहा, ‘‘हमारा देश स्वतंत्र, खूबसूरत और बहुत सफल है। अगर आप हमारे देश से घृणा करते हैं, या आप यहां प्रसन्न नहीं हैं, तो आप जा सकते हैं!’’

ट्रम्प ने ट्वीट की श्रृंख्ला में अपनी पहले की गई ट्वीट वाली टिप्पणियों का बचाव किया और कांग्रेस की महिलाओं को निशाना बनाया। सांसद उनकी ‘नस्लीय टिप्पणियों’ की निंदा करने वाले एक प्रस्ताव पर मतदान करने की योजना बना रहे हैं।

ट्रम्प ने इन आलोचनओं को ख़ारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ वे ट्वीट्स नस्लीय नहीं हैं। मेरी रगों में नस्लीय दुर्भावना का ख़ून नहीं है।’’

उन्होंने डेमोक्रेट सांसदों के मतदान की योजना की भी खिल्ली उड़ाई और कहा कि रिपब्लिकन पार्टी को ऐसे में कोई कमज़ोरी ज़ाहिर नहीं करनी चाहिए और उनके जाल में फंसने से बचना चाहिए।

उधर, डेमोक्रेट सांसदों ने ट्रम्प के आरोपों को ख़ारिज कर दिया और कहा कि ट्रम्प की टिप्पणियाँ नस्लीय हैं।

डेमोक्रेट सांसदों ने कहा कि ट्रम्प के कथित नस्लीय ट्वीट उनके सांसदों मिनिसोटा की इल्हान उमर, न्यूयॉर्क की एलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कॉर्तेज, मिशिगन की राशिदा तलाइब और मैसाचुसेट्स की अयाना प्रेस्ली को लेकर कहे गये थे।


                                                              (समाचार एजेंसी एएफपी के इनपुट के साथ )

Donald Trump
american republic
republican party
congresswomen
trump racist comments
Fascism
Racism
racism in america

Related Stories

एक आधुनिक लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण की डॉ. आंबेडकर की परियोजना आज गहरे संकट में

हम अमेरिकी राजनीति की इस दुखद स्थिति तक कैसे पहुंचे?

चलो ख़ुद से मुठभेड़ करते हैं...

अपने रंगभेदी इतिहास से मुठभेड़ करता अमेरिका

#metoo: मैक्डॉनाल्ड्स में यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ खड़ी हुईं महिलाएँ


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License