NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कोरोना वायरस संकट के बीच उत्तर-पूर्व के लोगों पर हो रही है नस्लवादी टिप्पणी
"भले ही आसपास चीनी लोग हों, लेकिन यह नस्लभेद का एक कारण नहीं होना चाहिए। नस्लभेद अस्वीकार्य है। कोरोना हमें नीचे दबाने का एक और बहाना साबित हो रहा है।"
सागरिका किस्सू
24 Mar 2020
Notheast student
प्रतीकात्मक तस्वीर

रविवार रात 9 बजे जैसे ही जनता कर्फ्यू समाप्त हुआ वैसे ही दूसरे लोगों की तरह रमेश्वरी भी किराने का सामान ख़रीदने के लिए उत्तरी दिल्ली के विजय नगर में अपने एक मंज़िला अपार्टमेंट से बाहर निकलीं। घर वापस जाते समय उन्हें एक व्यक्ति ने रोका और कथित तौर पर उन पर भद्दी टिप्पणी की। जैसे ही उन्होंने इस पर आपत्ति जताई तो 50 वर्षीय उस व्यक्ति ने उन पर थूका, उन्हें 'कोरोना' [वायरस] कहा और अपने दुपहिया वाहन से भाग गया। रमेश्वरी का कहना है कि इस घटना ने उन्हें भयभीत कर दिया है।

पी़ड़िता ने न्यूज़क्लिक को बताया, "पान मसाला का थूक मेरी टी-शर्ट, गर्दन पर फेंक दिया और इसके छींटे मेरी आंखों में भी चले गए। यह खतरनाक हो सकता था। मैं घबरा गयी थी।" मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 509 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और फिलहाल जांच की जा रही है।

हालांकि, यह इस तरह की पहली घटना नहीं है। दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्वोत्तर छात्र एसोसिएशन की अध्यक्ष क्रिस्टीना एरिंग ने कहा कि कुछ ही दिनों पहले, पुरुषों के एक समूह शोर किया कि, “ये देखो कोरोना जा रही है!”ये बात उनकी ओर इशारा करते हुए कहा।

एरिंग ने कहा, "यह घटना कई लोगों के सामने हुई लेकिन किसी ने रोका तक नहीं। यह अपमानजनक था।"

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक अन्य छात्र ने इस बारे में बताया कि किस तरह उसे और उसके दोस्तों को हाल ही में "चीन" का होने को लेकर मजाक उड़ाया गया। उन्होंने कथित तौर पर कहा: "आप असली कोरोना वायरस हैं और लोगों को आपसे दूर रहना चाहिए।"

नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने कहा, "मैंने मेट्रो के अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।"

नोवल कोरोना वायरस के डर के बीच नस्लवाद और जेनोफोबिया (विदेशियों का नापसंद करने) की एक नई घटना सामने आई है। एरिंग का मानना है कि इस वायरस ने लोगों को नस्लवादी टिप्पणी करने का मौका दे दिया है। एरिंग ने न्यूज़क्लिक को बताया, "ऐसा नहीं है कि नस्लवाद कोरोना के कारण शुरू हुआ है। हमें पहले से ही मोमोज, चिंकी आदि कहा जाता था। यह अब एक नया बहाना है।"

भारत में अब तक COVID-19 के 400 से ज्यादा मामले और दस मौत सामने आए हैं। ये वायरस चीन से दुनिया में फैला है। पूर्वोत्तर भारत के कई लोगों का "कोरोनो वायरस के वाहक" के रूप में मजाक उड़ाया गया है और उनके शारीरिक संरचना को लेकर "चीन" का बताया जाता है।

एक दिन पहले ही नागालैंड से संबंध रखने वाली छह महिलाओं और तीन पुरुषों को इस बीमारी के कोई लक्षण न होने के बावजूद गुजरात में 24 घंटे तक क्वारेंटीन में बिताने के लिए मजबूर होना पड़ा। इनमें से किसी ने विदेश की यात्रा नहीं की थी और न ही COVID-19 संदिग्ध के संपर्क में आने का कोई इतिहास था। स्क्रॉल.इन की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि ये घटना "नस्लीय" कारणों के चलते हुई थी।

इन घटनाओं ने पूर्वोत्तर के लोगों में काफ़ी चिंता पैदा कर दी है।

एरिंग ने कहा, "मैं समझती हूं कि जब वे हमसे सवाल पूछते हैं तो लोग आम तौर पर चिंतित होते हैं। हम बुरा नहीं मानते हैं क्योंकि हम समझते हैं कि वे उस समाज से आते हैं जो वंचित हैं और शिक्षा से वंचित हैं और वे वास्तव में जानना चाहते हैं। लेकिन ऐसे लोग हैं जो शिक्षित हैं, जो सभी सूचनाओं से अवगत हैं फिर भी वे अभी नस्लवादी तरीके से व्यवहार कर रहे हैं।"

इस बीच, गृह मंत्रालय (नॉर्थ ईस्ट डिवीजन) ने कानून-लागू करने वाली सभी एजेंसियों को पूर्वोत्तर लोगों के खिलाफ उत्पीड़न के मामले में उचित कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए एक अधिसूचना जारी किया है। अधिसूचना में लिखा है," यह मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि देश में COVID-19 की घटना सामने आने के बाद नॉर्थ ईस्ट के लोगों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें एथलीटों और खिलाड़ियों सहित नॉर्थ ईस्ट के लोगों को COVID-19 से जोड़कर परेशान किया गया है। यह नस्लीय टिप्पणी भेदभावपूर्ण, असुविधाजनक और उनके लिए दर्दनाक है।”

एरिंग ने कहा, "स्वतंत्र भारत के इतने वर्षों में अब तक लोगों को पता होना चाहिए कि भारत में एक हिस्सा ऐसा है जिसमें पूर्वोत्तर के लोग शामिल हैं, जो उनसे थोड़ा अलग दिखते हैं। भले ही आसपास चीनी लोग हों, लेकिन यह नस्लभेद का एक कारण नहीं होना चाहिए। नस्लभेद अस्वीकार्य है। ये कोरोना हमें नीचे दबाने का एक और बहाना है।"

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Amid Coronavirus Outbreak, People from Northeast Battle Racist Slurs and Xenophobia

COVID-19
Coronavirus
China
Northeastern States
Racism
Xenophobia

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License