NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आने वाली नस्लों को 'शंभुओं' के बारे में जवाब देने के लिए हर तरह की हिंसा के विरोध में खड़े होने की जरूरत है!
आज जरूरत है हर तरह की हिंसा का विरोध करने की।
मिथुन कुमार
19 Dec 2017
Shambhu lal Regar
न्यूज़क्लिक फोटो : नितेश कुमार और तृणा शंकर

हनुमान जी लंका पहली बार गए। सीता को ढूंढ निकाला। पेड़ के नीचे पड़ी सीता को देखकर हनुमान विह्वल हो उठे। जान पहचान हुई, बातें हुई। हनुमान ने कहा, "माते, वैसे तो मैं आपको यहाँ से छुड़ाकर ले जा सकता हूँ मगर ऐसा नहीं कर सकता। अगर ऐसा किया तो पूरी स्टोरी का क्लाइमेक्स ख़राब हो जायेगा।

"सीता इमोशनल होकर कहने लगी कि यहाँ मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता, मुझे यहाँ से ले चलो। मगर हनुमान नहीं माने, कहने लगे - माते, आपके इमोशन के साथ पूरे भारत का इमोशन जुड़ा है। आप जितना रोयेंगी, स्टोरी उतनी ही स्ट्रांग और क्रिस्पी होगी। सीता ने अपने आप को समझाया और बोली की जितनी जल्दी हो, श्री राम को भेजो और मुझे आज़ाद करवाओ। हनुमान जाने के लिए रेडी हुए, तबतक अचानक याद आया कि मुझे कुछ खाना चाहिए। सीता से बोले, " माते, भूख लगी है, मैं खाता पीता निकल जाऊँगा। " सीता ने बताया, वहीं बगल में अशोक वाटिका है। चले जाइये मीठे और ताज़े फल मिलेंगे। 

वहां से चलकर हनुमान अशोक वाटिका में पहुँचे। स्वभाव से बन्दर ऊपर से ताकतवर। बल बुद्धि पर भारी पड़ा। फल तोड़े, कुछ खाया कुछ फेंका। और हुड़दंग करने को जी चाहा तो जय श्री राम के नारे लगाते हुए सारे वाटिका की वाट लगा दी। पेड़ उखाड़कर फेंक दिया। पंछियों के घोसले तबाह हो गए। नए अंडे बच्चे का रूप पकड़ने से पहले ही एक बंदर के उग्र स्वभाव का शिकार हो गए। गार्डन का गॉर्ड आया, मना करने लगा तो उसे हनुमान ने कूट दिया। एक गार्ड और था, वह जान बचाकर भागते हुए लंका के वन मंत्री के पास गया और बोला - मंत्री जी, एक बहुत ही विशाल बन्दर आया है, पूरे बगीचे की बैंड बजा दी। सारे पेड़ उखाड़कर फेंक दिया है, सुन्दर सुन्दर फूलों को नष्ट कर दिया है। 

मंत्री थोड़ा चिंतित हुआ पर खुद न जाकर अपने चार सिपाहियों को भेज दिया। हनुमान ने उन्हें एक ही बार में मूली की तरह तोड़कर ऐसे फेंक दिया जैसे कोई बच्चा प्लास्टिक की गेंद को फेंकता है। मंत्री ने दुबारा सेना भेजी पर सेना की भी बैंड बज गयी। सैनिक मारे गए। लंका के कई वीर सेनानायक शहीद हुए। 

बात रावण तक पहुँची। मंत्री ने रावण से बताया-महाराज, बहुत ही बलशाली बानर आया है, पूरी फ़ोर्स भी उस अकेले का मुकाबला नहीं कर सकती। बहुत सारे सैनिक मारे गए। रावण ने अकल लगायी और अपने बाहुबली बेटे मेघनाद को भेजकर हनुमान को अरेस्ट करवा लिया। हनुमान को रावण के सामने पेश किया गया। 
रावण - बोल तू कौन है?

हनु- मैं बली हनुमान हूँ। 

रावण- कहाँ से आया और क्यों उत्पात मचाया?

हनु- मैं श्री राम का दूत हूँ। तुमने सीता को अगवा किया है, भलाई इसी में है कि सीता को राम के हवाले कर उनसे सॉरी बोल दो, उनका दिल दरिया है तुम्हें माफ़ कर देंगे। 

रावण- चल -चल, ज्ञान मत दे। जितना दूत का काम है तुझे उतना ही करना चाहिए था। तूने अशोक वाटिका उजाड़ी सैनिकों को मार डाला इसलिए सजा मिलेगी। बोल कौन सी सजा मंजूर करेगा?

हनु-मेरा क्या, मैं तो बंदी हूँ, जो सजा दोगे मंजूर है। 

एक दरबारी ने कहा, "महाराज, इसे जान से मार दो। "
दूसरे ने कहा, "नहीं महाराज, जान से मत मारो, अभी ये बता रहा था कि कुंवारा है। इसे जान से मार दोगे तो कोई फायदा नहीं, इसके आगे पीछे रोने वाला कोई नहीं, इसलिये मजा नहीं आयेगा।"

एक ने सलाह दी, बंदरों को पूँछ बहुत प्यारी होती है। इसकी पूँछ में आग लगा दो। सलाह जम गयी। पूँछ में आग लगा दी गयी। हनुमान ने पूंछ की लंबाई अनलिमिटेड बढ़ा दी। बुद्धि पर बल फिर हावी हुआ। हनुमान ने चारों तरफ कूदकर पूरी लंका में आग लगा दी। बूढ़े, बच्चे, स्त्रियां सब जलकर राख होने लगे। दूध पीता बच्चा माँ से चिपककर महज हड्डियों का ढांचा रह गया। गर्भवती स्त्रियां भाग न पायीं जहां थी वहीं जलकर मार गयीं। चारों तरफ त्राहि त्राहि मची गयी। सब अपनी जान लेकर भागे, कोई किसी को बचाने वाला नहीं। सोने की बसाई हुई नगरी धू धू कर जल रही थी। बच्चे बिलख रहे थे, ऊपर उड़ते हनुमान मंद मंद अपनी सफलता पर मुस्कुरा रहे थे। तब तक नीचे देखा तो एक घर में कोई बैठा राम राम का जाप कर रहा था। हनुमान नीचे आये। 

उन्होंने पुछा- हे उत्तम पुरुष, इस राक्षसी नगरी में भगवान श्री राम का जाप करने वाले तुम कौन हो ?
"जी मैं रावण का अनुज भ्राता विभीषण हूँ "

"तो श्री राम का जाप क्यों कर रहे हो, देशद्रोही हो क्या?"

"नहीं, मैं रावण की नीतियों का समर्थन नहीं करता "

"रावण की नीति में क्या गड़बड़ी है ?"

""उसने पराई स्त्री का अपहरण किया है "

"अपहरण क्यों किया?"

"क्योंकि सुपर्णखा की नाक काटी गयी "

"सुपर्णखा तुम्हारी बहन नहीं थी ?"

"थी, लेकिन मैं राम में सत्य देखता हूँ, रावण राक्षस है। "

"सीता स्वयंवर में राक्षस रावण भी गया था, अगर उसने धनुष तोड़ दिया होता तो क्या सीता का विवाह एक राक्षस से कर दिया जाता ?"

"देखिये मुझे भक्ति करने दीजिये, बाधा न डालिये। "

"इस मामले में नीति कहाँ गयी ?"

"भक्ति में नीति कहाँ ? "

"मैं भी राम भक्त हूँ और यही अपना भी मानना है की भक्ति में नीति कहाँ ! पूरी लंका जल गयी मगर तुम्हारा घर नहीं जलाऊंगा क्योंकि तुम राम भक्त हो और अपने वाले हो। "

लंका को जलाकर तहस नहस करने वाले हनुमान की आज पूजा होती है। कोई यह सवाल करने वाला नहीं कि कितने मासूमों, निहत्थों को ज़िंदा जलाने हनुमान पूज्यनीय कैसे? क्या महज इसलिए कि वे राम के भक्त थे? मुझे शंभु रेगर याद आ गया जिसनें बंगाल के एक मजदूर को काटकर जला दिया। लोगों ने शंभु रेगर का समर्थन किया। उसे चंदे देना शुरू किया। उसके समर्थन में लोग इसलिए कूद गए कि वह हिन्दू है। 

कितना निष्ठुर समाज है न ! जब गुनाह करने वाला अपने धर्म का होता है, अपनी जाति का होता है या अपने कुल का होता है तो हम उसके गुनाहों को परे कर उसका समर्थन करने लगते हैं। यही कोई दूसरे धर्म का करता है तो हमें लगता है कि यह दुनिया का सबसे घृणित कार्य है। ऐसा करने वाले को फाँसी पर लटका देना चाहिए। 

जब तक हम ऐसे मामले में सेलेक्टिव होते रहेंगे समाज में शंभु रेगर पैदा होते रहेंगे। आज जरूरत है विरोध करने की। हर तरह की हिंसा का विरोध करने की। समाज को देश को आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर माहौल देने की ताकि जब आज के दौर में जन्मा बच्चा बड़ा हो तो हमसे यह न कह सके कि तब तुम कहाँ थे जब शंभु रेगर ने एक मजदूर को ज़िंदा जला दिया था ?

Courtesy: सबरंग इंडिया ,
Original published date:
18 Dec 2017
शम्भु रेगड़
modi sarkar
हिंसा
राजस्थान सरकार

Related Stories

मतदाता पहचान कार्ड, सूची को आधार से जोड़ने सहित चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को लोकसभा की मंजूरी

लखीमपुर खीरी कांड: गृह राज्य मंत्री टेनी दिल्ली तलब

मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानून को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी

अबकी बार, मोदी जी के लिए ताली-थाली बजा मेरे यार!

वैश्विक भुखमरी इंडेक्स में भारत की ‘तरक़्क़ी’: थैंक्यू मोदी जी!

युवाओं ने दिल्ली सरकार पर बोला हल्ला, पूछा- 'कहां है हमारा रोज़गार?'

अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटा के तहत ओबीसी को मिला आरक्षण, छात्र संगठनों ने कहा संघर्ष की हुई जीत!

झारखण्ड : फादर स्टैन स्वामी की मौत से जनता में रोष, न्याय के लिए छिड़ी मुहिम

बात बोलेगी : सहकारिता मंत्रालय के पीछे RSS के विस्तार की रणनीति !

मोदी मंत्रिमंडल फेरबदलः चुनावी तीर के साथ नाकामी छुपाने के लिए मेकअप


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    जम्मू-कश्मीर परिसीमन से नाराज़गी, प्रशांत की राजनीतिक आकांक्षा, चंदौली मे दमन
    07 May 2022
    हफ़्ते की बात के इस अंक में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश बात कर रहे हैं जम्मू-कश्मीर के परिसीमन की। साथ ही वे नज़र डाल रहे हैं प्रशांत किशोर की राजनीतिक सियासत की।
  • रवि शंकर दुबे
    तीन राज्यों में उपचुनाव 31 मई को: उत्तराखंड में तय होगा मुख्यमंत्री धामी का भविष्य!
    07 May 2022
    चुनाव आयोग ने तीन राज्यों की तीन सीटों पर विधानसभा चुनावों की तारीख घोषित कर दी है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण उत्तराखंड की चंपावत सीट को माना जा रहा है। क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी…
  • पीपुल्स डिस्पैच
    पाकिस्तान में बलूच छात्रों पर बढ़ता उत्पीड़न, बार-बार जबरिया अपहरण के विरोध में हुआ प्रदर्शन
    07 May 2022
    राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) के परिसर से दिन दहाड़े एक बलूच छात्र बेबाग इमदाद को उठाए जाने के बाद कई छात्र समूहों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया।
  • राहुल कुमार गौरव
    पिता के यौन शोषण का शिकार हुई बिटिया, शुरुआत में पुलिस ने नहीं की कोई मदद, ख़ुद बनाना पड़ा वीडियो
    07 May 2022
    पीड़ित बेटी ने खुद अपने पिता की गंदी करतूत का वीडियो बनाया और फिर उसे लेकर थाने पहुंची। पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने गुरुवार को 50 वर्षीय आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन पीड़िता को अपने…
  • सुबोध वर्मा
    ओडिशा: अयोग्य शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित होंगे शिक्षक
    07 May 2022
    शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध 8 कॉलेजों में 62 फैकल्टी हैं, जिनमें से सिर्फ 20 रेगुलेटरी बॉडी की योग्यता के मानदंडों को पूरा करते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License