NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आंगनवाड़ी कर्मचारियों के आगे झुकी केजरीवाल सरकार
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Aug 2015

दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेलपर्स यूनियन के नेत्रित्व में पिछले 24 दिनों से अपनी मांगों को लेकर अरविन्द केजरीवाल के घर के आगे संघर्ष कर रही आंगनबाड़ी कर्मचारियों को मिली शानदार जीत। पिछले 7 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे आंगनवाड़ी कर्मचारियों की तात्कालिक मांगों को केजरीवाल सरकार ने स्वीकार कर लिया।

                                                                                                                                

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आंगनवाड़ी कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि मंडल को वार्ता करने के लिए दिल्ली सचिवालय पर आमंत्रित किया था। ज्ञात हो कि इससे पहले आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने 17 जुलाई को दिल्ली सचिवालय पर एक विशाल प्रदर्शन कर अपनी मांगों का एक ज्ञापन मुख्य मंत्री को सौपा था। मगर इसके बावजूद सरकार ने उनकी मांगों की कोई सुनवाई नहीं की। आंगनबाड़ी के कर्मचारी लगातार 7 जुलाई से अरविन्द केजरीवाल के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। रोज होते धरने और 5 दिन की क्रमिक भूख हड़ताल के बावजूद भी केजरीवाल सरकार ने आंगनवाड़ी कर्मचारियों की कोई सुध नहीं ली। जिसके चलते 23 जुलाई से आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने अपनी मांगों की सुनवाई करवाने और सरकार पर दबाव डालने के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरुआत की थी। लगातार केजरीवाल सरकार तक अपनी बात पहुचाने के लिए आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने दिल्ली सचिवालय, विधान सभा से लेकर केजरीवाल साहब के घर पर लगने वाले जनता दरबार तक में अपने ज्ञापन सौपे। मगर 7 दिन लम्बी चली अनिष्चितकालीन भूख हड़ताल के बाद जनता द्वारा पैदा किये गए दबाव के कारण केजरीवाल ने आंगनवाड़ी कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए दिल्ली सचिवालय बुलाया। इस वार्ता में आंगनवाड़ी कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य मंत्री के साथ साथ महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री संदीप कुमार से भी बात चीत की। आंगनबाड़ी कर्मचारियों के संघर्ष और एकता के आगे केजरीवाल सरकार को झुकना पड़ा। अपनी एकता के बल पर आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने 24 दिनों के संघर्ष के बाद उनकी मांगों को अनसुना करने वाली केजरीवाल सरकार को भी अपने सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

                                                                                                                                     

7 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हड़तालकर्मियों को फलों का रस पिला कर उनकी भूख हड़ताल तुड़वाई गयी। इसके बाद आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने सिविल लाइन्स से विधान सभा तक अपनी जीत का जश्न मनाते हुए एक शानदार विजय जुलुस निकाला जिसमे 1500 से भी जयादा आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। विजय जुलुस में आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने अपनी एकता जि़्ंदाबाद और दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेलपर्स यूनियन जि़्ंदाबाद के नारे लगाये। विजय जुलुस के बाद आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने फिर से अपनी सभा सिविल लाइन्स पर आरम्भ की। सभा में तात्कालिक मांगों को माने जाने की जीत के माइनों और आगे के संघर्ष के बारे में बात की गयी। महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री संदीप कुमार और डिप्टी डायरेक्टर सौम्या ने सभा में आकर आंगनवाड़ी कर्मचारियों से बात की और साथ ही वार्ता के बाद ड्राफ्ट किये गए आर्डर की एक कॉपी को दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेलपर्स यूनियन के प्रतिनिधियों को सौपा।

                                                                                                                                   

दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेलपर्स यूनियन की सदस्य शिवानी ने बताया कि अभी  सरकार ने केवल हमारी तात्कालिक मांगें जिनमे पिछले 8-9 महीनों के बकाये मानदेय के तुरंत भुगतान, पहचान पात्र देने, हर महीने की 10 तारीख तक भुगतान करने, सबला स्कीम के भत्ते के भुगतान और बीमा की मांगें मानी है। लेकिन वेतन बढ़ोतरी के लिए अरविन्द केजरीवाल ने हमसे समय देने की बात कही है, उन्होंने कहा की वह विधान सभा में प्रस्ताव पेश करेंगे। शिवानी ने कहा की अपनी दर्गकालिक मांगों जैसे कि सरकारी कर्मचारी का दर्ज पाने, न्यूनतम वेतन, ई.एस.आई व पी.एफ आदि के लिए आंगनवाड़ी कर्मचारी अपना संघर्ष जारी रखेंगे। अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे एक हड़तालकर्मी नितिन ने बताया कि यह हमारी केवल आंशिक जीत है और हमारी लड़ाई अभी बहुत लम्बी है। अभी हमारी केवल तात्कालिक मांगें मानी गयी है और हम अपना संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक की हमारी दीर्घकालिक मांगों को सरकार नहीं मान लेती। 

न्यूनतम वेतन
ई.एस.आई
पी.एफ
आंगनवाड़ी कर्मचारी
दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेलपर्स यूनियन
अरविन्द केजरीवाल
आप

Related Stories

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

अपने ही पैसे के लिए तरस रहे हैं दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी, 15 को हल्ला बोल

दिल्ली: 20 जुलाई को 20 लाख मज़दूर हड़ताल पर जायेंगे

दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की माँग पर जनता की राय

श्रमिक अधिकार और इनके प्रति सरकारों का बर्ताव

सरकारों के लिए न्यूनतम मज़दूरी बस कागज़ी बातें हैं

जनतंत्र का एक और सबक

अब भी जल रहा है बवाना

उच्च न्यायालय ने आप विधायक अयोग्यता मामले में ईसी से मांगा जवाब

मजदूरों का महापड़ाव – 9-11 नवम्बर 2017


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License