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भारत
राजनीति
लखीमपुर खीरी कांड में एक और अहम गवाह पर हमले की खबर  
पुलिस को लिखे अपने पत्र में गवाह ने कहा है कि उसे धमकी दी गई थी कि यदि अगली दफा उसने आशीष मिश्रा के खिलाफ कोई बयान दर्ज करवाया तो उसे सीधे सिर में गोली मार दी जायेगी।
अब्दुल अलीम जाफ़री
12 Apr 2022
Lakhimpur Kheri
चित्र साभार: मिलेनियम पोस्ट 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बिलासपुर में रविवार को लखीमपुर खीरी काण्ड, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई थी, के एक और प्रमुख गवाह के उपर कथित तौर पर हमला किया गया।

35 वर्षीय, हरदीप सिंह का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जिला महासचिव मेहर सिंह दयोल और सरनबजीत सिंह ने तीन अन्य के साथ मिलकर कथित तौर पर उनके चेहरे पर पिस्तौल की बट से प्रहार किया था। उन्हें गंभीर चोटें आई हैं।

परिवार का मानना है कि यह सब हरदीप के द्वारा लखीमपुर खीरी घटना की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष बयान दर्ज करने के प्रतिशोधात्मक कार्यवाई के तौर पर हुआ है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया गया है। 

जब एसयूवी से चार किसानों को कुचला गया था तो उस दिन हरदीप तिकोनिया पर मौजूद थे। वे उसी एसयूवी से घायल हुए थे जिसने कथित तौर पर चार किसानों को कुचल डाला था। इस मामले में वे मुख्य गवाह हैं। जिला प्रशासन से इस बारे में लगातार गुहार लगाने बावजूद कि उनकी जान को खतरा है, उन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा मुहैय्या नहीं कराई गई।

बिलासपुर के पुलिस अधिकारी को लिखे अपने पत्र में हरदीप ने लिखा है, “मैं अपने दोस्त सतिंदर सिंह के साथ बिलासपुर से नवाबगंज जा रहा था, और अचानक से मेहर सिंह दयोल ने रोक दिया, जिसके साथ चार अन्य लोग थे। मुझे धमकाया गया कि यदि मैंने गवाहों की सूची से अपना नाम वापस नहीं लिया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। यदि अगली बार मैं आशीष मिश्रा के खिलाफ कोई बयान दर्ज कराने जाऊंगा तो उसने मुझे मेरे सिर पर गोली मारने की भी धमकी दी है।”

उन्होंने संबंधित अधिकारियों से उन्हें समुचित सुरक्षा मुहैय्या कराने और उन आरोपियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने का भी अनुरोध किया है, जो कथित तौर पर उन पर और उनके भाई पर हमला कर रहे हैं।

परिवार के सदस्यों ने कहा, “हरदीप चारों की पहचान कर सकता है क्योंकि वे इसी इलाके के रहने वाले हैं। हमले के बाद, हमने तुरंत पुलिस को सूचित किया और उनके खिलाफ हत्या की कोशिश का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का प्रयास किया। वे सभी मेहर सिंह दयोल के सहयोगी हैं।”

अधिवक्ता प्रशांत भूषण के द्वारा ट्विटर साझा किये गए एक पोस्ट में उन्होंने कहा है, “लखीमपुर खीरी मामले में एक अन्य प्रमुख गवाह हरदीप सिंह पर रामपुर के बिलासपुर में हमला हुआ है।”

पिछले वर्ष 3 अक्टूबर को हुए लखीमपुर खीरी काण्ड के मुख्य गवाह पर यह इस प्रकार का दूसरा हमला है। आशीष मिश्रा और अन्य के द्वारा केंद्र के अब निरस्त कर दिए गये गई तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर चार किसानों और एक पत्रकार को कुचलकर मार डाला गया था।

आशीष एवं 13 अन्य लोगों पर विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था। आशीष और उसका रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला, जमानत पर बाहर हैं जबकि बाकी आरोपी अभी जेल में बंद हैं।

11 मार्च को अधिवक्ता भूषण ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया था कि राज्य में भाजपा की प्रचंड बहुमत से जीत के फ़ौरन बाद ही 10 मार्च की शाम को लखीमपुर खीरी मामले में संरक्षित गवाहों में से एक पर हमला किया गया था। 

गवाह, जो कि पेशे से एक किसान हैं, एक चीनी मिल में गन्ना उतारने जा रहे थे, तभी एक बंदूकधारी ने उन पर हमला कर दिया था।

गवाह ने प्रथिमिकी में दर्ज अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उनपर हमला करने वाले ने कहा था: “हमारे मोनू भैया (स्पष्ट रूप से आरोपी आशीष मिश्रा को संदर्भित करते हुए) अब बाहर आ चुके हैं; वे तुम सबको अब सबक सिखाने वाले हैं।”

एक महीने के अंतराल में दिन-दहाड़े ये दो हमले तब हुए हैं जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में दावा किया था कि उसने 99 व्यक्तियों के साथ-साथ सभी मृतकों के परिवारों को सुरक्षा प्रदान की हुई है। हालाँकि, किसानों का आरोप है कि उन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं मिली है। 

पूर्व में लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने कहा था, “जिन-जिन गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किये गए थे, उन सभी को एक-एक गनमैन मुहैय्या कराया गया है।”

वे किसान, जो लखीमपुर खीरी हिंसा के गवाह रहे हैं, ने आरोप लगाया है कि उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई है। यह सब सर्वोच्च न्यायालय (एससी) के द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को इस हाई-प्रोफाइल मामले में गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश देने के बावजूद है, जिसमें आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Another key Witness in Lakhimpur Kheri Case Attacked

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prashant bhushan
Ashish Mishra
Protest
Lakhimpur Kheri
Farm Laws
Ajay Mishra Teni
BJP

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