NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
आपातकाल : “1975 की तुलना में एक मजबूत संकल्प की ज़रूरत”
तमाम विपक्षी दल और नागरिक समाज आज लोकतंत्र को लेकर पहले से भी ज़्यादा चिंतित है। सभी का मानना है कि देश में पिछले करीब 5 साल से एक अघोषित आपातकाल की स्थिति है, जो सन् 75 से भी ख़राब है। और इसका पूरी मजबूती से सामना करने की ज़रूरत है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
25 Jun 2019
भारत में आपातकाल
Image Courtesy: Navbharat Times

भारत के इतिहास में 25 जून का दिन एक काले दिन के तौर पर याद किया जाता है। आज ही के दिन 1975 में देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई जिसने कई ऐतिहासिक घटनाओं को जन्म दिया। 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल रहा।

तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अधीन देश में आपातकाल की घोषणा की थी। इस आशय के आदेश पर आधी रात के समय हस्ताक्षर किए गए और अगली सुबह यानी 26 जून की सुबह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑल इंडिया रेडियो से इसका ऐलान किया था। आपातकाल स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे विवादास्पद काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे और व्यक्ति और अभिव्यक्ति दोनों की आज़ादी को कुचल दिया गया था।

भाजपा (उस समय जनसंघ) नेता हमेशा आपातकाल का विरोध करते रहे हैं, लेकिन आज उन्हीं की सरकार पर नागरिक अधिकारों को कुचलने का आरोप है। आरोप है कि आज उस समय से भी बुरा अघोषित आपातकाल जारी है। हालांकि आज भी प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं ने आपातकाल के विरोध में ट्वीट और बयान जारी किए।

“अधिनायकवादी सोच पर लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत बेहद कड़ाई से और निडर होकर आपातकाल का विरोध करने वाले महान लोगों को सलाम करता है। अधिनायकवादी सोच पर भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत हुई।’’

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (जेपी नड्डा) ने ट्वीट किया है कि आपातकाल का वक्त ‘‘काला धब्बा है।’’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्विटर के माध्यम से अपने विचार रखे हैं कि कैसे आपातकात भारत के इतिहास का काला अध्याय है।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने याद किया कि कैसे अखबारों को बंद कर दिया गया था और देश के नागरिकों से उनके मौलिक अधिकार छीन लिए गए थे।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लाखों देशभक्तों ने देश में लोकतंत्र की पुन:बहाली के लिए कष्ट उठाए। मैं उन सभी सिपाहियों को सलाम करता हूं।’’

“1975 की तुलना में एक मजबूत संकल्प की ज़रूरत”

वाम दलों ने आज के समय को बेहद चुनौतीपूर्ण बताते हुए नागरिक अधिकारों के लिए सतत संघर्ष का आह्वान किया। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट में कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र है। आपातकाल के रूप में 44 साल पहले इसी दिन इसके एक बुनियादी स्तंभ यानी लोकतंत्र का प्रहार किया गया था। हमें अपनी लड़ाई को याद रखना चाहिए...। इसके साथ ही उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा- “आज, धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र पर हो रहे हमलों से लड़ने के लिए 1975 की तुलना में एक मजबूत संकल्प की आवश्यकता है। यह हमला उन लोगों द्वारा किया गया है जो यह नहीं सोचते कि भारत उनके सभी नागरिकों का है। यह सभी भारतीयों के लिए है, चाहे वे किसी भी भगवान से प्रार्थना करें (या नहीं)।”

Today, a stronger resolve than in 1975 is required, to fight back attacks on Secular Democracy. This attack is by those who don’t think India belongs to all its citizens. But it does, to all Indians irrespective of which god they pray to (or don’t). #Emergency #SecularDemocracy https://t.co/WZlrZeI1kO

— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 25, 2019

“भारत पिछले पांच सालों से ‘सुपर आपातकाल’ से गुजर रहा है”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश पिछले पांच सालों में ‘सुपर आपातकाल’ से गुजर रहा है। ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘आज 1975 में घोषित आपातकाल की वर्षगांठ है। पिछले पांच साल से देश ‘सुपर आपातकाल’ से गुजर रहा है। हमें अपने इतिहास से सबक सीखना चाहिए और देश में लोकतांत्रिक ढांचों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करना चाहिए।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को लोगों से देश में आपातकाल जैसी स्थिति दोबारा ना उत्पन्न होने देने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ आज ही के दिन 44 वर्ष पहले भारत तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा लोकतंत्र पर किए सबसे बड़े हमले का साक्षी बना था। आइए हम इस महान लोकतंत्र के संविधान पर दोबारा ऐसा हमला ना होने देने का संकल्प लें।’’ (भाषा के इनपुट के साथ)

Emergency in India
Emergency
unannounced emergency
घोषित आपातकाल
अघोषित आपातकाल
indira gandhi
Congress
BJP
Narendra modi
Amit Shah
left parties
CPI(M)
Sitaram yechury
mamta banerjee
Arvind Kejriwal

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान


बाकी खबरें

  • padtal dunia ki
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोलंबिया में लाल को बढ़त, यूक्रेन-रूस युद्ध में कौन डाल रहा बारूद
    31 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की' में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने लातिन अमेरिका के देश कोलंबिया में चुनावों में वाम दल के नेता गुस्तावो पेत्रो को मिली बढ़त के असर के बारे में न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर…
  • मुकुंद झा
    छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"
    31 May 2022
    एनईपी 2020 के विरोध में आज दिल्ली में छात्र संसद हुई जिसमें 15 राज्यों के विभिन्न 25 विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल हुए। इस संसद को छात्र नेताओं के अलावा शिक्षकों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    सरकारी एजेंसियाँ सिर्फ विपक्ष पर हमलावर क्यों, मोदी जी?
    31 May 2022
    आज अभिसार शर्मा बता रहे हैं के सरकारी एजेंसियों ,मसलन प्रवर्तन निदेशालय , इनकम टैक्स और सीबीआई सिर्फ विपक्ष से जुड़े राजनेताओं और व्यापारियों पर ही कार्रवाही क्यों करते हैं या गिरफ्तार करते हैं। और ये…
  • रवि शंकर दुबे
    भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़
    31 May 2022
    अटल से लेकर मोदी सरकार तक... सदन के भीतर मुसलमानों की संख्या बताती है कि भाजपा ने इस समुदाय का सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया है।   
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो लीक होने से पेचीदा हुआ मामला, अदालत ने हिन्दू पक्ष को सौंपी गई सीडी वापस लेने से किया इनकार
    31 May 2022
    अदालत ने 30 मई की शाम सभी महिला वादकारियों को सर्वे की रिपोर्ट के साथ वीडियो की सीडी सील लिफाफे में सौंप दी थी। महिलाओं ने अदालत में यह अंडरटेकिंग दी थी कि वो सर्वे से संबंधित फोटो-वीडियो कहीं…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License