आपातकाल के 40 वर्ष पूरे होने पर न्यूज़क्लिक ने प्रबीर पुरकायस्थ से बात की जो उस वक़्त जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र थे और राजनैतिक गतिविधियों के कारण उन्हें मीसा के तहत एक साल जेल में गुजारना पड़ा. प्रबीर ने बताया कि आपातकाल के समय पूरा देश ही जेल था जहाँ किसी को कुछ भी बोलने की आज़ादी नहीं थी. इंदिरा शासन के खिलाफ चल रहे लगातार आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों ने इंदिरा गाँधी को आपातकाल लागू करने के लिए मजबूर किया. प्रबीर ने जे.पी आन्दोलन एवं उससे उभरे छात्र नेताओं की भी बात की जिसमे लालू, शरद यादव शामिल थे. उनके अनुसार वर्तमान परिस्थितियां भी आपातकाल जैसी है.
