NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आर्जेंटीना में महिलाओं की बड़ी जीतः गर्भपात को क़ानूनी रूप देने वाला विधेयक प्रतिनिधि सभा में पारित
तीस वर्षों के लगातार संघर्ष के बाद गर्भपात को अब क़ानूनी मान्यता मिलने की संभावना है।

द डॉन न्यूज़
19 Jun 2018
feminist movement

बुधवार यानी 13 जून को आर्जेटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में कांग्रेस के बाहर क़रीब दस लाख लोग गर्भपात को क़ानूनी रूप देने की मांग को लेकर अपना समर्थन दिखाने के लिए इकट्ठा हुए। इस दौरान हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में विधेयक पर चर्चा हो रही थी। ये विधेयक 14 सप्ताह तक 'गर्भावस्था के स्वैच्छिक बाधा' को क़ानूनी रूप देगा। गर्दन में हरा स्कार्फ लपेटे महिलाओं की भीड़ बुधवार की सुबह से गुरूवार की सुबह तक कांग्रेस के बाहर डटी रही। क़रीब 22 घंटे की बहस के बाद 14 जून गुरुवार को प्रतिनिधि सभा में परिणाम घोषित कर दिया गया। सदन के 129 सदस्यों ने इस विधेयक के समर्थन में वोट किया जबकि 125 ने इसके विरोध में वोट किया। अब ये विधेयक सीनेट में जाएगा जहां आसानी से पारित होने की उम्मीद है।

बुधवार को यहां इकट्टा हुए लोगों में अर्जेंटीना के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग शामिल थें। इनमें सामाजिक कार्यकर्ता, नारीवादी संगठन, राजनीतिक दल, हाई स्कूल के छात्र, परिवार, कैथोलिक समूह और ट्रेड यूनियन शामिल थें। कई लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जीत इसमें थी कि हजारों लोग इस क़ानून के समर्थन में सड़कों पर आए। विशेष रूप से बड़ी संख्या में युवा इसमें भाग ले रहे थे। कपकपाती ठंड में हजारों लोग कांग्रेस के बाहर शिविर लगा कर इस विधेयक के नतीजे की घोषणा होने का इंतज़ार कर रहे थें। मतदान के दिन कई हाईस्कूल के छात्र समूहों ने इस विधेयक के समर्थन में अपने संस्थानों की गतिविधियों को साबित किया।

 

feminist movement

कैथोलिक वीमेन फॉर द राइट टू डिसाइड की सदस्य मोनिका मेनिनी कांग्रेस के बाहर इकट्ठा हुए लोगों में शामिल थीं। उन्होंने अपने साल्टा प्रांत में गर्भपात पर बहस के संदर्भ में टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "साल्टा में राजनीतिक शक्ति कैथोलिक चर्च के साथ संबद्ध है। यह वहीं प्रांत है जहां जबसे गवर्नर [जुआन मैनुअल]उर्टूबे ने पद संभाला है तब से उच्च विद्यालयों को कैथोलिक शिक्षा देने के लिए बाध्य किया है। इस प्रकार की शिक्षा का मतलब है कि सरकारी स्कूलों में कोई व्यापक यौन शिक्षा नहीं होती है। यह प्रांत में किशोरावस्था की गर्भ के रोकथाम को प्रभावित करता है जहां प्रति वर्ष गर्भपात के लिए 25 वर्ष से कम उम्र की3,500 लड़कियां अस्पताल में भर्ती की जाती है और 10 से 15 वर्ष की लड़कियों के जबरन मातृत्व के 40 मामले दर्ज किए जाते हैं। अर्जेंटीना के इस प्रांत में ही महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध दर सबसे ज़्यादा है।"

"कैथोलिक महिला के रूप में हम कहते हैं कि यह हमारा धर्म नहीं है क्योंकि धार्मिक कट्टरतावाद महिलाओं के लिए सम्मानित परिस्थितियों का निर्माण नहीं करता है। साल्टा के सात विधायक हैं जिन्होंने गर्भपात के ख़िलाफ़ मतदान किए लेकिन हम सल्टा की महिलाएं सड़कों पर हैं और मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि साल्टा की कैथोलिक महिलाएं हर दिन गर्भपात करती हैं।"

feminist movement

फ्रेन्टे पॉपुलर डैरियो सैंटिलान के एक कार्यकर्ता डेनिला भी कांग्रेस के बाहर इकट्ठा हुए लोगों में शामिल रहे। डेनिला ने कहा, "मैं ट्रांसजेंडर हूं। ट्रांसवीमेन के रूप में हम इस संघर्ष का समर्थन करते रहे हैं क्योंकि हम अपने शरीर के बारे में निर्णय लेने के लिए स्वायत्तता की मांग को समझते हैं। हम में से कई गुप्त जगहों में भी मर गए हैं। हम इस मांग का समर्थन करते हैं कि महिलाओं को अब गुप्त गर्भपात कराने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए, बल्कि यह एक बेहतर जगह पर कर सकती है जिसका वे हक़दार हैं। अक्सर ऐसी ग़रीब महिलाएं होती हैं जो ग्रामीण इलाकों से आती हैं जिनके पास वित्तीय संसाधन नहीं हैं और जिन्हें सूचना से वंचित रखा जाता है। इसलिए हम इस अभियान का समर्थन करने में सक्रिय रहे हैं।"

इस क़ानून के समर्थकों ने इस तथ्य को उजागर किया है कि ये विधेयक उन लोगों को सुरक्षित और का़नूनी गर्भपात कराने की गारंटी देने को लेकर है जिन्हें इसकी आवश्यकता है। इस कार्रवाई का मतलब है कि फलते फूलते लाभदायक और ख़तरनाक गुप्त गर्भपात बाजार के संपन्न होने के कारण होने वाली मौत और तकलीफ़ से बचाव करना।

गर्भपात पर सख्त क़ानूनों वाले महाद्वीपों में से एक लैटिन अमेरिका है। ये कानून इस महाद्वीप में गर्भपात की अनुमति नहीं देता है; इसने ज़्यादातर वंचित महिलाओं के लिए इस्तेमाल को और अधिक ख़तरनाक और मुश्किल बना दिया है। हालांकि हाल के वर्षों में यह मुद्दा इस पूरे महाद्वीप में नारीवादी, महिला,एलजीबीटीक्यू और सामाजिक आंदोलनों के एजेंडे का तेज़ी से बढ़ता हुआ प्रमुख हिस्सा रहा है। अर्जेंटीना में ये जीत लैटिन अमेरिका में ऐसे संघर्षों में शामिल लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।

 

feminist movement

यहां इस ऐतिहासिक संघर्ष से कुछ नारे दिए गए हैं:

 

“Educación sexual para decidir, anticonceptivos para no abortar, aborto legal para no morir”

यौन शिक्षा निर्णय करेगा, गर्भनिरोधक गर्भपात रोकेगा, क़ानूनी गर्भपात ख़त्म नहीं होगा

“Aborto legal en el hospital”

अस्पताल में क़ानूनी गर्भपात

“Luchar por la compañera le gusta a usted, le gusta a usted, y ahora que estamos juntas y ahora que sí nos ven, abajo el patriarcado que va a caer, que va a caer! arriba el feminismo que va a vencer, va a vencer! ”

हम महिला दोस्तों के साथ लड़ना पसंद करते हैं! और अब जब हम एक साथ हैं, और अब वे हमें देखते हैं, पितृसत्ता को तोड़ दो क्योंकि यह ख़त्म होने वाला है, यह खत्म होने वाला है! नारीवाद को आगे बढ़ाओ क्योंकि यह जीतेगा, यह जीतेगा!

“Si el papa fuera mujer, el aborto sería ley”

"काश पोप महिला होते तो गर्भपात क़ानूनी होता"

“Alerta, alerta, alerta que camina, la lucha feminista por América Latina! Y tiemblan, y tiemblan, y tiemblan los machistas, América Latina va a ser toda feminista”

"सावधान, सावधान, सावधान रहो कि वहां कौन जाता है, लैटिन अमेरिका के लिए नारीवादी संघर्ष! और डरो, डरो मातृसत्ता से डरो, लैटिन अमेरिका पूरी तरह नारीवादी होगा!"

 

feminist movement feminist movement

Argentina
feminist victory
feminist movement

Related Stories

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

डेली राउंड अप : देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर, कश्मीर के बिगड़ते हालात, और अन्य ख़बरें

Daily Round-up: चुनाव नतीजे आने के बाद से राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं पर हमले बढ़े


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 
    20 May 2022
    देश में दो दिनों तक गिरावट के बाद फिर से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी है। देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,259 नए मामले सामने आए हैं। 
  • पारस नाथ सिंह
    राज्यपाल प्रतीकात्मक है, राज्य सरकार वास्तविकता है: उच्चतम न्यायालय
    20 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के एक दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा कर दिया, क्योंकि तमिलनाडु के राज्यपाल ने राज्य मंत्रिमंडल की सज़ा को माफ़ करने की सलाह को बाध्यकारी नहीं माना।
  • विजय विनीत
    मुद्दा: ज्ञानवापी मस्जिद का शिवलिंग असली है तो विश्वनाथ मंदिर में 250 सालों से जिसकी पूजा हो रही वह क्या है?
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े सवालों का जवाब ढूंढने के लिए ‘न्यूज़क्लिक’ के लिए बनारस में ऐसे लोगों से सीधी बात की, जिन्होंने अपना बचपन इसी धार्मिक स्थल पर गुज़ारा।
  • पार्थ एस घोष
    पीएम मोदी को नेहरू से इतनी दिक़्क़त क्यों है?
    19 May 2022
    यह हो सकता है कि आरएसएस के प्रचारक के रूप में उनके प्रशिक्षण में ही नेहरू के लिए अपार नफ़रत को समाहित कर दी गई हो। फिर भी देश के प्रधानमंत्री के रूप में किए गए कार्यों की जवाबदेही तो मोदी की है। अगर…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी, ताज, क़ुतुब पर बहस? महंगाई-बेरोज़गारी से क्यों भटकाया जा रहा ?
    19 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों जनता को महंगाई, बेरोज़गारी आदि मुद्दों से भटकाया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License