NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
फिल्में
समाज
भारत
राजनीति
आर्टिकल 15 : एक आधी-अधूरी कोशिश!
‘कहब त लाग जाइ धक से...’ जी हां, धक से तो लगा लेकिन धड़ाक से नहीं। ‘आर्टिकल 15’ एक अच्छी फ़िल्म है, और अच्छी हो सकती थी। सभी आलोचनाओं का स्वागत किया जाना चाहिए ताकि बात आगे बढ़ सके क्योंकि बात सिर्फ़ एक फ़िल्म तक सीमित नहीं है, बल्कि बात हमारे समाज की है। प्रतिरोध और बदलाव की है।
न्यूज़क्लिक प्रोडक्शन
05 Jul 2019

‘कहब त लाग जाइ धक से...’ जी हां, धक से तो लगा लेकिन धड़ाक से नहीं। ‘आर्टिकल 15’ एक अच्छी फ़िल्म है, और अच्छी हो सकती थी। ख़ैर गुंजाइश सबके लिए है। फिलहाल फ़िल्म के निर्देशक अनुभव सिन्हा और सहलेखक गौरव सोलंकी की इस बात के लिए तारीफ़ होनी ही चाहिए कि उन्होंने एक ऐसे विषय पर फ़िल्म बनाई जिसपर लोग बात करना कम पसंद करते हैं। अब फ़िल्म का एक सामाजिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य है तो इससे उम्मीद और अपेक्षाएं भी ज़्यादा होंगी और आलोचना भी ख़ूब होगी। सभी आलोचनाओं का स्वागत किया जाना चाहिए ताकि बात आगे बढ़ सके क्योंकि बात सिर्फ़ एक फ़िल्म तक सीमित नहीं है, बल्कि बात हमारे समाज की है। प्रतिरोध और बदलाव की है।

article 15
film
socio-political situation of India
Anubhav Sinha
gaurav solanki
social justice
Brahmanism
atrocities on dalits
Attack on dalits
Dalit assertion
sc-st
Ayushmann Khurana
zeeshan ayyub

Related Stories

फ़िल्म: एक भारतीयता की पहचान वाले तथाकथित पैमानों पर ज़रूरी सवाल उठाती 'अनेक' 

भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत : नहीं रहे हमारे शहज़ादे सलीम, नहीं रहे दिलीप कुमार

शैलेंद्र: किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार... जीना इसी का नाम है

जल-जंगल-ज़मीन पर बनी फ़िल्म “स्प्रिंग थंडर” के निर्देशक श्रीराम डाल्टन से एक मुलाक़ात

मीरा नायर को ‘टीआईएफएफ ट्रिब्यूट’ पुरस्कार से नवाज़ा गया

थप्पड़ फ़िल्म रिव्यू : यह फ़िल्म पितृसत्तात्मक सोच पर एक करारा थप्पड़ है!

‘हमारी फिल्मों का ‘ऑस्कर’ वाला ख्व़ाब’!

'छपाक’: क्या हिन्दू-मुस्लिम का झूठ फैलाने वाले अब माफ़ी मांगेंगे!

आर्टिकल 15 : लेकिन राजा की ज़रूरत ही क्या है!

पैड वुमन : हापुड़ से लॉस एंजेलिस तक का सफ़र


बाकी खबरें

  • भाषा
    मोहाली में पुलिस मुख्यालय पर ग्रेनेड हमला
    10 May 2022
    मोहाली पुलिस ने एक बयान में कहा, ''शाम 7.45 बजे सेक्टर 77, एसएएस नगर में पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय परिसर में एक मामूली विस्फोट की सूचना मिली। किसी नुकसान की सूचना नहीं है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अनिश्चितता के इस दौर में रौशनी दिखाता श्रमिकों का संघर्ष  
    10 May 2022
    पोटेरे अल पोपोलो के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं ने 6 से 8 मई तक इटली के रोम में आयोजित वर्ल्ड फ़ेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियन्स की 18वीं कांग्रेस को संबोधित किया।
  • शाओनी दास
    ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) क़ानून और न्याय की एक लंबी लड़ाई
    10 May 2022
    ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) क़ानून, 1967 [यूएपीए] को 14 सितंबर, 2020 को हुए दिल्ली दंगों में कथित साज़िशकर्ताओं के ख़िलाफ़ इस्तेमाल गया है।
  • अजय कुमार
    क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?
    10 May 2022
    मौजूदा वक़्त की हालत यह है कि वित्तीय बाजार की पूरी दुनिया पर डॉलर का दबदबा है। लंदन, न्यूयॉर्क से वित्तीय बाजार नियंत्रित हो रहा है लेकिन दुनिया के उत्पादन श्रृंखला पर अमेरिका का दबदबा नहीं है।
  • राज वाल्मीकि
    मेरे लेखन का उद्देश्य मूलरूप से दलित और स्त्री विमर्श है: सुशीला टाकभौरे
    10 May 2022
    सुशीला टाकभौरे ने कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक आदि कई विधाओं में लेखन किया है। कई कहानियां, कविता और उपन्यास, आत्मकथा विभिन्न राज्यों के पाठ्यक्रम में लगी हुई हैं। आपको कई पुरस्कारों से सम्मानित किया…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License