NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आर्टिकल 370 के हटने के बाद क्या हैं कश्मीर के हालात 
राज्यसभा के बाद लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पर बहस जारी है, लेकिन उधर दिल्ली से इतर कश्मीर के हालात थोड़े अलग हैं। घाटी के हालात पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी सना से 'वॉइस नोट्स' के जरिए न्यूज़क्लिक ने बातचीत की।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Aug 2019
article 370

राजधानी दिल्ली में देश की संसद में जम्मू-कश्मीर पर बहस जारी है। सोमवार को राज्यसभा में जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन और 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के विधेयक के पास होने के बाद आज, मंगलवार को लोकसभा इसपर चर्चा कर रही है। लेकिन दिल्ली से इतर कश्मीर के हालात थोड़े अलग हैं। 

आर्टिकल 370 हटने के बाद पुलिस ने सोमवार शाम को जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के अलावा सज्जाद लोन व इमरान अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला समेत मुख्यधारा के एक दर्जन नेताओं के साथ कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज मौलवी उमर फारूक समेत कई प्रमुख अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है।  

घाटी में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद करने के साथ ही श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई है। वादी के महत्वपूर्ण संस्थानों और संवेदनशील क्षेत्रों की चौकसी बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात हैं। राज्य के सभी जिलों में तमाम शिक्षण संस्थान अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रशासनिक मशीनरी से पूरी तरह सजग रहने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए समन्वित प्रयास करने का निर्देश दिया है। साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों, मजहबी संगठनों व सामाजिक संगठनों के नेताओं व आम जनता से कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में राज्य प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।

संसद में जम्मू कश्मीर को लेकर सोमवार हुए राजनीतिक घटनाक्रम से पैदा हालात के बीच सेना की उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की है। 

घाटी के हालात पर कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा जावेद (घर का नाम सना) से 'वॉइस नोट्स' के जरिए न्यूज़क्लिक ने बातचीत की। 

उन्होंने बताया, 'कश्मीर में हालात बिल्कुल ठीक नहीं है। यहां एक खौफ का माहौल है। हालांकि लोगों को हफ्ते भर से कुछ अंदेशा था, जब से अमरनाथ यात्रा रोकी गई थी और पर्यटकों को यहां से बाहर भेजा गया था। अब जबसे केंद्र ने आर्टिकल 370 को लेकर फैसला किया तब से हालात बहुत ही तनावपूर्ण है। किसी को कुछ पता नहीं है कि आपस में एक दूसरे से कैसे बात करें। बड़ी संख्या में लोगों को अपने ही घरों में कैद कर दिया गया है। पता नहीं केंद्र सरकार कश्मीर के लोगों को ऐसे कितने दिनों तक रखने वाली है।' 

दो पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा, 'सबसे पहले उमर (अब्दुल्लाह) साहब ने ट्वीट किया। फिर मेरी मां को भी इस बारे में पता चला। मेरी मां सोमवार शाम तक नज़रबंद थीं। उन्हें किसी से मुलाकात नहीं करने दिया जा रहा था। अब उन्हें अलग से गेस्ट हाउस में रखा गया है। दिल्ली सरकार ने उन्हें अपने परिवार से भी दूर कर दिया है। वह उन्हें भावनात्मक रूप से तोड़ना चाहती है लेकिन मैं सबको बताना चाहती हूं कि वह बहुत मजबूत लेडी हैं। इससे भी वह बाहर निकल जाएंगी। सरकार जो तरीके अपना रही है कश्मीरियों पर, वह असंवैधानिक और गैरकानूनी है। देश के कई बड़े वकीलों ने भी सरकार के इस फैसले को गैरकानूनी बताया है। कश्मीर के सभी राजनीतिक दल मिलकर इस फैसले को चुनौती देंगे। हमारी लड़ाई इसके खिलाफ जारी रहेगी।'

इल्तिजा जावेद ने कश्मीर से इतर देश के दूसरे लोगों से इस मसले पर सपोर्ट की अपील की है। उन्होंने कहा, 'मेरी भारत के लोगों से अपील है कि वो सारी स्थिति के बारे में ठीक से समझे। आपको जो बताया जा रहा है कश्मीर की वास्तविक स्थिति उससे बहुत अलग है। आपकी कंडीशनिंग ऐसी की जा रही है कि आपको कश्मीर के लोगों से नफरत हो। कश्मीर के लोगों ने बहुत कष्ट झेला है। कश्मीर के आज के हालात पर आपको अगर खुशी है तो आपको यह समझना होगा कि कल यह आपके साथ भी हो सकता है। कश्मीरियों के लिए अभी मुश्किल हालात है। आपसे अपील है कि आप कश्मीरियों के लिए प्यार और सहानुभूति भरा व्यवहार करें। अपनी आंख और दिल खोल कर रखिए। कश्मीरियों की स्थिति को समझिए। इस पूरे मसले को ढंग से समझिए।' 

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोग तो घबराए हुए हैं ही, वो लोग भी घबराए हैं जो अपने घरों से दूर हैं। सोशल मीडिया पर बहुत से लोग से कश्मीर से बाहर हैं और इंटरनेट तक उनकी पहुंच है ऐसे पोस्ट लिख रहे हैं। घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा ठप होने के चलते यह बेचैनी ज्यादा है। 

गौरतलब है कि अमेरिका के एक मीडिया संगठन ने भारत से कश्मीर में इंटरनेट एवं संचार सेवाओं को बहाल करने का आग्रह किया है। घाटी में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए एहतियाती कदम उठाते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। 
 

अमेरिका के कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने बयान में जम्मू-कश्मीर में संचार सेवाओं को बाधित करने पर चिंता व्यक्त की है। 

सीपीजे की एशिया कार्यक्रम की वरिष्ठ शोधकर्ता आलिया इफ्तिखार ने कहा है, 'कश्मीर में इस अहम वक्त में संचार सेवाओं को बाधित करना स्वतंत्र प्रेस से सूचनाएं पाने के नागरिकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।'

उन्होंने कहा, 'हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रशासन से आग्रह करते हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि कश्मीर में संचार सेवाओं पर लगी रोक को हटाई जाए और पत्रकार स्वतंत्र रूप से रिपोर्ट कर सके। लोकतंत्र में संचार को बाधित करने की कोई जगह नहीं है।'

Jammu and Kashmir
Article 370
Article 35(A)
Indian constitution
Indian army
BJP
Narendra modi
Amit Shah
mehbooba mufti
kashmiri people's
internet ban

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका में सत्ता बदल के बिना जनता नहीं रुकेगीः डॉ. सिवा प्रज्ञासम
    12 May 2022
    स्पेशल इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बात की, श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता-ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता डॉ. सिवा प्रज्ञासम से और जानने की कोशिश की कि किस दिशा में बढ़ रहा है आंदोलन।
  •  delimitation report
    न्यूज़क्लिक टीम
    जम्मू कश्मीर की Delimitation की रिपोर्ट क्या कहती है?
    12 May 2022
    जम्मू कश्मीर से जुड़ा परिसीमन की रिपोर्ट क्या कहती है? भाजपा इस रिपोर्ट पर खुश क्यों हैं और भाजपा के अलावा दूसरी पार्टियां खफा क्यों है? क्या निष्पक्ष ढंग से परिसीमन किया गया? जम्मू कश्मीर के परिसीमन…
  • दमयन्ती धर
    खंभात दंगों की निष्पक्ष जाँच की मांग करते हुए मुस्लिमों ने गुजरात उच्च न्यायालय का किया रुख
    12 May 2022
    याचिका के मुताबिक पुलिस कथित तौर पर हिंदुओं और मुस्लिमों के द्वारा दायर की गई प्राथमिकियों पर जानबूझकर अलग-अलग तरीके से और दुर्भावनापूर्ण तरीके से जांच कर रही है।
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    शाहीन बाग से खरगोन : मुस्लिम महिलाओं का शांतिपूर्ण संघर्ष !
    12 May 2022
    बोल के लब के आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं खरगोन में मुस्लिम महिलाओं के रैली की जिसमे निर्दोष लोगो को रिहा करने की मांग की गई हैं।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    योगी 2.0 का पहला बड़ा फैसला: लाभार्थियों को नहीं मिला 3 महीने से मुफ़्त राशन 
    12 May 2022
    पीएमजीकेएवाई ने भाजपा को विधानसभा चुनाव जीतने में मदद की थी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License