NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
आर्थिक मंदी से निपटने के लिए आम आदमी की ही जेब काटती नज़र आ रही है सरकार
सरकार खाद्यय पदार्थ के तौर पर उपयोग होने वाले वनस्पति तेल के आयात शुल्क में 5 फीसदी की और बढ़ोतरी करने का विचार कर रही है।
पुलकित कुमार शर्मा
02 Sep 2019
high tax
Image courtesy:Center of the American Experiment

आर्थिक मंदी से हड़बड़ाई मोदी सरकार उल्टे-सीधे कदम उठाने लगी है। सरकार को लगता हैं कि बड़े-बड़े उद्योगपतियों को पैसे बाँट कर और आम जनता की जेब काट कर समस्या का समाधान हो सकता है लेकिन मोदी सरकार शायद यह भूल रही हैं की असल समस्या सिर्फ यह नहीं हैं कि फंड की कमी के कारण कंपनी बंद हो रही हैं, बल्कि असल समस्या यह है कि कंपनियां जो उत्पादन कर रही हैं बढ़ती बेरोज़गारी के कारण लोगों की क्रय क्षमता में कमी आ रही है जिसके परिणाम स्वरूप अर्थव्यवस्था में मंदी छाई हुई है।

सरकार खाद्यय पदार्थ के तौर पर उपयोग होने वाले वनस्पति तेल के आयात शुल्क में 5 फीसदी की और बढ़ोतरी करने का विचार कर रही है। आपको बता दें कि पेट्रोलियम ऑयल और सोने के बाद सबसे ज्यादा आयात वनस्पति तेल का किया जाता है, जिसमें लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च होते हैं। देश में कुल वनस्पत्ति तेल की खपत लगभग 25.04 मिलियन टन की होती है जिसका लगभग 10.06 मिलियन टन (41%) तेल ही देश में उत्पादन किया जाता हैं और 14.98 मिलियन टन (59%) खाद्यय वनस्पत्ति तेल विदेशों से आयात किया जाता है।

कुल उपलब्ध तेल का लगभग 24.39 मिलियन टन (98%) खाद्यय पदार्थों में इस्तेमाल किया जाता है और मात्र 0.65 मिलियन टन (2%) वनस्पत्ति तेल ही निर्यात व औद्योगिक उपयोग में इस्तेमाल किया जाता हैं
graph_0.PNG
अब बात करते हैं कि सरकार किस तरह से जनता की जेब काट रही है।

जहां सरकार को लग्ज़री वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाना चाहिए, उसके बजाय सरकार उन वस्तुओं पर टैक्स बढ़ा रही है जो आम जनता की ज़रूरत हैं। जहां पहले से ही कच्चे वनस्पत्ति तेल पर 40% का और रिफाइन वनस्पत्ति तेल पर 50% का टैक्स लगा हुआ है, सरकार उसमें और 5% की वृद्धि करना चाहती है।

टैक्स बढ़ते ही वनस्पति तेल के दामों में वृद्धि हो जाएगी जिसकी वसूली आम जनता की जेब से ही की जाएगी। हालांकि सरकार अपने पूरे कार्यकाल में आम जनता की जेब से ही पैसे निकालने का काम करती रही है। चाहे वह नोटबंदी के मध्यम से हो या फिर जी. एस. टी. के जरिये।

सरकार की इन्हीं गलत नीतियों के कारण आज देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहा हैं क्योंकि जहां बेरोज़गारी अपनी चरम सीमा पर है, रोज़गार के नये संसाधन दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहे और जो रोज़गार मिले हुए हैं वो भी लगातार घटते नज़र आ रहे हैं, ऐसे में क्या आम लोगों की मांग में वृद्धि हो सकती है।

ऐसी गंभीर स्थिति में बीजेपी के बड़े-बड़े नेता अलग ही बयानबाज़ी करते नज़र आ रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह का कहना हैं कि अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है और साथ ही कहते हैं सरकार ने पाँच सालों में महंगाई को बांध कर रखा है। शाह जी का कहना बिल्कुल ठीक है जब लोगों को रोज़गार नहीं मिलेगा, जब लोगों की आमदनी नहीं होगी तो लोगों में खरीदने की क्षमता ही नहीं रहेगी और इससे महंगाई तो कम हो ही जाएगी!

indian economy
economic crises
Finance minister Nirmala Sitharaman
Import duty
Modi government
BJP
Amit Shah
Narendera Modi

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License