NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आर्थिक समीक्षा: निवेश में गिरावट का दौर खत्म होने के संकेत, वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2018-19 की आर्थिक समीक्षा गुरुवार को संसद में पेश की।
भाषा
04 Jul 2019
फाइल फोटो

आम बजट से एक दिन पहले संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक हालात बेहतर होंगे और आर्थिक वृद्धि सात प्रतिशत तक पहुंच जाने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि देश को अगले पांच साल के दौरान 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये निरंतर आठ प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि के साथ आगे बढ़ना होगा।
 
समीक्षा में उम्मीद जताई गई है कि निवेश में गिरावट का दौर खत्म हो गया लगता है। उपभोक्ता मांग और बैंकों के कर्ज कारोबारमें वृद्धि में वृद्धि के संकेत मिलने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011- 12 से निवेश में गिरावट का रुख बना हुआ है। कई अर्थशास्त्रियों ने अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया है। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2018-19 की आर्थिक समीक्षा बृहस्पतिवार को संसद में पेश की।आर्थिक समीक्षा को सरकार की आर्थिक नीतियों का आईना माना जाता है। इसमें आगाह किया गया है कि आर्थिक वृद्धि की गति धीमी पड़ने से कर संग्रह पर असर पड़ रहा है और ऐसे में कृषि क्षेत्र में बढ़ता खर्च सरकार के लिये राजकोषीय मोर्चे पर समस्या खड़ी कर सकता है। 

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018- 19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वास्तविक वृद्धि दर पांच साल के निम्न स्तर 6.8 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पिछले वर्ष 2017- 18 में यह 7.2 प्रतिशत रही थी। वित्त वर्ष की चौथी तिमाही की यदि बात की जाये तो जनवरी से मार्च के तीन महीने में जीडीपी वृद्धि 5.8 प्रतिशत रही जो कि चीन की इस अवधि के दौरान हासिल 6.4 प्रतिशत वृद्धि से नीचे रही है। हालांकि, समीक्षा में उम्मीद जताई गई है कि 2019- 20 में यह तेजी से सुधरकर सात प्रतिशत पर पहुंच जाने की उम्मीद है।

समीक्षा में कहा गया है कि 2024- 25 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लिये आने वाले सालों में लगातार आठ प्रतिशत की सालाना आर्थिक वृद्धि के साथ आगे बढ़ना होगा।

वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम द्वारा तैयार आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि विशेषतौर पर निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर ही तीव्र आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ा जा सकता है। निजी निवेश से ही मांग, क्षमता निर्माण, श्रम उत्पादकता बढ़ती है। इससे नई प्रौद्योगिकी भी इस्तेमाल में लाई जाती है और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। 

आर्थिक समीक्षा में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को उनके दायरे से बाहर निकालने वाली नीतियों पर जोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ने के अवसर मिलने चाहिये ताकि इनमें रोजगार और उत्पादकता बढ़ सके। 

समीक्षा में कहा गया है कि एमएसएमई क्षेत्र में इकाइयों के बौना बने रहने के बजाय बड़ी कंपनी बनने की क्षमता रखने वाली नई/युवा कंपनियों को बढ़ावा देने के लिये नीतियों को नई दिशा दी जानी चाहिये।
 
देश की युवा आबादी के बाद समीक्षा में अब बुजुर्गों की बढ़ती संख्या पर गौर किया गया है। इसमें कहा गया है कि सरकार को बुजुर्गों की बढ़ती आबादी के लिये अभी से तैयारियों शुरू कर देनी चाहिये। उनके लिये स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाना होगा और साथ ही सेवानिवृति आयु को भी चरणबद्ध तरीके से बढ़ाने की जरूरत हे। 

व्हाटसअप, फेसबुक और ऐसे ही विभिन्न मंचों पर नागिरकों से जुड़ी जानकारी एकत्रित होने और उनके संग्रह को लेकर छिड़ी बहस के बीच समीक्षा में कहा गया है कि इन जानकारियों को लेकार सामाजिक रूचि काफी बढ़ी है इसलिये डेटा जनता के, जनता द्वारा जनता के लिये होने चाहिये। 

समीक्षा में कहा गया है कि समावेशी आर्थिक वृद्धि हासिल करने के रास्ते में वेतन और मजदूरी की असमानता बड़ी रुकावट है। समीक्षा में इसके लिये कानूनी सुधारों, नीतियों में निरंतरता, सक्षम श्रम बाजारों और प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल पर जोर दिया गया है। 

विभिन्न स्तरों पर अनुबंधों को लागू करने को कारोबार सुगमता के क्षेत्र में रैंकिंग सुधारने के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट बताया गया है। इस स्थिति सुधार लाने की वकालत की गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था में उपभोग यानी खपत का जीडीपी में 60 प्रतिशत योगदान है।

समीक्षा में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान कच्चे तेल के दाम में गिरावट बनी रहेगी। इससे खपत बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, इसके साथ ही सावधान भी किया गया है कि खपत में कमी का जोखिम भी बना हुआ है।

ग्रामीण क्षेत्र में मांग कितनी बढ़ेगी यह कृषि क्षेत्र में हालात बेहतर होने और कृषि उपज की मूल्य स्थिति से तय होगा। मानसून की स्थिति पर भी काफी कुछ निर्भर होगा। कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है। 

इसका फसल उत्पादन पर असर पड़ सकता है। समीक्षा में पानी के कुशल उपयोग पर भी जोर दिया गया है। सिंचाई में पानी के बेहतर इस्तेमाल के लिये नई नीति बनाने को कहा गया है। 
     


 

economic survey
Finance minister Nirmala Sitharaman
Nirmala Sitharaman
Parliament
GDP growth rate
Economic Survey 2018-19

Related Stories

क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?

विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी

कन्क्लूसिव लैंड टाईटलिंग की भारत सरकार की बड़ी छलांग

17वीं लोकसभा की दो सालों की उपलब्धियां: एक भ्रामक दस्तावेज़

संसद में तीनों दिल्ली नगर निगम के एकीकरण का प्रस्ताव, AAP ने कहा- भाजपा को हार का डर

महामारी के मद्देनजर कामगार वर्ग की ज़रूरतों के अनुरूप शहरों की योजना में बदलाव की आवश्यकता  

5,000 कस्बों और शहरों की समस्याओं का समाधान करने में केंद्रीय बजट फेल

केंद्रीय बजट 2022-23 में पूंजीगत खर्च बढ़ाने के पीछे का सच

विशेषज्ञों के हिसाब से मनरेगा के लिए बजट का आवंटन पर्याप्त नहीं

स्वास्थ्य बजट: कोरोना के भयानक दौर को क्या भूल गई सरकार?


बाकी खबरें

  • भाषा
    हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल, कहा प्रधानमंत्री का छोटा सिपाही बनकर काम करूंगा
    02 Jun 2022
    भाजपा में शामिल होने से पहले ट्वीट किया कि वह प्रधानमंत्री के एक ‘‘सिपाही’’ के तौर पर काम करेंगे और एक ‘‘नए अध्याय’’ का आरंभ करेंगे।
  • अजय कुमार
    क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?
    02 Jun 2022
    सवाल यही उठता है कि जब देश में 90 प्रतिशत लोगों की मासिक आमदनी 25 हजार से कम है, लेबर फोर्स से देश की 54 करोड़ आबादी बाहर है, तो महंगाई के केवल इस कारण को ज्यादा तवज्जो क्यों दी जाए कि जब 'कम सामान और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 
    02 Jun 2022
    दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बाद केरल और महाराष्ट्र में कोरोना ने कहर मचाना शुरू कर दिया है। केरल में ढ़ाई महीने और महाराष्ट्र में क़रीब साढ़े तीन महीने बाद कोरोना के एक हज़ार से ज्यादा मामले सामने…
  • एम. के. भद्रकुमार
    बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव
    02 Jun 2022
    एनआईटी ऑप-एड में अमेरिकी राष्ट्रपति के शब्दों का उदास स्वर, उनकी अड़ियल और प्रवृत्तिपूर्ण पिछली टिप्पणियों के ठीक विपरीत है।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    नर्मदा के पानी से कैंसर का ख़तरा, लिवर और किडनी पर गंभीर दुष्प्रभाव: रिपोर्ट
    02 Jun 2022
    नर्मदा का पानी पीने से कैंसर का खतरा, घरेलू कार्यों के लिए भी अयोग्य, जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, मेधा पाटकर बोलीं- नर्मदा का शुद्धिकरण करोड़ो के फंड से नहीं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट रोकने से…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License