NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कश्मीर में एक आर्मी-संचालित स्कूल की ओर से कर्मचारियों को हिजाब न पहनने के निर्देश
पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती ने भाजपा पर महिलाओं की आजादी पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया है।
अनीस ज़रगर
28 Apr 2022
hijab
प्रतिनिधि चित्र। चित्र साभार: पीटीआई

श्रीनगर: कश्मीर के बारामूला में दिव्यांग बच्चों के लिए एक सेना द्वारा संचालित एक स्कूल ने अपने कर्मचारियों को स्कूल में कामकाज के घंटों के दौरान हिजाब न पहनने के निर्देश दिए हैं, जिसको लेकर केंद्र शासित प्रदेश में तीखी आलोचना हो रही है।

सोमवार को जारी एक सर्कुलर में, डागर परिवार स्कूल की संयुक्त प्रबंधन समिति ने कहा है: “परिवार स्कूल बच्चों को भावनात्मक एवं नैतिक रूप से सीखने और विकसित करने का स्थान है। स्कूल के कर्मचारी के रूप में, हमारा मुख्य मकसद प्रत्येक विद्यार्थी के पूर्ण संभव विकास को प्रदान करना है। इसके लिए, छात्रों के साथ भरोसे को स्थापित करना नितांत आवश्यक है ताकि वे खुद को स्वागत योग्य, सुरक्षित और ख़ुश महसूस कर सकें।”

image

कर्मचारियों को हिजाब पहनने से बचने का निर्देश देते हुए, सर्कुलर में आगे कहा गया है: “कर्मचारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे स्कूल के कामकाज के घंटों के दौरान हिजाब धारण करने से बचें ताकि छात्र सहज महसूस कर सकें और शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ सहज रूप से बातचीत कर सकें।”

समाचार पत्र कश्मीर आब्जर्वर के मुताबिक, सेना और पुणे-स्थित इंद्राणी बालान फाउंडेशन नामक एक गैर-सरकारी संगठन स्कूल के द्वारा स्कूल को संचालित किया जाता है, जहाँ करीब 70 छात्र नामांकित हैं।

स्थानीय लोगों ने सर्कुलर को, जिसे सोशल मीडिया में व्यापक पैमाने पर प्रसारित किया गया था, को “प्रतिगामी” करार दिया है, और उनमें से कई लोगों का आरोप है कि यह देश में इस्लामी प्रतीकों के प्रति दुर्भावना और देश में मुसलामानों के प्रति नफरत को फैलाने की व्यापक योजना के एक हिस्से के तौर पर है।

श्रीनगर के एक निवासी ने नाम गुप्त रखने का अनुरोध करते हुए कहा, “कश्मीर में धार्मिक स्वतंत्रता पर पहले से ही काफी प्रतिबंध लागू हैं। हम खुलकर जामिया में नमाज नहीं पढ़ सकते हैं और इस्लामी प्रथाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़े किये जाते हैं। यह इस दिशा में एक और कदम के रूप में है।”

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री (सीएम) मेहबूबा मुफ़्ती ने भी सर्कुलर की आलोचना की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपर महिलाओं की आजादी पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “हिजाब पर फरमान जारी करने वाले इस पत्र की मैं निंदा करती हूँ। भले ही जम्मू-कश्मीर में भाजपा का शासन चल रहा हो, लेकिन यह राज्य निश्चित रूप से किसी अन्य राज्य की तरह नहीं हैं जहाँ वे अल्पसंख्यकों के घरों को जमींदोज (बुलडोज) कर रहे हैं, और उन्हें अपने मन-मुताबिक कपड़े पहनने की आजादी से मरहूम रख रहे हैं। हमारी लड़कियां अपने चुनने की आजादी का अधिकार नहीं छोड़ने जा रही हैं।”

I condemn this letter issuing diktats on hijab. J&K may be ruled by BJP but its certainly not like any other state where they bulldoze the houses of minorities & not allow them the freedom to dress as they want. Our girls will not give up their right to choose. pic.twitter.com/GpqX8UWv5k

— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 27, 2022

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने, जिन्होंने आदेश को “गैर-संवैधानिक” करार दिया है, ने कहा कि “कश्मीर में कर्नाटक को लाने” की कोशिशों को बंद किया जाना चाहिए। “कर्नाटक वाली घटना (हिजाब विवाद) होने से पहले शिक्षा क्यों प्रभावित नहीं हो रही थी? या क्या कर्नाटक में विवाद के बाद ही सरकार को इसका अहसास हो रहा है?”

 “नफरत फैलाने के उद्येश्य से धर्म के बेजा राजनीतिकरण” की निंदा करते हुए, अब्दुल्ला ने कहा, “यह सिर्फ हिजाब के बारे में नहीं है। अज़ान के दौरान लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल और हलाल मीट के खिलाफ भी बयानबाजियों को जारी किया जा रहा है। हम अपने धर्म को किसी और के उपर नहीं थोपते, फिर हमारे उपर इसे क्यों थोपा जा रहा है?”

अब्दुल्ला ने कहा कि वे समकालीन भारत को उसी देश के रूप में मान्यता नहीं दे पा रहे हैं, जिसे जम्मू-कश्मीर ने 1947 में स्वीकार किया था। उन्होंने कहा, “हमने उस भारतीय संघ में शामिल हुए थे, जहाँ पर प्रत्येक धर्म के साथ समान रूप से व्यवहार किये जाने को परिकल्पित किया गया था। हमें यह नहीं बताया गया था कि भविष्य में एक धर्म का दूसरे धर्मों के उपर प्रभुत्व हो जायेगा। यदि हमें किसी एक धर्म के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैये के बारे में बताया गया होता तो हम शायद किसी भी सूरत में इसे स्वीकार करने के लिए राजी हुए होते।”

सर्कुलर का समर्थन करने वालों का कहना है कि चूँकि यह स्कूल दिव्यांग बच्चों के लिए है, जिन्हें “चेहरे के हाव-भाव” सहित महत्वपूर्ण रूप से शारीरिक तौर पर पारस्परिक विचार-विनिमय की जरूरत पड़ती है, ऐसे में चेहरे को ढकने के खिलाफ जारी दिशा-निर्देश को हिजाब पर प्रतिबंध के रूप में “गलत मतलब” निकाला जा रहा है।  

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Army-run School in Kashmir Directs Staff to not Wear Hijab

hijab ban
Kashmir
Baramulla
Army
NGO
mehbooba mufti
PDP
omar abdullah
National Conference

Related Stories

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 

बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की

क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

कश्मीर: कम मांग और युवा पीढ़ी में कम रूचि के चलते लकड़ी पर नक्काशी के काम में गिरावट

जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती


बाकी खबरें

  • बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    18 May 2022
    ज़िला अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए स्वीकृत पद 1872 हैं, जिनमें 1204 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं, जबकि 668 पद खाली हैं। अनुमंडल अस्पतालों में 1595 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 547 ही पदस्थापित हैं, जबकि 1048…
  • heat
    मोहम्मद इमरान खान
    लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार
    18 May 2022
    उत्तर भारत के कई-कई शहरों में 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पारा चढ़ने के दो दिन बाद, विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के चलते पड़ रही प्रचंड गर्मी की मार से आम लोगों के बचाव के लिए सरकार पर जोर दे रहे हैं।
  • hardik
    रवि शंकर दुबे
    हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?
    18 May 2022
    गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। हार्दिक पटेल ने पार्टी पर तमाम आरोप मढ़ते हुए इस्तीफा दे दिया है।
  • masjid
    अजय कुमार
    समझिये पूजा स्थल अधिनियम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां
    18 May 2022
    पूजा स्थल अधिनयम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां तब खुलकर सामने आती हैं जब इसके ख़िलाफ़ दायर की गयी याचिका से जुड़े सवालों का भी इस क़ानून के आधार पर जवाब दिया जाता है।  
  • PROTEST
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पंजाब: आप सरकार के ख़िलाफ़ किसानों ने खोला बड़ा मोर्चा, चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर डाला डेरा
    18 May 2022
    पंजाब के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद वे मंगलवार से ही चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License