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  • तिरछी नज़र : म्यूटेट होती जनता और म्यूटेट होता कोरोना का समझदार वायरस
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र : म्यूटेट होती जनता और म्यूटेट होता कोरोना का समझदार वायरस
    18 Apr 2021
    कोरोना के समझदार वायरस को जल्दी ही समझ में आ गया कि यहाँ, भारत में तो अजीब घालमेल है। यहाँ बसना है तो डबल म्यूटेट क्या ट्रिपल म्यूटेट भी करना पड़ सकता है। यहाँ तो सभी म्यूटेशन करते हैं...।
  • Convent School
    काशिफ काकवी
    भोपाल के एक मिशनरी स्कूल ने छात्रों के पढ़ने की इच्छा के बावजूद उर्दू को सिलेबस से हटाया
    14 Apr 2021
    पिछले पांच-छह सालों में स्कूल की तरफ़ से उर्दू को हटाने की यह चौथी कोशिश है और इस बार अपने फ़ैसले को लेकर अधिकारियों का रुख़ कड़ा दिख रहा है।
  • Mohammad Alvi
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : मुहम्मद अल्वी के जन्मदिन पर विशेष
    11 Apr 2021
    आसान लबो-लहजे के उम्दा शायर मुहम्मद अल्वी का आज जन्मदिन है। मुहम्मद अल्वी आज ज़िंदा होते तो उनकी उम्र 93 साल होती। उनका इंतेक़ाल 2018 में 29 जनवरी को हुआ। पढ़िये उनकी दो नज़्में...
  • देशभक्ति का नायाब दस्तूर: किकबैक या कमीशन!
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    देशभक्ति का नायाब दस्तूर: किकबैक या कमीशन!
    11 Apr 2021
    तिरछी नज़र: इतने कम किकबैक का सुन कर मन बहुत ही खट्टा था। कुछ सकून तब मिला जब पता चला कि यह खुलासा तो अभी एक ही है। इसके बाद अभी किकबैक के और भी खुलासे आने बाकी हैं।
  • तिरछी नज़र : टांगों और घुटनों पर फिसलती संस्कारी निगाहें
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र : टांगों और घुटनों पर फिसलती संस्कारी निगाहें
    04 Apr 2021
    संस्कारी लोग हैं, जैसा मौका हो वैसी बात करते हैं। कभी मन फिसल जाता है तो कभी ज़ुबान फिसल जाती है।
  • Qazi Nazrul Islam
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    काज़ी नज़रूल इस्लाम: ...अगर तुम राधा होते श्याम
    28 Mar 2021
    होली के रंग फ़ज़ाओं में हैं। और बंगाल में चुनाव की जंग भी जारी है। इस सबके बीच याद रहे हैं नज़रूल इस्लाम। आइए ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं नज़रूल की अलग-अलग रंग की कविताएं।
  • तिरछी नज़र: ...गर पुलिस भी प्राइवेट हो जाये
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: ...गर पुलिस भी प्राइवेट हो जाये
    28 Mar 2021
    आज-कल देश में इतनी ईमानदार सरकार है पर उसे अपने खर्च तक चलाने के लिए देश बेचना पड़ रहा है। सच ही है कि ईश्वर की लीला अपरम्पार है। भ्रष्ट सरकारें देश बना रही थीं और महा ईमानदार, देश की रखवाले चौकीदार…
  • रिचर्ड पिथोसे
    महमूद दरवेश : गलील से दुनिया तक का सफ़र
    21 Mar 2021
    न्यू फ़्रेम के रिचर्ड पिथोसे फ़िलिस्तीनी कवि महमूद दरवेश के शानदार, मानवीय और बेहतरीन तौर पर समकालीन काम पर रौशनी डाल रहे हैं।
  • दिल्ली सरकार का देशभक्ति बजट
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: दिल्ली सरकार का देशभक्ति बजट
    21 Mar 2021
    वैसे सरकार ने यह भी नहीं बताया है कि देशभक्ति का अर्थ आख़िर में है क्या? देशभक्ति के पाठ्यक्रम में क्या क्या शामिल होगा? देशभक्ति के सिलेबस में देश की भक्ति ही होगी या फिर राजा की भक्ति भी शामिल होगी?
  • तिरछी नज़र : आहत भावनाओं का खौल कर बह जाना
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र : आहत भावनाओं का खौल कर बह जाना
    14 Mar 2021
    आज-कल भावना बहुत ही अधिक होशियार, समझदार और संवेदनशील हो गई है। पहले जिन बातों से उसे जरा भी फर्क नहीं पड़ता था, जिन बातों की वह सुनी-अनसुनी कर  देती थी, उन्हीं को आज गौर से सुनती है, तवज्जो देती है…
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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License