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    पंखुड़ी जहीर
    फ़ेस्टिवल डायरी - गांधी ने आसिफ़ा से क्या कहा होता
    19 Feb 2020
    2020 के भारत रंग महोत्सव में मॉब लिचिंग, लिंग, जाति पर आधारित नाटकों के साथ-साथ कुछ नुक्कड़ नाटक भी हो रहे हैं।
  • hum dekhenge
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सीएए-एनपीआर-एनआरसी के ख़िलाफ़ अखिल भारतीय लेखक-कलाकार सम्मेलन- 'हम देखेंगे’
    19 Feb 2020
    "यह लेखकों कलाकारों की इस व्यापक भावना का इज़हार है कि यह अवाम के साथ मजबूती के साथ खड़े होने का वक़्त है।"
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    वसंत, वैलेंटाइन, दिल्ली चुनाव और तुम प्रिये!
    16 Feb 2020
    तिरछी नज़र : प्रिये, वसंत में सब कुछ मदमस्त हो जाता है। पेड़ों पर तरह तरह के रंग बिरंगे फूल लहलहाने लगते हैं। इस मामले में सरकार की नहीं चलती है इसलिए हर रंग के फूल खिलते हैं।
  • shaheen bagh
    अशोक रावत
    “बाहर निकलो डरना छोड़ो...ज़िंदा हो तो मरना छोड़ो”
    16 Feb 2020
    ‘इतवार की कविता’ में आज पढ़ते हैं हमारे दौर के अहम शायर अशोक रावत की दो ग़ज़लें।
  • Love stories of india
    न्यूज़क्लिक टीम
    भारत : मोहब्बत का गुलदस्ता
    15 Feb 2020
    प्रेम के दुश्मनों और भारत के मौजूदा सत्ताधारी पार्टी की विचारधारा एक-सी है. ये लोग अपनी गंदी राजनीति से प्रेम को गंदा कर रहे हैं। वैलेंटाइन्स डे के दिन हमें शारदा और उबैदुल बरुआ की प्रेम कहानी से…
  • Pulwama Attack
    निदा नवाज़
    पुलवामा : तुमने मिला दिया आदमख़ोर बारूद, लाल-लाल गुलाबों की खुशबू में...
    14 Feb 2020
    पुलवामा के निवासी डॉ. निदा नवाज़ कश्मीर की पीड़ा के कवि हैं। उन्होंने पिछले साल 2019 में पुलवामा हमले से आहत होकर 'आदमख़ोर समय में' नाम से यह कविता लिखी थी। यह कविता आज एक बार फिर पढ़े जाने की ज़रूरत है। 
  • शमशेर बहादुर सिंह
    हाँ, तुम मुझसे प्रेम करो जैसे मछलियाँ लहरों से करती हैं...
    14 Feb 2020
    प्यार के मायने क्या हो सकते हैं, इसे अगर ढूंढना-समझना हो तो शमशेर बहादुर सिंह की कविताओं में ढूंढा-समझा जा सकता है। वही कह सकते हैं कि "हाँ, तुम मुझसे प्रेम करो जैसे मछलियाँ लहरों से करती हैं...…
  • amit shah kejriwal
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    लगे रहो, मोटा भाई...
    09 Feb 2020
    मैंने ईवीएम का बटन तो दबाया पर गृहमंत्री जी की इच्छा के बावजूद बटन उतनी जोर से नहीं दबा कि करंट शाहीन बाग तक पहुंचे। हो सकता है कि करंट लोक कल्याण मार्ग तक पहुंच गया हो। लोक कल्याण मार्ग मेरे घर से…
  • Modi bhakt
    ओम प्रकाश नदीम
    भक्त है ये इसकी चाबी भर गई तो भर गई…
    09 Feb 2020
    'इतवार की कविता' में आज पढ़ते हैं शायर ओमप्रकाश नदीम की एक ग़ज़ल
  • shaheen bagh
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : आप अंधे, गूंगे, बहरे हैं...
    02 Feb 2020
    नागरिकता क़ानून का विरोध कर रहे नागरिकों को धर्म के आधार पर बाँटने की राजनीति हो रही है। इस नफ़रत के दौर में हम आपके बीच साझा कर रहे हैं शहबाज़ रिज़वी की नज़्म "हम मिट्टी से बने हैं साथी..."
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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License