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  • मंगलेश डबराल
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    …दिस नंबर डज़ नॉट एग्ज़िस्ट, यह नंबर मौजूद नहीं है
    13 Dec 2020
    हमारे प्यारे कवि मंगलेश डबराल इसी 9 दिसंबर को हमें छोड़कर चले गए। अब उनका नंबर भी मिलाने पर भी यही आवाज़ आएगी- दिस नंबर डज़ नॉट एग्ज़िस्ट, यह नंबर मौजूद नहीं है। ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं उनकी यही…
  • Diego Maradona
    न्यूज़क्लिक टीम
    नशा और होश : विश्व नागरिक माराडोना को समर्पित कविता
    29 Nov 2020
    ‘इतवार की कविता’ में साम्राज्यवाद, दमन-शोषण के ख़िलाफ़ जब-तब बोलने वाले विश्व नागरिक डिएगो माराडोना (30 अक्टूबर 1960-25 नवंबर, 2020) को समर्पित कवि-पत्रकार उपेंद्र चौधरी की कविता।
  • मशहूर शायरा फ़हमीदा रियाज़
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    “तुम बिल्‍कुल हम जैसे निकले, अब तक कहाँ छिपे थे भाई…”
    22 Nov 2020
    भारतीय उपमहाद्वीप की बेबाक और बुलंद आवाज़ मशहूर शायरा फ़हमीदा रियाज़ की 21 नवंबर को दूसरी बरसी थी। आज ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं उनकी एक मशहूर नज़्म।
  • इतवार की कविता
    न्यूज़क्लिक टीम
    इतवार की कविता: …लौ भर उम्मीद
    15 Nov 2020
    इस मुश्किल समय में भी दीपावली पर हम सबने दीये जलाए, और बेहतर कल की कामना की। शायद यही है लौ भर उम्मीद...। इसी उम्मीद को नये आयाम, नये अर्थों में कविता में ढाला है पत्रकार उपेंद्र चौधरी ने। आइए इतवार…
  • इतवार की कविता
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    ...कोई ठहरा हो जो लोगों के मुक़ाबिल तो बताओ
    08 Nov 2020
    ‘इतवार की कविता’ में आज पढ़ते हैं मशहूर शायर हबीब जालिब की वो मशहूर ग़ज़ल जो हर राजनीतिक और सामाजिक जलसे में सबसे ज़्यादा दोहराई जाती है। ख़ासकर मतला जो यूं है- “तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त…
  • कुर्सीनामा
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    कुर्सीनामा : कुर्सी ख़तरे में है तो देश ख़तरे में है… कुर्सी न बचे तो...
    25 Oct 2020
    बिहार में चुनाव हैं और इसी सिलसिले में याद आया जनकवि गोरख पांडेय का 1980 में लिखा कुर्सीनामा। जिसमें वे कहते हैं कि “महज ढाँचा नहीं है/ लोहे या काठ का/ कद है कुर्सी...” और ये कुर्सी क्या खेल करती है…
  • poem
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    वो राजा हैं रियासत के, नफ़ा नुकसान देखेंगे/ नियम क़ानून तो उनके बड़े दीवान देखेंगे
    18 Oct 2020
    आगरा के रहने वाले और भारतीय खाद्य निगम से उप महाप्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए अशोक रावत हमारे दौर के एक ऐसे गंभीर और विश्वसनीय शायर हैं जिनका क़लम न केवल दौरे हाज़िर का बयान करता है, बल्कि एक ज़रूरी…
  • इतवार की कविता
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    अवधी में ग़ज़ल: ...मंदिर मस्जिद पेट हमार न भरिहैं साहेब
    11 Oct 2020
    हिंदी-उर्दू के मशहूर शायर ओम प्रकाश नदीम ने अवधी बोली में ग़ज़ल कहने की कोशिश की है और ये कोशिश बेहतरीन साबित हुई है। नदीम साहब ने अपने पूरे तेवर और सरोकार के साथ ये ग़ज़लें कहीं हैं। ‘इतवार की कविता’…
  • हाथरस पीड़िता की चिता
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    हर सभ्यता के मुहाने पर एक औरत की जली हुई लाश और...
    04 Oct 2020
    “मोहनजोदड़ो की आखिरी सीढ़ी से”, रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ की यह कविता बार-बार याद आती है। जब-जब हाथरस होता है, जब-जब निर्भया मारी जाती है, तब-तब यह कविता और ज़ोर से आंखों के आगे कौंधने लगती है, नींद में…
  • भगत सिंह
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है
    27 Sep 2020
    28 सितंबर को शहीदे-आज़म भगत सिंह की जन्म-जयंती है। बहुत से चाहने वाले 27 सितंबर को भी उनका जन्मदिन मनाते हैं। ख़ैर भगत सिंह ऐसी शख़्सियत हैं कि उन्हें हर रोज़, हर लम्हा याद किया जाना चाहिए। आइए आज ‘…
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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License