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  • डेमोक्रेसी का क्या है! बिजनेस हो या पॉलिटिक्स, आसानी बड़ी चीज़ है!
    राजेंद्र शर्मा
    डेमोक्रेसी का क्या है! बिजनेस हो या पॉलिटिक्स, आसानी बड़ी चीज़ है!
    03 Apr 2021
    कटाक्ष: डुइंग पॉलिटिक्स की आसानी मांगे डाइरेक्ट राज--इधर राजा, उधर प्रजा। बीच में बाक़ी किसी की भी क्या ज़रूरत है? कानून, संविधान, नागरिक, अदालत, यूनिवर्सिटी, संसद, वगैरह, किसी की भी क्या ज़रूरत है?…
  • केजरीवाल
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    संसद ने जीएनसीटीडी 2021 विधेयक किया पारित, केजरीवाल ने इसे  लोकतंत्र के लिए दुखद दिन बताया 
    25 Mar 2021
    संसद ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, (जीएनसीटीडी) 2021 पारित कर दिया जिससे उप राज्यपाल को और अधिक शक्तियां प्राप्त हो गई हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा…
  • कटाक्ष :  गद्दीधारी नेताओं के बहिष्कार को सेडीशन बनाओ
    राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष :  गद्दीधारी नेताओं के बहिष्कार को सेडीशन बनाओ
    21 Mar 2021
    जो गद्दीधारी नेताओं के लिए डेमोक्रेसी से करे प्यार, उनका बहिष्कार करने वालों को कड़ी सजा दिलाने से कैसे करे इंकार...।
  • डेमोक्रेसी से इलेक्टोरल ऑटोक्रेसी की राह पर मुल्क
    डॉ. राजू पाण्डेय
    डेमोक्रेसी से इलेक्टोरल ऑटोक्रेसी की राह पर मुल्क
    21 Mar 2021
    यह स्थिति उस तानाशाही से अधिक ख़तरनाक है जहां कोई एक क्रूर शासक अपनी सैन्य शक्ति के बल पर जनता पर अपनी मनमर्ज़ी चलाता है...।
  • अजय गुदावर्ती
    क्यों वरवरा राव को ज़मानत भारतीय लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत है?
    17 Mar 2021
    सामूहिक भावना के बिना सामूहिक अधिकार कायम नहीं रह सकते हैं। बम्बई उच्च न्यायालय ने प्रदर्शित किया है कि भारत में ऐसी संवेदना अभी भी जीवित है।
  • डेमोक्रेसी
    राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: शुक्र है चुनाव तो है!
    17 Mar 2021
    ख़ैर, बाहर वाले तो कुछ भी कह सकते हैं, उनका क्या जाता है! पर हम शुक्रगुज़ार हैं कि तानाशाही आ गयी तो क्या है, कम से कम चुनाव तो है। न सही डेमोक्रेसी, डेमोक्रेसी का स्वांग तो है।
  • लोकतंत्र
    पार्थ एस घोष
    लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीयकरण का मिथक 
    14 Mar 2021
    एक बड़ा प्रश्न यह है कि क्या लोकतंत्र दूसरों के प्रति उसी तरह की नीति अख्तियार करता है, जिसकी वह दुनिया से अपेक्षा करता है?
  • किसान-आंदोलन
    लाल बहादुर सिंह
    विचार: किसान-आंदोलन इस देश की जनता की सबसे बड़ी उम्मीद है
    10 Mar 2021
    किसान आंदोलन इस देश की जनता की सबसे बड़ी उम्मीद है, महज महान प्रेरणा के रूप में ही नहीं, वरन नीतिगत बदलाव की  दिशा और सम्भावना की दृष्टि से भी।
  • भारत में कामकाजी लोगों के जन्म-मरण की दास्तान
    संजय कुमार
    भारत में कामकाजी लोगों के जन्म-मरण की दास्तान
    22 Feb 2021
    पूंजीवाद के अंतर्गत झगड़ा इस बात को लेकर होता रहा है कि सार्वजनिक क्या है और निजी क्या है। ऐतिहासिक रूप से, ये कामगार/श्रमिक ही हैं, जिन्होंने सार्वजनिक दायरे को संरक्षित रखने का प्रयास किया है। 
  • तिरछी नज़र : क्या डराना इतना ही ज़रूरी है, साहेब?
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र : क्या डराना इतना ही ज़रूरी है, साहेब?
    21 Feb 2021
    …यह जानते हुए भी कि मैं ही सरकारें बनाता-बिगाड़ता हूँ, मैं आजकल बहुत ही डरा हुआ हूँ। 
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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License