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  • …‘सुंदरता के दुश्मनो, तुम्हारा नाश हो !’
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    …‘सुंदरता के दुश्मनो, तुम्हारा नाश हो !’
    16 Aug 2020
    वरिष्ठ कवि और लेखक अजय सिंह इसी अगस्त 73 बरस के हो गए। हमारी आज़ादी की तरह। ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं उनकी दो ख़ास कविताएं।
  • cartoon click
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    वो मुझको मुर्दा समझ रहा है, उसे कहो मैं मरा नहीं हूं
    16 Aug 2020
    ‘इतवार की कविता’ के जरिये हमारी कोशिश है, जनता के शायर राहत इंदौरी को फिर-फिर याद करने की, सलाम पेश करने की।
  • इतवार कविता
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    15 अगस्त: इतने बड़े हुए मगर छूने को न मिला अभी तक कभी असल झण्डा
    09 Aug 2020
    हम सबके प्रिय कवि और पत्रकार वीरेन दा (वीरेन डंगवाल) का बीती 5 अगस्त को जन्मदिन था। 5 अगस्त 1947 को टिहरी गढ़वाल के कीर्तिनगर में जन्मे वीरेन डंगवाल का 28 सितंबर 2015 में कैंसर से निधन हो गया था।…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    ...पूरे सिस्टम को कोरोना हो गया था और दुर्भाग्य से हमारे पास असली वेंटिलेटर भी नहीं था
    02 Aug 2020
    “वो सबकुछ छीनकर/ वो सबका छीनकर/ बन रहे थे ‘आत्मनिर्भर’/ बदल रहे थे/ आपदा को अवसर में / जिसे कहते हैं दरअसल- मौक़ापरस्ती...।” ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं लॉकडाउन की कहानी कहती कवि-पत्रकार मुकुल सरल…
  • समाज
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    ...कैसा समाज है जो अपनी ही देह की मैल से डरता है
    26 Jul 2020
    “और मैं बार-बार पूछता रहूंगा वही एक पुराना सवाल-यह दुनिया ऐसी क्यों है?”, वरिष्ठ कवि अरुण कमल को पढ़ना अपने समय-समाज की एक पूरी यात्रा करना है। एक मुठभेड़ भी। आज ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं उनकी…
  • वरवर राव
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    वरवर राव : जो जैसा है, वैसा कह दो, ताकि वह दिल को छू ले
    19 Jul 2020
    प्रसिद्ध कवि वरवर राव बीमार हैं। भीमा-कोरेगांव मामले में आरोपी हैं। विचाराधीन कैदी हैं। ज़मानत नहीं मिली है। कोरोना से संक्रमित होने पर उन्हें मुंबई के सरकारी जेजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, अब…
  • Sunday Poem
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    क्या हुआ छिन गई अगर रोज़ी, वोट डाला था इस बिना पर क्या!
    12 Jul 2020
    “अक़्ल की बात और भक्तों से/ अक़्ल पे पड़ गए हैं पत्थर क्या!”, हिन्दी के प्रसिद्ध आलोचक, शिक्षक और संस्कृतिकर्मी आशुतोष कुमार ने अपनी रचना में बहुत ही शानदार ढंग से व्यंग्यात्मक लहज़े में समय-समाज का…
  • इतवार की कविता
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    ‘इतवार की कविता’: मेरी चाहना के शब्द बीज...
    05 Jul 2020
    “…जो चाहते हैं एक पक्के ग्लास का गमला/ थोड़ी सी मिट्टी/ और जीने के लिये पानी/ चाहते हैं फूल बनकर/ जीवन में सुगंध सौंदर्य का सुवास”। ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं कवि-संस्कृतिकर्मी श्याम कुलपत की…
  • poverty
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    मुफ़्त में राहत नहीं देगी हवा चालाक है...
    28 Jun 2020
    ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं मशहूर शायर ओम प्रकाश नदीम की कुछ शानदार ग़ज़लें।
  • Father's Day
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    तुम ज़िंदा हो पापा... : फ़ादर्स डे विशेष
    21 Jun 2020
    फ़ादर्स डे आज 21 जून को लोग मना रहे हैं। इस मौक़े पर हम आपके बीच रख रहे हैं शारिक़ कैफ़ी की नज़्म 'मुहब्बत की इंतेहा पर'।
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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License