NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पर्यावरण
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
COP-26 में जिस एकमात्र व्यक्ति पर गिरफ़्तारी के बाद धाराएं लगाई गईं, वह कम्यूनिस्ट था
बढ़ते पर्यावरण संकट के बीच यह ज़्यादा साफ़ हो चुका है कि पूंजीवाद ना केवल इस समस्या की जड़ है, बल्कि यह कोई वैकल्पिक समाधान भी उपलब्ध नहीं कराता। जो लोग "समाजवाद या अवसान" के आह्वान को बुलंद कर रहे थे, उनके ऊपर पुलिस ने दमनकारी कार्रवाई की।
जोए एलेक्जेंड्रा, विजय प्रसाद
19 Nov 2021
YCL
द यंग कम्यूनिस्ट लीग (वायसीएल) ग्लासगो में COP-26 की बैठक के दौरान हुए प्रदर्शन में "सोशलिज़्म ऑर एक्सटिंशन (समाजवाद या अवसान)" का नारा लिखे हुए बैनर के साथ। फोटो: वायसीएल

1,50,000 दूसरे लोगों की तरह नाथन हेनेब्री भी बारिश के बीच भीड़ में शामिल हैं। वे एक बैनर के पीछे चल रहे हैं, जिसके ऊपर लिखा हुआ है, "समाजवाद या अवसान"। यह जुलूस उस COP-26 के दौरान निकाला जा रहा था, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने मौसम परिवर्तन पर बहुत सारे वायदे किए, लेकिन कुछ ठोस नतीज़े नहीं दिए। ग्लासगो की सड़कों पर निकाला गया यह जुलूस, उस सम्मेलन केंद्र से काफ़ी दूर था, जहां बड़े कॉरपोरेट घरानों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग देशों के अधिकारी माथा-पच्ची कर रहे थे। मौसम त्रासदी के खिलाफ़ हो रहे इस जुलूस में शामिल किसी भी व्यक्ति को ऐसा नहीं लगता कि आधिकारिक प्रतिनिधियों ने उन्हें सुना। सड़कों और सम्मेलन केंद्र के बीच पुलिस की दीवार थी। 

जुलूस के एक दिन पहले रात में पुलिस यंग कम्यूनिस्ट लीग (वायसीएल) के कार्यालय पहुंची। पुलिस ने कहा कि वे चोरी की शिकायत पर पहुंचे हैं, लेकिन वायसीएल के किसी भी सदस्य, जिसमें हेनेब्री भी शामिल थे, उन्होंने अपनी बिल्डिंग में किसी चोरी-डकैती की खबर नहीं थी। कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ़ स्कॉटलैंड के अध्यक्ष ने हमें बताया कि वायसीएल कार्यालय के नीचे द एडमिरल नाम की बार है, जहां पुलिस ने मकान मालिक कीथ स्टोडार्ट से मुलाकात की। पुलिस ने चोरी की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की। पुलिस के इन दौरों से पुलिस प्रताड़ना के तरीकों का पता चलता है, जो जुलूस के ठीक पहले किए गए थे। 

जब वायसीएल के सदस्य जुलूस के लिए इकट्ठे हो गए, तो पुलिस ने उनमें गैरजरूरी दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी। हेनेब्री ने हमें बताया, "पुलिस आई और हमें उस जगह से हटा दिया, जहां हमने इकट्ठा होने की योजना बनाई थी।" धीरे-धीरे बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने वायसीएल समूह को घेरना शुरू कर दिया। वायसीएल के नेताओं ने अपने साथियों को अलग-अलग जगह से पहुंचे ट्रेड यूनियनों के सदस्यों के पास पहुंचाने की कोशिशें तेज कर दीं, ताकि "रेड ब्लॉक" बनाया जा सके। इन ट्रेड यूनियनों में सबसे प्रमुख जीएमबी (ब्रिटेन की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन, जो 6 लाख कामग़ारों का प्रतिनिधित्व करती है) थी।

जैसे ही जुलूस की शुरुआत हुई, पुलिस ने वायसीएल के सदस्यों को दूसरों से हटाकर एक किनारे कर दिया। पुलिस ने उनके आसपास "कैटलिंग" शुरू कर दी। इस तकनीक में पुलिस अपना घेरा उन लोगों के आसपास लगा देती है, जिन्हें वो हिरासत में लेना चाहती है। धीरे-धीरे पुलिस अपना घेरा मजबूत करती जाती है और एक-एक व्यक्ति को झुंड से निकालकर, हिरासत में लेकर, दूसरी जगह पहुंचाने लगती है, जहां संबंधित लोगों को या तो गिरफ़्तार किया जाता है या छोड़ दिया जाता है। पूरी दुनिया में पुलिस इस तकनीक का इस्तेमाल करती है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस ने जुलूस के होलैंड स्ट्रीट और सेंट विंसेंट स्ट्रीट पहुंचने तक वायसीएल के सदस्यों को एक किनारे कर लिया था। 

हेनेब्री इस कार्रवाई के केंद्र में थे। उन्होंने देखा कि भीड़ के बीच एक युवा परिवार फंस गया है, एक छोटे बच्चे को पुलिस ने घूंसा मारा और कोई बेहोश हो गया, जिसे बाहर निकाल लिया गया। इसके बावजूद घेरे में मौजूद लोगों के बीच शांति देखने लायक थी, उन लोगों का उत्साह तब और बढ़ गया, जब पुलिस के घेरे के बाहर से "उन्हें जाने दो" के नारे लगने शुरू हुए। 

जब पुलिस ने अपनी घेराबंदी को और भी कड़ा करना शुरू किया, तो हम घेरे के बिल्कुल बाहर थे और पूरी गतिविधि देख रहे थे। एक अफवाह उड़ी की घेरे में मौजूद लोगों में किसी ने रास्ते में खड़े एक व्यक्ति की पिटाई कर दी है, लेकिन इस अफवाह को कानूनी पर्यवेक्षकों ने खारिज़ कर दिया, जो पूरे जुलूस के दौरान इस घेरे पर निगरानी रख रहे थे।

जब हमने अगले दिन हेनेब्री से बात की, तो उन्होंने हमें बताया कि वे COP-26 में प्रकृति पर पूंजीवाद के नुकसानदेह प्रभाव का विरोध करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा, "पूंजीवाद ही सभी पर्यावरणीय समस्याओं के मूल में है।"

नाथन हेनेब्री सिर्फ़ 20 साल के हैं। वे शांत हैं, उनके पास एक अच्छा मजाकिया लहजा भी है। हम उनसे दो बार मिले, दोनों ही बार यह मुलाकात ग्लासगो के एक पब में हुई। हेनेब्री उन कुछेक लोगों में शामिल है, जिन्हें इस ऐतिहासिक जुलूस के दौरान पुलिस ने गिरफ़्तार किया। लेकिन धाराएं सिर्फ़ हेनेब्री के ऊपर ही लगाई गईं। पुलिस ने उनके ऊपर लापरवाही भरे आचरण का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने जुलूस के दौरान आग से संबंधित तकनीकों का इस्तेमाल विरोध के लिए किया। यह आरोप बेहद अस्पष्ट है और अक्सर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ़ इस्तेमाल किया जाता है। हेनेब्री को एक पुलिस थाने ले जाया गया और वहां उनके ऊपर धाराएं लगाई गईं, इसके बाद हेनेब्री को एक गैर-निशानदेही वाली कार में अगले पुलिस थाने ले जाया गया, जहां उन्होंने पूरी रात बिताई। हेनेब्री ने हमें बताया, "पूरी रात दोनों पुलिस थानों के बीच स्थानांतरण और अगले दिन कोर्ट तक लाने के दौरान मुझे कभी डर महसूस नहीं हुआ।"

पुलिस ने मौसम परिवर्तन के खिलाफ़ भारी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने के बाद नाथन हेनेब्री को गिरफ़्तार किया। गिरफ़्तार किए गए कुछेक लोगों में से सिर्फ़ नाथन हेनेब्री के ऊपर ही धाराएं लगाई घीं। फोटो: वायसीएल

अगले दिन हेनेब्री अपने वकील से मिलने के लिए इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन ग्लासगो में उस दिन वकीलों की हड़ताल भी थी। इसलिए जज ने हेनेब्री को जमानत दे दी। 

हेनेब्री ने हमें बताया, "सरकार मेरे ज़रिए एक उदाहरण पेश करना चाहती है कि वे समस्या के साथ कैसे बर्ताव करते हैं। उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि कम्यूनिस्ट आंदोलन सामान्य कामग़ार वर्ग के लोगों के लिए ख़तरा है। जबकि यह कामग़ार वर्ग के लोगों का उत्पीड़न करने वाले कुलीन लोगों के लिए ख़तरा है।"

COP-26 में पहुंचे अलग-अलग देशों के प्रतिनिधि कभी नाथन हेनेब्री का नाम नहीं जान पाएंगे, ना ही वे इस बात की परवाह कर पाएंगे कि प्रदर्शन के दौरान उसके साथ क्या हुआ। उन्हें तो शायद यह तक ना पता चले कि वहां एक प्रदर्शन भी हुआ था। मौसम त्रासदी से निपटने के लिए इन प्रतिनिधियों द्वारा कोई ठोस प्रगति नहीं की गई। नाथन हेनेब्री का मानना है कि यह प्रतिनिधि कभी ठोस समाधान नहीं खोज पाएंगे, क्योंकि यह उस प्रक्रिया के लिए बहुत ज़्यादा प्रतिबद्ध हैं, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जित कर रही है। हेनेब्री कहते हैं, "पूंजीवाद विध्वंसक है और आम जनता के लिए काम नहीं करता।"

COP-26 शुरू होने के कुछ दिन पहले वायसीएल ने स्कॉटलैंड में क्यूबा के प्रतिनिधियों का स्वागत किया था और उन्हें सुना था कि कैसे क्यूबा कार्बन और मीथेन गैस उत्सर्जन को न्यूनतम करने में सफ़ल प्रक्रियाओं का सृजन करने में कामयाब रहा है। जिस तरह हेनेब्री को ब्रिटेन की पुलिस ने घेरा था, उसी तरह क्यूबा को अमेरिका ने अपने प्रतिबंधों से घेर रखा है, ताकि समाजवाद के उदाहऱण के तौर पर क्यूबा की पहचान को ख़त्म किया जा सके। वायसीएल के बैन पर लिखा है- "समाजवाद या अवसान"। हेनेब्री का कहना है कि इंसानों के अवसान या उन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिए समाजवाद जरूरी है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

capitalism
Communism
COP26
cuba
Environmental crisis
Glasgow
Police repression
Socialism or extinction
Young Communist League
YCL-Scotland
YCL

Related Stories

कोप-26: मामूली हासिल व भारत का विफल प्रयास

काॅप 26 और काॅरपोरेट

अमीरों द्वारा किए जा रहे कार्बन उत्सर्जन से ख़तरे में "1.5 डिग्री सेल्सियस" का लक्ष्य

COP26: वॉल स्ट्रीट ने जलवायु संकट वित्तपोषण की शुरूआत की

मौसम परिवर्तन: वैश्विक कार्बन उत्सर्जन पूर्व महामारी स्तर पर पहुंचने के करीब

जलवायु परिवर्तन संकट से दुनिया बचाने का दांव और इधर रिकॉर्ड तोड़ महंगाई से तबाही

COP26: WMO की 'स्टेट ऑफ क्लाइमेट रिपोर्ट' से ख़तरनाक स्थिति का पता चलता है

कॉप26 : भारत कर रहा है पर्यावरणीय संकटों का सामना  

जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट : अमीर देशों ने नहीं की ग़रीब देशों की मदद, विस्थापन रोकने पर किये करोड़ों ख़र्च

सीओपी26: नेट जीरो उत्सर्जन को लेकर बढ़ता दबाव, क्या भारत इसके प्रति खुद को प्रतिबद्ध करेगा?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License