NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमारः आंग सान सू की पार्टी ने दूसरी बार संसदीय चुनावों में जीत दर्ज की
अधिकार समूहों ने इन चुनावों को मूलतः दोषपूर्ण बताया है क्योंकि इन चुनावों में 2.6 मिलियन नस्लीय अल्पसंख्यकों को मतदान करने से रोक दिया गया था।
पीपल्स डिस्पैच
13 Nov 2020
म्यांमार

म्यांमार के केंद्रीय चुनाव आयोग ने 13 नवंबर को घोषणा की कि आंग सान सू की अध्यक्षता वाली नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनडीपी) ने हाल ही में हुए संसदीय चुनावों में अगली सरकार बनाने के लिए आवश्यक अधिकांश सीटें सुरक्षित कर ली हैं। यह सू की का दूसरा कार्यकाल होगा।

हालांकि अभी भी 64 सीटों के साथ अंतिम परिणाम के आने का इंतज़ार है। संसद के दोनों सदनों की कुल 476 सीटों के लिए चुनाव रविवार को हुए थे। एनडीपी को इस चुनावों में अब तक कुल 346 सीटें हासिल हुई है। सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 322 सीटों (दोनों सदनों में अलग-अलग बहुमत) की ज़रूरत होती है।

म्यांमार की संसद में दो सदन हैं जिसे एसेंबली ऑफ यूनियन कहा जाता है। निचले सदन या हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में 440 सीटें हैं जिनमें से 315 सीटों के लिए मतदान हुए। उच्च सदन जिसे हाउस ऑफ नेशनलिस्ट कहा जाता है उसमें 224 सीटें हैं जिनमें से 161 सीटों के लिए मतदान हुए। शेष सीटें सेना के लोगों से भरी जाती हैं।

म्यांमार के दूसरे संसदीय चुनाव में 37 मिलियन पात्र मतदाताओं को वोट डालने की अनुमति दी गई थी जिसमें 8 नवंबर को पहली बार पांच मिलियन मतदाता शामिल हुए।

पांच दशक के सैन्य शासन के बाद क्वासी-सिविल गवर्नमेंट स्थापित करने के लिए एक साधन के रूप में 2010 में सेना द्वारा गठित यूनियन सॉलिडरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी) मुख्य विपक्षी पार्टी है। चुनाव आयोग के अनुसार सेना समर्थित मुख्य विपक्षी दल ने अब तक केवल 24 सीटें जीती हैं।

10 नवंबर को यूएसडीपी के अध्यक्ष यू थान ह्ते ने दावा किया कि विपक्षी पार्टी "भारी जीत के लिए एनडीपी को क़ानूनी चुनौती देने जा रही है", पार्टी ने फिर से चुनाव की भी मांग की है।

75 वर्षीय आंग सान सू की अल्पसंख्यक समूहों के ख़िलाफ़ दमन के आरोपों और नस्लीय-धार्मिक तनावों को रोकने में उनकी सरकार की विफलता के बावजूद देश में सबसे लोकप्रिय बनी हुई हैं।

Myanmar
Myanmar election
Aung San Suu
National League for Democracy

Related Stories

भारत के कर्तव्यों का उल्लंघन है रोहिंग्या शरणार्थियों की हिरासत और उनका निर्वासन

कैसे सैन्य शासन के विरोध ने म्यांमार को 2021 के तख़्तापलट के बाद से बदल दिया है

तख़्तापल्ट का एक वर्ष: म्यांमार का लोकतंत्र समर्थक प्रतिरोध आशाजनक, लेकिन अंतरराष्ट्रीय एकजुटता डगमग

म्यांमार के प्रति भारतीय विदेश नीति अब भी अस्पष्ट बनी हुई है

म्यांमार में 4,800 खदान कर्मचारियों की हड़ताल के छह महीने पूरे

म्यांमार की पुरानी रिपोर्ट कोलकाता में रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा हिंदुओं की हत्या के नाम पर शेयर की

म्यांमार के नयपीडाव में सैन्य छापेमारी में 31 लोग मारे गए

रोहिंग्या कैंप: आग लगने के बाद अब क्या हैं हालात

दिल्ली के इकलौते रोहिंग्या कैंप में बार-बार आग लगने से उठते सवाल

सुप्रीम कोर्ट का रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने का फ़ैसला कितना मानवीय?


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License