NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu

ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान

Primary tabs

  • All(active tab)
  • Articles
  • Videos
  • Interviews
  • y1
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    दुनिया में हर जगह महिलाएँ हाशिए पर हैं!
    14 Jul 2021
    30 जून और 2 जुलाई 2021 के बीच, संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य बहुपक्षीय संगठनों ने पेरिस (फ़्रांस) में जनरेशन इक्वलिटी फ़ोरम का आयोजन किया। फ़ोरम का आयोजन महिलाओं पर हुए चौथे विश्व सम्मेलन (1995) में…
  • फ़ैज़ल लाईबी साही (इराक़), कैफ़े 2, 2014
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    दुनिया का हर कोना बुरी तरह से प्रभावित है
    15 Jun 2021
    संयुक्त राष्ट्र संघ का खाद्य और कृषि संगठन (एफ़एओ) हर महीने एक मासिक खाद्य मूल्य सूचकांक जारी करता है। 3 जून को जारी विज्ञप्ति से पता चलता है कि खाद्य क़ीमतों में 40% की वृद्धि हुई है, जो कि 2011 के…
  • सेतु लेगी (इंडोनेशिया), इस ज़मीन का ख़याल रखना, 2010
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    हम पेड़ों से चिपक जाते हैं क्योंकि पेड़ों की आवाज़ नहीं होती
    10 Jun 2021
    इस वर्ष पर्यावरण दिवस का थीम है, 'पारिस्थितिकी तंत्र का पुन:स्थापन', जिसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि कैसे पूँजीवादी व्यवस्था ने जीवन को बनाए रखने की पृथ्वी की क्षमता को नष्ट कर दिया है। ग्लोबल…
  • ‌टाइगर तातेशी (जापान), समुराई, देखने वाला, 1965
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    यदि मैं संघर्ष करते हुए गिर जाऊँ, तो मेरी जगह ले लेना
    18 May 2021
    इजराइल का फिलिस्तीन पर अत्याचार करने का मतलब है मानवता को तहस-नहस करने की लड़ाई लड़ना।
  • अक्टूबर‌ ‌‌1949‌‌ ‌में‌ ‌सोवियत‌ ‌ऑक्युपेशन‌ ‌ज़ोन‌ ‌के‌ ‌अंदर‌ ‌जर्मन‌ ‌डेमोक्रेटिक‌ ‌रिपब्लिक‌ ‌की‌ ‌स्थापना‌ ‌की‌ घोषणा‌ के मौक़े पर ‌फ़्री‌ ‌जर्मन‌ ‌यूथ‌ द्वारा निकाली कई ‌एक‌ ‌विशाल‌ ‌रैली‌।
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    मैं‌ ‌अभी‌ ‌भी‌ ‌यहीं‌ ‌हूँ‌,‌ ‌‌हालाँकि‌ ‌मेरा‌ ‌देश‌ ‌पश्चिम‌ की ओर ‌जा‌ ‌चुका‌ ‌है
    04 May 2021
    समाजवाद‌ ‌पूरी‌ ‌तरह‌ ‌से‌ ‌निपुण‌ ‌और‌ ‌संपूर्ण‌ ‌रूप‌ ‌में‌ ‌नहीं‌ ‌उभरता‌ ‌है।‌ ‌किसी‌ ‌भी‌ ‌समाजवादी‌ ‌परियोजना‌ ‌को उसके‌ ‌अतीत‌ ‌की‌ ‌सभी‌ ‌समस्याएँ‌ ‌विरासत‌ ‌में‌ ‌मिलती‌ ‌हैं।‌ ‌किसी‌ ‌देश…
  • मोहसेन ताशा वाहिदी (अफ़ग़ानिस्तान), लाल रंग का पुनर्जन्म, 2017
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    उन मुल्कों का क्या हश्र हुआ जहां अमेरिका ने हस्तक्षेप किया
    27 Apr 2021
    जब भी अमेरिका किसी देश को बचाता है तो वह उसे पागलखाने और कब्रिस्तान में बदल देता है।
  • tri
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    मैंने अपने देश के न्यायालय में प्रवेश किया और उसे एक सँपेरे के मंदिर जैसा पाया
    20 Apr 2021
    आर्थिक और सैन्य शक्ति के बीच समन्वय है और यही उस तानाशाही का सार है जिसके अधीन लोग होंडुरास में रहते हैं।
  • बायें ‌से‌ ‌दायें:‌ ‌विजय‌ ‌प्रसाद‌, ‌‌फ्रेड‌ ए‌ममेम्बे,‌ ‌‌डिएगो‌ ‌सीक्वेरा‌,‌ ‌‌और‌ ‌एरिका‌ ‌फ़ारीयस‌। 2019‌ ‌में कराकस में येमी‌ ‌सालिनास‌ ‌द्वारा‌ ‌ली‌ ‌गई‌ ‌तस्वीर।‌
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    जर्जर हो चुके जाम्बिया में होने जा रहा है चुनाव
    17 Apr 2021
    जाम्बिया गरीब लोगों का समृद्ध देश है। जाम्बिया की गरीबी दर लगभग 40% से 60% के बीच में है। आर्थिक तौर पर वैश्विक शक्तियों से संचालित होने वाला देश है।
  • नवउदारवाद चिली में पैदा हुआ था, चिली में ही नवउदारवाद का अंत होगा!
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    नवउदारवाद चिली में पैदा हुआ था, चिली में ही नवउदारवाद का अंत होगा!
    16 Mar 2021
    हादुई 1993 से चिली की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हैं। मौजूदा समय में विपक्ष की सशक्त आवाज हैं। नवउदारवाद की नीतियों को बदलना चाहते हैं। नवउदारवाद का पहला प्रयोग चिली में ही किया गया था और चिली में…
  • ओसवाल्डो टेरेरोस (इक्वाडोर), म्यूरल पारा ला यूनिवर्सिदाद सुपीरियर डी लास आर्तेस (‘कला विश्वविद्यालय के लिए भित्ति-चित्र’), 2012.
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    पैसा पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक व्यवस्था को तबाह कर रहा है!
    05 Feb 2021
    पैसा लोकतांत्रिक व्यवस्था को तबाह कर देता है, राजनेताओं की निष्ठा को ख़रीद लेता है, नागरिक समाज की संस्थाओं को भ्रष्ट करता है और मीडिया के आख्यानों को गढ़ने में मदद करता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License