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शिरीष खरे

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  • हीरे के खेत मालिक मजदूर बन पहले से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं, वहीं सरकार को भी एक हीरा हाथ नहीं लगा। फोटो: शिरीष खरे
    शिरीष खरे
    छत्तीसगढ़: धान के कटोरे में क्यों लुटा हीरों का ख़ज़ाना?
    06 Apr 2021
    राज्य सरकार ने यहां हीरे की खुदाई कभी की नहीं, लेकिन तस्कर गैर-कानूनी तरीके से सरकारी जमीनों से हीरे चुरा कर मालामाल हो गए। लेकिन यहां के आदिवासी आज भी महुआ बीनकर गुजारा ही करते हैं। 
  • छत्तीसगढ़ में पहली किसान महापंचायत पिछली 15 मार्च को बस्तर जिले के दरभा में आयोजित हुई। फोटो साभार: छत्तीसगढ़ किसान सभा
    शिरीष खरे
    छत्तीसगढ़: किसान आंदोलन के समर्थन में आए आदिवासी, बस्तर से शुरू हुईं पंचायतें
    27 Mar 2021
    आदिवासी किसानों द्वारा छत्तीसगढ़ किसान सभा, छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन और छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन सहित लगभग दो दर्जन जन-संगठनों के नेतृत्व में जगह-जगह पंचायतों का आयोजन किया जा रहा है।
  • kisann
    शिरीष खरे
    पड़ताल: कृषि क्षेत्र में निजीकरण से क्यों गहरा सकता है खेती का संकट?
    24 Mar 2021
    विषय कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियों के आने का नहीं है बल्कि इस क्षेत्र में उनके एकाधिकार का है, ...बुनियादी बात यह है कि किसानों से उपज की खरीदी से लेकर उसे बेचने तक कॉर्पोरेट पर नियंत्रण और निगरानी…
  • एपीएमसी मंडियां किसानों को उनकी उपज बेचने के लिए एक अच्छा विकल्प साबित होती हैं। प्रतीकात्मक फोटो: गुजरात में थराद स्थित कृषि उपज मंडी। फोटो : गणेश चौधरी
    शिरीष खरे
    पड़ताल: कृषि क्षेत्र में निजी मंडियां बनाने से क्या ख़त्म हो जाएगी बिचौलियों की भूमिका?
    15 Mar 2021
    प्रश्न है कि कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियों के ज़्यादा से ज़्यादा निवेश करने से क्या बिचौलियों की भूमिका ख़त्म की जा सकती है और यदि हां तो कैसे?
  • पड़ताल: एमएसपी पर सरकार बनाम किसान, कौन किस सीमा तक सही?
    शिरीष खरे
    पड़ताल: एमएसपी पर सरकार बनाम किसान, कौन किस सीमा तक सही?
    04 Mar 2021
    तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने के अलावा किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी मिले इसे लेकर आंदोलन जारी है। इसको लेकर तमाम सवाल और दावे भी हैं। आइए करते हैं इसी की एक पड़ताल
  • छत्तीसगढ़ के राजसमंद ज़िले में कार्य करते हुए मनरेगा मज़दूर। फोटो प्रतीकात्मक प्रयोग के लिए। साभार : शिरीष खरे 
    शिरीष खरे
    खेतिहर मज़दूरों का दर्द; बोले- मनरेगा में काम नहीं, अगर किसानों के घर भी खाने के लाले पड़े तो कहां जाएंगे!
    23 Feb 2021
    “मज़दूर भी समझ रहे हैं कि यदि किसान के पास ही पैसा नहीं रहेगा तो उसके पास कहां से आएगा। इसीलिए, मज़दूर दिल्ली बार्डर स्थित किसानों के धरना-स्थलों पर हों या न हों, वह जहां-जहां संगठित हैं वहां-वहां नए…
  • नए कृषि कानून छोटे किसानों का संरक्षण नहीं करते हैं। फ़ाइल फ़ोटो: शिरीष खरे
    शिरीष खरे
    नए कृषि क़ानून: किसानों को छोटा बनाम बड़ा में क्यों बांट रही है सरकार?
    11 Feb 2021
    नए कृषि कानूनों पर अजीबोगरीब बयान देकर केंद्र सरकार कहीं-न-कहीं छोटे और बड़े किसानों में फूट डालने की कोशिश कर रही है, ताकि उनमें वर्ग विभाजन हो और किसानों का आंदोलन कमज़ोर किया जा सके।
  • दो दशक पहले सरकार ने प्रति परिवार दस लाख रुपए की मुआवजा राशि तय की थी। तब से कई गुना महंगाई बढ़ने के कारण अब विस्थापित परेशान हैं। तस्वीर: शिरीष खरे
    शिरीष खरे
    विडंबना: मेलघाट टाइगर रिज़र्व के चलते उजड़े कई आदिवासी गांवों का 20 साल बाद भी नहीं हुआ पुनर्वास
    09 Feb 2021
    अमरावती जिले के तहत आने वाले मेलघाट में तब 33 आदिवासी बहुल गांवों के लिए पुनर्वास की रूपरेखा तैयार की गई थी। इनकी आबादी 25 हजार से ज्यादा थी। आश्चर्य है कि इनमें से 18 गांवों का पुनर्वास करने के लिए…
  • बुंदेलखंड
    शिरीष खरे
    बुंदेलखंड: सरकार को किसानों की चिंता है तो सैकड़ों बंद मंडियों को खोलती क्यों नहीं है?
    03 Feb 2021
    सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर-प्रदेश में बुंदेलखंड के सात जिलों में सूखा राहत पैकेज के तहत करीब 650 करोड़ रुपए खर्च करके 138 सरकारी मंडियां बनाई गई थीं, लेकिन इनमें से ज़्यादातर को…
  • देश में विशेषकर उत्तर भारत के कई राज्यों में किसान परिवार की ज़्यादातर महिलाएं कृषि कार्यों से सीधे जुड़े होने के बावजूद किसान आंदोलनों से दूर रही हैं। फाइल फोटो: शिरीष खरे
    शिरीष खरे
    भारत की खेतीबाड़ी में अब तक क्यों उपेक्षित है 'आधी आबादी' का संकट?
    25 Jan 2021
    किसान आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी और उनकी उपस्थिति पर उठाए गए सवालों के बीच देश भर में यह बहस शुरू हुई है कि खेतीबाड़ी के कामों से जुड़ी महिलाओं को आज तक वह दर्जा, पहचान और सम्मान क्यों हासिल नहीं…
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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License