NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
संस्कृति
भारत
राजनीति
बाबरी मस्जिद विध्वंस : पहले कीचड़ में सूरज गिरा... गाँव के मचान गिरे... शहरों के आसमान गिरे
कैफ़ी का कहा ‘छह दिसम्बर को मिला दूसरा बनवास मुझे’ इस दिन का एक स्थापित सत्य बन गया है। लेकिन वो पीढ़ी जो 6 दिसंबर, 1992 के बाद पैदा हुई वो बाबरी विध्वंस को किस तरह देखती-समझती है इसका बखूबी बयान किया है युवा कवि अदनान कफ़ील दरवेश ने।
न्यूज़क्लिक टीम
06 Dec 2018
babri masjid

मशहूर शायर मरहूम कैफ़ी आज़मी ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस किस तरह देखा-समझा, वह आपने उनकी नज़्म (कविता) ‘दूसरा बनवास’ में पढ़ा होगा। उनका कहा- ‘छह दिसम्बर को मिला दूसरा बनवास मुझे’ इस दिन का एक स्थापित सत्य बन गया है। ऐसा लगता है कि वाकई बाबरी विध्वंस पर बिल्कुल यही शब्द भक्तों के आराध्य राम ने कहे होंगे...। इस एक घटना ने देश का कितना बड़ा नुकसान किया उसका अंदाज़ा भी लगाना मुश्किल है। ऐसा नुकसान जिसकी भरपाई आज तक नहीं हो पाई है। लेकिन वो पीढ़ी जो 6 दिसंबर, 1992 के बाद पैदा हुई वो नौजवान पीढ़ी इस सबको किस तरह देखती-समझती और समझाती है, इसका बेहद संजीदगी से बयान किया है भारत भूषण अग्रवाल सम्मान से पुरस्कृत 1994 में बलिया में जन्में युवा कवि अदनान कफ़ील दरवेश ने। आइए पढ़ते हैं उनकी ये ज़रूरी कविता :-

 

सन् 1992

 

जब मैं पैदा हुआ 

अयोध्या में ढहाई जा चुकी थी एक क़दीम मुग़लिया मस्जिद 

जिसका नाम बाबरी मस्जिद था
ये एक महान सदी के अंत की सबसे भयानक घटना थी 
कहते हैं पहले मस्जिद का एक गुम्बद 
धम्म् की आवाज़ के साथ ज़मीन पर गिरा था 
और फिर दूसरा और फिर तीसरा
और फिर गिरने का जैसे अनवरत् क्रम ही शुरू हो गया 
पहले कीचड़ में सूरज गिरा 
और मस्जिद की नींव से उठता ग़ुबार
और काले धुएँ में लिपटा अंधकार 
पूरे मुल्क पर छाता चला गया 
फिर नाली में हाजी हश्मतुल्लाह की टोपी गिरी 
सकीना के गर्भ से अजन्मा बच्चा गिरा
हाथ से धागे गिरे, रामनामी गमछे गिरे, खड़ाऊँ गिरे
बच्चों की पतंगे और खिलौने गिरे
बच्चों के मुलायम स्वप्नों से परियाँ चींख़तीं हुईं निकलकर भागीं 
और दंतकथाओं और लोककथाओं के नायक चुपचाप निर्वासित हुए 
एक के बाद एक 
फिर गाँव के मचान गिरे 
शहरों के आसमान गिरे 
बम और बारूद गिरे 
भाले और तलवारें गिरीं
गाँव का बूढ़ा बरगद गिरा 
एक चिड़िया का कच्चा घोंसला गिरा
गाढ़ा गरम ख़ून गिरा 
गंगा-जमुनी तहज़ीब गिरी 
नेता-परेता गिरे, सियासत गिरी 
और इस तरह एक के बाद एक नामालूम कितना कुछ 
भरभरा कर गिरता ही चला गया 
" जो गिरा था वो शायद एक इमारत से काफ़ी बड़ा था.."
कहते-कहते अब्बा की आवाज़ भर्राती है 
और गला रुँधने लगता है
इस बार पासबाँ नहीं मिले काबे को सनमख़ाने से
और एक सदियों से मुसलसल खड़ी मस्जिद 
देखते-देखते मलबे का ढेर बनती चली गयी
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर 
हाँ, उसी हिन्द पर जिसकी सरज़मीं से मीर-ए-अरब को ठंडी हवाएँ आती थीं 
वे कहाँ हैं ?
मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि और कितने सालों तक गिरती रहेगी 
ये नामुराद मस्जिद
जिसका नाम बाबरी मस्जिद है 
और जो मेरे गाँव में नहीं 
बल्कि दूर अयोध्या में है
मेरे मुल्क़ के रहबरों और ज़िंदा बाशिंदों बतलाओ मुझे 
कि वो क्या चीज़ है जो इस मुल्क़ के हर मुसलमान के भीतर 
एक ख़फ़ीफ़ आवाज़ में न जाने कितने बरसों से 
मुसलसल गिर रही है 
जिसके ध्वंस की आवाज़ अब सिर्फ़ स्वप्न में ही सुनाई देती है ! 

  • अदनान कफ़ील दरवेश
babri masjid
Babri Demolition
Babri Masjid issue
Ram Janamabhoomi – Babri Masjid
kaifi azmi
adnan kafeel darwesh
six december

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद : अनजाने इतिहास में छलांग लगा कर तक़रार पैदा करने की एक और कोशिश

अयोध्या विवाद के 'हल' होने के बाद, संघ परिवार का रुख़ काशी और मथुरा की तरफ़

अयोध्या का भूमिपूजन भारत के लोकतंत्र का बहुसंख्यकवाद में बदल जाने का सबसे बड़ा गवाह है

बाबरी मस्जिद मामलाः ' हमें रवि शंकर की नियुक्ति पर संदेह व्यक्त करना चाहिए’

बाबरी मस्जिद के विनाश की 25वीं वर्ष गांठ

अयोध्या विवाद के शांतिपूर्ण हल के लिए CJP ने SC में दाखिल की याचिका, आप भी करें समर्थन

मंदिर कहाँ बनाएंगे, अब जज साहब बताएँगे


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    ज्ञानवापी प्रकरण: एक भारतीय नागरिक के सवाल
    17 May 2022
    भारतीय नागरिक के तौर पर मेरे कुछ सवाल हैं जो मैं अपने ही देश के अन्य नागरिकों के साथ साझा करना चाहता हूं। इन सवालों को हमें अपने हुक्मरानों से भी पूछना चाहिए।
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई
    17 May 2022
    कोविड-19 महामारी लोगों को एक साथ ला सकती थी। यह महामारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संस्थानों को मज़बूत कर सकती थी और सार्वजनिक कार्रवाई (पब्लिक ऐक्शन) में नया विश्वास जगा सकती थी…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 
    17 May 2022
    “सत्ता से सहमत होने के लिए बहुत से लोग हैं यदि पत्रकार भी ऐसा करने लगें तो जनता की समस्याओं और पीड़ा को स्वर कौन देगा?“
  • ukraine
    सी. सरतचंद
    यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
    16 May 2022
    यूरोपीय संघ के भीतर रुसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के हालिया प्रयास का कई सदस्य देशों के द्वारा कड़ा विरोध किया गया, जिसमें हंगरी प्रमुख था। इसी प्रकार, ग्रीस में स्थित शिपिंग कंपनियों ने यूरोपीय…
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रती Tool-Kit : ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी हथियार ट्रेनिंग तक
    16 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से नफ़रती Tool-Kit काम कर रही है। उन्होंने ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी शौर्य ट्रेनिंग में हथियारों से लैस उन्माद पर सवाल उठाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License