NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
बालिका विवाह दर एससी/एसटी में सबसे ज्यादा : एनसीपीसीआर
रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक स्थिति और महिलाओं की शैक्षणिक स्थिति बाल विवाह से जुड़ी हुई है। यह देखा गया है कि बाल विवाह अधिकतर गरीब घरों में हुआ है।
आईएएनएस
13 Sep 2018
सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली। भारत में बाल विवाह की दर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) में सबसे ज्यादा है। एससी में यह दर 13 प्रतिशत और एसटी में 15 प्रतिशत है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की ओर से जारी रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।

एनसीपीसीआर की वेबसाइट पर बुधवार को जारी रिपोर्ट नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएचएफएस) के तीसरे व चौथे चरण के दौरान 15-19 वर्ष समूह में बाल विवाह के आंकड़ों के तुलनात्मक विश्लेषण पर आधारित है, जोकि 2005-2006 और 2015-2016 में किए गए थे। रिपोर्ट को रिसर्च केंद्र यंग लाइव्स इंडिया ने एनसीपीसीआर के साथ मिलकर तैयार किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, यह तथ्य 10 शीर्ष राज्यों में देखा गया, जहां बाल विवाह सबसे ज्यादा हुआ है।

पश्चिम बंगाल में एससी लड़कियों में बाल विवाह की दर सबसे ज्यादा है, जबकि अरुणाचल प्रदेश में यह अनुसूचित जनजाति में सबसे ज्यादा है। 

अन्य जातियों में महाराष्ट्र में बाल विवाह का प्रतिशत सबसे ज्यादा है।

इसके अलावा बिहार, गुजरात और तेलंगाना में 18 वर्ष से कम उम्र की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) लड़कियों में बाल विवाह का प्रचलन सबसे ज्यादा है।

रिपोर्ट के अनुसार, एनएफएचएस-3 (2005-2006) और एनएफएचएस-4 ( 2015-16) की रिपोर्ट में 15-19 वर्ष की लड़कियों के बाल विवाह के तुलनात्मक विश्लेषण से खुलासा होता है कि अधिकांश राज्यों में बाल विवाह में बीते 10 वर्षो में बड़े पैमाने पर कमी दर्ज की गई है।

15-19 वर्ष की लड़कियों में बाल विवाह में 20 प्रतिशत से ज्यादा की कमी बिहार, झारखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में देखी गई।

रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक स्थिति और महिलाओं की शैक्षणिक स्थिति बाल विवाह से जुड़ी हुई है। यह देखा गया है कि बाल विवाह अधिकतर गरीब घरों में हुआ है।

 

child marriage
NCPCR
SC/ST

Related Stories

अमित शाह का शाही दौरा और आदिवासी मुद्दे

लॉकडाउन में लड़कियां हुई शिक्षा से दूर, 67% नहीं ले पाईं ऑनलाइन क्लास : रिपोर्ट

केंद्रीय बजट में दलित-आदिवासी के लिए प्रत्यक्ष लाभ कम, दिखावा अधिक

यूपी : सत्ता में आरक्षित सीटों का इतिहास और नतीजों का खेल

नीतीश कुमार का समाज सुधार अभियान: सवालों से मुंह चुराने की ओट

एमपी में एससी/एसटी के ख़िलाफ़ अत्याचार के 37,000 से अधिक मामले लंबित, दोष-सिद्धि की दर केवल 36 फ़ीसदी

बाल विवाह विधेयक: ग़ैर-बराबरी जब एक आदर्श बन जाती है, क़ानून तब निरर्थक हो जाते हैं!

दलित लड़कियों-महिलाओं के लिए सुरक्षा और इंसाफ़ की पुकार

'बाल विवाह पर अंकुश लगाएं' जनवादी महिला समिति ने राजस्थान सरकार से कहा

बाल अधिकार आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का परीक्षण किया, अल्पसंख्यक समूह की अगले क़दम की योजना


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License