NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
एशिया के बाकी
बांग्लादेश : एकतरफ़ा जीत के बाद शेख हसीना फिर प्रधानमंत्री बनने को तैयार
विपक्षी जातिया ओइका फ्रंट ने चुनाव परिणामों को अस्वीकार करते हुए चुनाव आयोग से तटस्थ सरकार के तहत नए चुनाव कराने का आह्वान किया।
आईएएनएस
31 Dec 2018
Bangladesh Election
Image Courtesy: Indian Express

ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना आम चुनावों में अपनी पार्टी अवामी लीग (एएल) की शानदार जीत के बाद बतौर प्रधानमंत्री नए कार्यकाल के लिए तैयार हैं। 

बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने सोमवार को यह जानकारी दी। 

'
बीडीन्यूज24 डॉट कॉम' की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग द्वारा 298 सीटों के लिए जारी परिणामों के अनुसार, 300 सीटों में 259 संसदीय सीटों पर जीत हासिल करने के बाद हसीना चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगी। 

सत्तारूढ़ दल की प्रमुख सहयोगी जातीया पार्टी ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की है। 

विपक्षी गठबंधन की एक प्रमुख सहयोगी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। बीएनपी को केवल पांच और जातीय ओइका फ्रंट में उसकी सहयोगियों को दो सीटें मिलीं। 

विपक्षी ओइका फ्रंट के प्रमुख कमल हुसैन ने चुनावों को एक 'नाटक' बताया और मतदान में हुई धोखाधड़ी का हवाला देते हुए दोबारा मतदान की मांग की है। 
बता दें कि आम चुनाव के लिए रविवार को मतदान हुआ था।

जातिया ओइका फ्रंट ने चुनाव परिणामों को अस्वीकार करते हुए चुनाव आयोग से तटस्थ सरकार के तहत नए चुनाव कराने का आह्वान किया।

चुनावों के दौरान हुई हिंसा में देश भर के 11 जिलों में कम से कम 17 लोगों की मौत हुई थी।

Bangladesh Election
Bangladesh
Sheikh Hasina
Awami League
Bangladesh Nationalist Party
Khaleda Zia

Related Stories

क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?

भारत-बांग्लादेश संबंध का मौजूदा दौर

भाजपा का हिंदुत्व वाला एजेंडा पीलीभीत में बांग्लादेशी प्रवासी मतदाताओं से तारतम्य बिठा पाने में विफल साबित हो रहा है

अपने क्षेत्र में असफल हुए हैं दक्षिण एशियाई नेता

त्रिपुरा और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक विरोधी हिंसा की बराबरी करना क्यों बेमानी है?

बांग्लादेश सीख रहा है, हिंदुस्तान सीखे हुए को भूल रहा है

तालिबान से 10 देशों की वार्ता और बांग्लादेश में नफ़रत के ख़िलाफ़ आवाज़ें, दिखाती हैंं राह

बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा और आश्वस्त करती सरकार की ज़िम्मेदार पहल

कार्टून क्लिक: कहीं पे निगाहें, कहीं पर निशाना

बांग्लादेश : 52 मज़दूरों की हत्या के आरोप में फ़ैक्ट्री मालिक हिरासत में


बाकी खबरें

  • भाषा
    श्रीलंका में हिंसा में अब तक आठ लोगों की मौत, महिंदा राजपक्षे की गिरफ़्तारी की मांग तेज़
    10 May 2022
    विपक्ष ने महिंदा राजपक्षे पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला करने के लिए सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उकसाने का आरोप लगाया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिवंगत फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को दूसरी बार मिला ''द पुलित्ज़र प्राइज़''
    10 May 2022
    अपनी बेहतरीन फोटो पत्रकारिता के लिए पहचान रखने वाले दिवंगत पत्रकार दानिश सिद्दीकी और उनके सहयोगियों को ''द पुल्तिज़र प्राइज़'' से सम्मानित किया गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी
    10 May 2022
    केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के आचरण पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि यदि वे इस घटना से पहले भड़काऊ भाषण न देते तो यह घटना नहीं होती और यह जघन्य हत्याकांड टल सकता था।
  • विजय विनीत
    पानी को तरसता बुंदेलखंडः कपसा गांव में प्यास की गवाही दे रहे ढाई हजार चेहरे, सूख रहे इकलौते कुएं से कैसे बुझेगी प्यास?
    10 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्टः ''पानी की सही कीमत जानना हो तो हमीरपुर के कपसा गांव के लोगों से कोई भी मिल सकता है। हर सरकार ने यहां पानी की तरह पैसा बहाया, फिर भी लोगों की प्यास नहीं बुझ पाई।''
  • लाल बहादुर सिंह
    साझी विरासत-साझी लड़ाई: 1857 को आज सही सन्दर्भ में याद रखना बेहद ज़रूरी
    10 May 2022
    आज़ादी की यह पहली लड़ाई जिन मूल्यों और आदर्शों की बुनियाद पर लड़ी गयी थी, वे अभूतपूर्व संकट की मौजूदा घड़ी में हमारे लिए प्रकाश-स्तम्भ की तरह हैं। आज जो कारपोरेट-साम्प्रदायिक फासीवादी निज़ाम हमारे देश में…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License