NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश के शिप ब्रेकिंग उद्योग में लगातार हो रही हैं मौतें
इसी साल में बांग्लादेश के भीतर पानी के जहाज़ तोड़ने वाले उद्योग में अलग-अलग घटी दुर्घटनाओं में कम से कम 15 मज़दूर मारे गए हैं। इससे इस बात का खुलासा होता है कि ये घटनाएँ मालिकों और सरकारी पर्यवेक्षक की लापरवाही का नतीजा हैं।
पीपुल्स डिस्पैच
07 Sep 2019
Translated by महेश कुमार
ship breaking industry in bangladesh
कई मामलों में, श्रमिकों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के जहाज़ों को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है।

31 अगस्त को बांग्लादेश में एक जहाज़ तोड़ने वाले उद्योग में एक भारी धातु केबल के नीचे फंसने से हुई दुर्घटना में दो श्रमिकों की मौत हो गई। इसी हादसे में 11 अन्य मज़दूर भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

यह घटना चटगांव के सीताकुंड में बारा अवलिया में ज़िरी सूबेदार जहाज़ तोड़ने वाले यार्ड में हुई। सीएसएल वर्जीनिया  का  मलबा, जिस जहाज़ को उस जगह पर तोड़ा जा रहा था, 55 श्रमिकों के उपर गिर गया था।

जबकि 40 श्रमिक बिना किसी नुक़सान के बच गए, लेकिन 13 घायल हो गए। उन्हें चटगांव के नज़दीकी अस्पताल में भर्ती किया गया है। 50 वर्षीय अमीनुल इस्लाम और 25 वर्षीय तुषार चकमा नाम के दो श्रमिकों ने दम तोड़ दिया और उनकी मृत्यु हो गई। सीताकुंड पुलिस स्टेशन में इस संबंध मे एक मुक़दमा दर्ज किया गया है, लेकिन इसकी बहुत ही कम संभावना है कि कंपनी का प्रबंधन इन मौतों की ज़िम्मेदारी अपने उपर लेगा या उन्हें इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा। हालांकि, पर्यावरण निरीक्षक, हरुनूर राशिद के अनुसार, घटना के बाद से यार्ड में काम बंद कर दिया गया है और जहाज़ तोड़ने वाले यार्ड प्राधिकरण को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

उद्योग मंत्रालय द्वारा 1 सितंबर को जारी किए गए एक आदेश के अनुसार, ऐसी दुर्घटनाएं इसलिए होती हैं क्योंकि मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का शायद ही कोई कंपनी पालन करती है। इसी के परिणामस्वरूप "जहाज़ तोड़ने वाले उद्योग के बारे में ऐसी नकारात्मक धारणा देश और विदेश में है," आदेश में कहा गया है कि शिप ब्रेकिंग और पुनर्चक्रण (रिसाईकलिंग) अधिनियम, जो प्रशिक्षित श्रमिकों का इस काम में उपयोग करने और जहाज़ों के सुरक्षित निराकरण के दिशानिर्देशों से संबंधित है, पर्यावरण को कोई नुक़सान ना पहुँचाते हुए, पूरी तरह से लागू करना चाहिए।

हालांकि, यह दुर्घटना बांग्लादेश के जहाज़ तोड़ने वाले उद्योग में अकेली घटना नहीं है, जो दुनिया के ख़ारिज किए गए जहाज़ों के बड़े हिस्से को तोड़ने और उसके कचरे को संभालती है। बांग्लादेश की सोशलिस्ट पार्टी ने अनुसार, पिछले 15 वर्षों में जहाज़ तोड़ने वाले उद्योग में 200 से अधिक श्रमिकों की मृत्यु हुई है।

31 जुलाई को, मैक्स कॉर्पोरेशन के तीन कर्मचारियों भी इसी तरह की दुर्घटना में मौत हो गई थी। उन्हें, एमटी एटलस जहाज़ की स्क्रैपिंग पर काम करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए थे। जब उन्होंने काम करना शुरू किया, जहाज़ से निकली ज़हरीली गैस ने उन्हें बेहोश कर दिया।

उसी दिन, 45 वर्षीय यूसुफ़ अहमद, एक भारी लोहे की रॉड से भारी चोट खाने से उस वक़्त मारा गया, जब वह नाज़िया, उत्तरी शानाईचोरी में रिरोलिंग मिल के अंदर काम कर रहा था। इससे पहले, 23 जुलाई को, सीताकुंड में कबीर स्टील के जहाज़ तोड़ने वाले यार्ड में 30 वर्षीय शाहिदुल इस्लाम एक जहाज़ के ऊपरी हिस्से के एक ख़ाली टैंक में गिर गया था। इन घटनाओं के निरंतर होने के बावजूद, अधिकारियों की तरफ़ से कोई महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि इस उद्योग में कार्यरत कम से कम 15 श्रमिकों की मृत्यु इस वर्ष बांग्लादेश में हुई है।

IndustriALL के निदेशक कान मात्सुजाकी ने कहा, "इन घटनाओं से पता चलता है कि सरकारी पर्यवेक्षकों और मालिकों की लापरवाही की वजह से ये श्रमिक अपनी जान गंवा रहे हैं। बांग्लादेश सरकार को 2018 के बांग्लादेश शिप पुनर्चक्रण अधिनियम को जल्दी से लागू करना चाहिए और जहाज़ों की सुरक्षित और पर्यावरण की दृष्टि से पुनर्चक्रण के लिए हांगकांग अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफ़ारिशों को लागू करना चाहिए।”

IndustriALL के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय सचिव, अपूर्वा काइवर ने भी कहा कि इन दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है और श्रमिकों की जान बचाई जा सकती है।

उन्होंने कहा, "हालांकि, सरकार की ओर से शिथिलता और मालिकों की लापरवाही से कर्मचारियों का मरना जारी है।"

Bangladesh
Bangladesh Ship Recycling Act 2008
Hazardous Industries
Hong Kong International Convention
IndustriALL
Ship Breaking Industry
Working conditions
working class

Related Stories

मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?

मज़दूर दिवस : हम ऊंघते, क़लम घिसते हुए, उत्पीड़न और लाचारी में नहीं जियेंगे

ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना

मई दिवस: मज़दूर—किसान एकता का संदेश

वैश्वीकरण और पूंजी तथा श्रम का स्थान परिवर्तन

महामारी के मद्देनजर कामगार वर्ग की ज़रूरतों के अनुरूप शहरों की योजना में बदलाव की आवश्यकता  

उत्तराखंड चुनाव: राज्य में बढ़ते दमन-शोषण के बीच मज़दूरों ने भाजपा को हराने के लिए संघर्ष तेज़ किया

मध्य प्रदेश: महामारी से श्रमिक नौकरी और मज़दूरी के नुकसान से गंभीर संकट में

आंध्र: अनंतपुर की इंडियन डिज़ाइन कंपनी के कपड़ा मज़दूर न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाने के लिए कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन

COVID-19 के समय श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बीच बांग्लादेश में गारमेंट फैक्ट्रियां खुलीं


बाकी खबरें

  • maliyana
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल
    23 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह न्यूज़क्लिक की टीम के साथ पहुंची उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के मलियाना इलाके में, जहां 35 साल पहले 72 से अधिक मुसलमानों को पीएसी और दंगाइयों ने मार डाला…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया
    23 May 2022
    अचानक नाव में छेद हो गया और उसमें पानी भरने लगा। इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते नाव अनियंत्रित होकर गंगा में पलट गई। नाविक ने किसी सैलानी को लाइफ जैकेट नहीं पहनाया था।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी अपडेटः जिला जज ने सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा अपना फैसला, हिन्दू पक्ष देखना चाहता है वीडियो फुटेज
    23 May 2022
    सोमवार को अपराह्न दो बजे जनपद न्यायाधीश अजय विश्वेसा की कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की चार याचिकाओं पर जिला जज ने दलीलें सुनी और फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?
    23 May 2022
    2019 के बाद से जो प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं, उनसे ना तो कश्मीरियों को फ़ायदा हो रहा है ना ही पंडित समुदाय को, इससे सिर्फ़ बीजेपी को लाभ मिल रहा है। बल्कि अब तो पंडित समुदाय भी बेहद कठोर ढंग से…
  • राज वाल्मीकि
    सीवर कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए ज़रूरी है ठेकेदारी प्रथा का ख़ात्मा
    23 May 2022
    सीवर, संघर्ष और आजीविक सीवर कर्मचारियों के मुद्दे पर कन्वेन्शन के इस नाम से एक कार्यक्रम 21 मई 2022 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया मे हुआ।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License