NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश ने रोहिंग्या शिविरों में सेलफोन सेवाओं पर रोक लगाई
बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग के प्रवक्ता जाकिर हुसैन खान ने कहा कि उन्होंने ऑपरेटरों से सात दिन के भीतर आदेश पर जवाब देने के लिए कहा है। उन्होंने फोन पर कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा की वजहों से यह फैसला लिया गया है।’’

एपी, भाषा
04 Sep 2019
rohingya
प्रतीकात्मक तस्वीर


 बांग्लादेश के दूरसंचार नियामक निकाय ने ऑपरेटरों से देश के दक्षिणपूर्व में बेतरतीबी से फैले हुए शिविरों में सुरक्षा खतरे और फोन के गैरकानूनी इस्तेमाल का हवाला देते हुए मोबाइल सेवाएं बंद करने को कहा है। इन शिविरों में म्यामां से भागे हुए हजारों रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं। 

बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग के प्रवक्ता जाकिर हुसैन खान ने कहा कि उन्होंने ऑपरेटरों से सात दिन के भीतर आदेश पर जवाब देने के लिए कहा है।
उन्होंने फोन पर कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा की वजहों से यह फैसला लिया गया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हम यह देखकर हैरान रह गए कि रोहिंग्या शरणार्थी गैरकानूनी तरीके से मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और हमें स्थिति स्पष्ट नहीं है।’’यह पूछे जाने पर कि देश किस तरह के सुरक्षा खतरे का सामना कर रहा है, इस पर खान ने कहा कि शिविरों में हाल के एक सर्वेक्षण से पता चला कि वहां सेलफोन गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि ऐसी रिपोर्टें हैं कि वहां ऐसे लोग मौजूद हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। हालांकि उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी। हाल के महीनों में कुछ शरणार्थियों के म्यामां से अवैध मादक पदार्थ की तस्करी में शामिल होने की चिंताओं के बीच 40 से अधिक रोहिंग्याओं की मौत हो गई है। पिछले महीने सत्तारूढ़ पार्टी के एक सदस्य की इस इलाके में हत्या कर दी गई और पुलिस ने इस हत्या के लिए रोहिंग्या को जिम्मेदार ठहराया।

खान ने बताया कि जब तक सेलफोन सेवाएं रोकी गई है तब तक ऑपरेटरों से कॉक्स बाजार जिले में शिविरों में हर दिन शाम पांच से सुबह पांच बजे के बीच डेटा और इंटरनेट सेवा निलंबित करने के लिए कहा गया है जिसका मतलब है कि केवल फोन कॉल ही की जा सकती हैं।रोहिंग्या समुदाय के दर्द को एक रोहिंग्या की जुबानी बयां करती किताबरोहिंग्या मानवीय संकट की भयावहता से दुनिया परिचित है, ऐसे में एक नई पुस्तक इस समुदाय के दर्द को एक ऐसे रोहिंग्या की जुबानी बयां करेगी जो अपने ही देश में ऐसे व्यक्ति के रूप में पला-बढ़ा जिसके पास नागरिकता नहीं थी।

पेंगुइन रैंडम हाउस (इंडिया) ने मंगलवार को बताया कि ‘‘फर्स्ट दे इरेज्ड ऑर नेम: ए रोहिंग्या स्पीक्स’’ का औपचारिक विमोचन नौ सितंबर को किया जाएगा। फ्रांसीसी पत्रकार सोफी अंसेल की यह किताब हबीबुर्रहमान के शब्दों में वैश्विक मानवीय संकट को बयां करेगी।हबीबुर्रहमान का जन्म पश्चिमी बर्मा के गांव में हुआ था और वह वहीं पला-बढ़ा। पश्चिमी बर्मा को अब म्यामां के नाम से जाना जाता है। हबीबुर्रहमान 1979 में उस समय देश की नागरिकता से अचानक वंचित हो गया था, जब देश के सैन्य नेता ने यह घोषणा की थी कि रोहिंग्या मान्यता प्राप्त उन आठ जातीय समूहों में शामिल नहीं हैं जो ‘राष्ट्रीय जातीय समूह’ हैं। 

प्रकाशक ने एक बयान में कहा कि 1982 के बाद से लाखों रोहिंग्या को अपने घर छोड़कर जाना पड़ा था। वर्ष 2016 और 2017 में सरकार ने ‘‘जातीय सफाई’’ की प्रक्रिया तेज कर दी थी और छह लाख से अधिक रोहिंग्या को सीमा पार करके बांग्लादेश जाना पड़ा था।उसने कहा, ‘‘पहली बार ऐसा होगा, जब एक रोहिंग्या वैश्विक मानवीय संकट के पीछे का सच उजागर करेगा। एक बच्चे की जुबानी हम रोहिंग्या लोगों पर हुए अत्याचारों के बारे में जानेंगे और हबीबुर्रहमान की आंखों से वह हिंसा देखेंगे जो उसने 2000 में देश छोड़कर जाने से पहले अपने जीवन में झेली।’’


 

myanmaar
Rohingya
ethnic cleansing of Rohingyas
cox market. cellphone in rohingya camp

Related Stories

उथल-पुथल: राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से जूझता विश्व  

कैसे सैन्य शासन के विरोध ने म्यांमार को 2021 के तख़्तापलट के बाद से बदल दिया है

'स्टेंड विद म्यांमार': सैन्य हिंसा के खिलाफ़ अंतरराष्ट्रीय एकजुटता का अभियान

क़रीब 400 रोहिंग्या दो महीने तक समुद्र में फंसे रहने के बाद बांग्लादेश लौटे

सेना पर रोहिंग्या समुदाय के महिलाओं और बच्चों की हत्याओं का आरोप

म्यांमार में रोहिंग्या के साथ हो रहा नरसंहार : अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय

पिछले साल 3,05,000 से अधिक श्रमिकों ने म्यांमार से पलायन किया

हज़ारों रोहिंग्या ‘नरसंहार’ को याद करने के लिए जमा हुए


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License