NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बेटा, कार खरीदी है या रफ़ाल!
मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि छह लाख की कार सोलह लाख की कैसे हो गई।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
13 Jan 2019
सांकेतिक तस्वीर

मुझे एक कार पसंद आई। उसको खूब ठोक बजा कर देख लिया था। सारी कारों के साथ तुलना कर ली थी। मेरी, परिवार की सभी जरूरतें पूरा करती थी। मेरी जेब में भी फिट हो रही थी। कीमत थी करीब छह लाख रुपये। कार खरीद पाता, घर में आ पाती, उससे पहले ही वह बेटा, जो खरीददारी के लिए जिम्मेवार था, बीमार पड़ गया।

कार की घर पर जरूरत थी। इसलिए मैंने अपने दूसरे बेटे को बुला कर कहा कि वह जाये और कार खरीद लाये। कार पसंद तो की ही जा चुकी थी। बस डील फाइनल करनी थी, पैसा देना था और कार ले आनी थी। तो बेटे को कार का डीलर, मॉडल, मेक सब समझा कर भेज दिया। पेमेंट के लिए हस्ताक्षर कर एक चेक दे दिया। कहा रकम खुद भर कर दे देना।

Teerchi-nazar 2_0.jpg

बेटा कार खरीद लाया। सबको बहुत पसंद आयी। मैंने भी देखी, कार वही थी जो मैं चुन कर आया था। थोड़ी अलग सी लग रही थी। बेटे ने कुछ ऐक्सिसरीज़ लगवा दी थी। हम समझ गये, बेटा थोड़ा शौकीन तबीयत का है, दिन में चार बार कपड़े बदलता है, रंग बिरंगी जैकेट बनवाता है। फेंकता भी बहुत है। थोड़े बहुत पैसे फालतू खर्च कर दिये होंगे, चलता है। फिर पूछा तो पता चला साहबजादे सोलह लाख से अधिक का चेक दे आये हैं। मैं चिंता में घुला जा रहा था और साहबजादे अपनी फरमाये जा रहे थे। हॉर्न ऐसा लगवा दिया है कि जब बजायेंगे तो बराबर वाले खान साहब थर्रा उठेंगे। एसी ऐसा है कि खिड़की खोल कर चला दिया जाये तो ठंडक बराबर वाले मोहल्ले तक पहुंच जाये। व्हील स्पाइस, रियर विंड स्पोइलर, और न जाने क्या क्या, बताये ही जा रहा था कि उसने इस कार में क्या क्या बदलाव किये हैं।

मैं तो उसकी डींगे सुन अंदर आ चादर तान लेट गया और सोचने लगा कि यह नुकसान तो हो ही गया है पर आगे न हो। मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि छह लाख की कार सोलह लाख की कैसे हो गई। पत्नी अंदर आयीं, मुझे चादर तान बिस्तर पर लेटे हुए देख बोली "बेटा कितनी सुंदर कार खरीद कर लाया है और आप मुंह फुलाकर बैठे हैं।" मैंने कहा छह लाख की चीज चाहे ऊपर से मिसाइल भी लगवा लो, सोलह लाख रुपये में तो कोई नहीं खरीदता। हो न हो कुछ बेईमानी तो अवश्य ही हुई है।" मेरी पत्नी, जिसका निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से कम नहीं है, निर्णायक स्वर में बोली "चाहे कुछ भी हो, यह बेटा बेईमान तो हरगिज नहीं हो सकता।" पर मैंने निश्चय कर लिया था, बेटा है घर से निकाल तो नहीं सकते पर अब उसको कुछ भी खरीदने का अधिकार नहीं देना है। मैंने तो निर्णय ले लिया है, बस अब आपको निर्णय लेना है।

पुनश्च : जबसे रफ़ाल डील पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, मेरा बेटा अकड़ कर घूमता है। मुझसे कहता है, देखा, कोर्ट ने भी छह सौ करोड़ के हवाई जहाज को सोलह सौ करोड़ में खरीदने की अनुमति दे दी है। क्या आप सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर हैं। मैं कहता हूँ, नहीं बेटा, मैं आम जनता हूँ।

Satire
Political satire
CAR
MOTOR CAR
Rafale deal
rafale scam

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

तिरछी नज़र: 2047 की बात है

कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 

ताजमहल किसे चाहिए— ऐ नफ़रत तू ज़िंदाबाद!

तिरछी नज़र: ...ओह माई गॉड!

कटाक्ष: एक निशान, अलग-अलग विधान, फिर भी नया इंडिया महान!

तिरछी नज़र: हम सहनशील तो हैं, पर इतने भी नहीं


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License