NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बीएसएनएल की कीमत पर रिलायंस जियो की तरक्की!
बीएसएनएल कर्मी आज सोमवार से तीन दिन की हड़ताल पर हैं। वे क्या मांग रहे हैं। वे मांग रहे हैं 4जी स्पेक्ट्रम ताकि देश की बेहतर सेवा कर सकें, मगर सरकार उसकी अनुमति नही दे रही, ताकि 4जी सिर्फ रिलायंस जियो के पास रहे और अम्बानी पूरे बाजार कब्जा कर सके। अब भी कोई शक़ है क्या कि सरकार किसकी है?
बादल सरोज
18 Feb 2019
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy:NewsTrack (File Photo)

18 फरवरी से शुरू हुयी बीएसएनएल कर्मियों की तीन दिनी हड़ताल कोई आम हड़ताल नहीं है। यह देश की सुरक्षा चौकी पर मुस्तैद खड़े बिन वर्दी वाले सिपाहियों की अपने देश की जनता से गुहार है : अपनी नौकरी बचाने या तन्खा बढ़ाने की नहीं, मुल्क की संचार प्रणाली को बचाने की गुहार।
सरकारी कम्पनी बीएसएनएल के कर्मचारी मांग रहे हैं 4 जी स्पेक्ट्रम ताकि देश की बेहतर सेवा कर सकें, मगर सरकार उसकी अनुमति नही दे रही, ताकि 4 जी सिर्फ रिलायंस जियो के पास रहे और अम्बानी पूरे बाजार कब्जा कर सके। अब भी कोई शक़ है क्या कि सरकार किसकी है? 
गाँव, पहाड़, जंगल, पिछड़े इलाकों तक टेलीफोन सुविधा पहुँचाने और भारतीय सेना को विश्वस्तरीय ऑप्टिक केबल नेटवर्क उपलब्ध कराने के लिए बीएसएनएल को भारत रत्न का सम्मान मिलना चाहिए था ; मगर मिली सजा-ए-मौत!! 
अम्बानियों के लिए खुद सरकार अपनी ही कम्पनियों का किस तरह कत्लेआम करती है भारत संचार निगम लिमिटेड इसका क्रूरतम उदाहरण है। धमनियां काट कर इसका लहू भी बहाया गया - विस्तार और आधुनिकीकरण रोक कर सांस भी घोंटी गयी। 
कुछ ही उदाहरण काफी हैं कॉर्पोरेट की शूटर बनी सरकारों के ; 
2007-2012
के बीच नए उपकरण खरीदने से सरकार बीएसएनएल को रोकती रही - ताकि निजी कम्पनियां आगे निकल जाएँ। उस पर 3 जी के 18000 करोड़ रुपये एकमुश्त वसूल लिए।
1999 में वाजपेयी सरकार ने निजी कम्पनियों की लाइसेंस फीस घटाकर 43000 करोड़ रूपये की चपत अलग से लगा दी।
2 जी स्कैम करके अम्बानियों को मालामाल और बीएसएनएल को कंगाल कर दिया।
इसके बाद भी बीएसएनल कर्मचारी-अधिकारियों ने जीतोड़ मेहनत कर इसका ऑपरेशनल प्रॉफिट 2014-15 में बढ़ाकर 672 करोड़ रुपये, 2015-16 में 3854 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया। घाटे घटते गये : मुनाफे बढ़ते गये।

कि तभी ब्रह्मा जी खुद जियो का विज्ञापन करने के लिए मॉडल बन कर आ गए और रिलायंस की जियो ने बाकी सब कंपनियों और खुद सरकार की कम्पनी बीएसएनएल का भट्टा बिठा दिया। ऐसे दोस्त हों तो फिर दुश्मन की जरूरत ही कहाँ रहती है।
एक कुल 2 करोड़ की घोषित संपत्ति वाली कम्पनी इंफोटेल ने 1200 करोड़ रुपये में देश भर के सर्किल्स की 4 जी खरीद ली। बीएसएनएल को बोली तक नहीं लगाने दी गयी। इस इंफोटेल पर जियो ने कब्जा कर लिया, अम्बानी को 4 जी मिल गया - मगर बीएसएनएल को आज भी नहीं लेने दे रही है सरकार।
ब्रह्मा जी के विज्ञापन वाला जियो का लाइसेंस सिर्फ इंटरनेट का था मगर जब चाकर हुआ कोतवाल तो फिर डर काहे का? सो वॉइस कॉल्स में भी कूद पड़े महामहिम!! मजाल कि कोई पूछ ले?
बीएसएनएल की उपकरण बनाने की फैक्टरियां भी हैं। उन्हें भी उपकरण बनाने से रोक दिया गया। बाहर से उपकरण आ रहे हैं, जिनमे आपकी सारी बातचीत और डाटा के भी बाहर जाने का जोखिम है।
डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकॉम से बीएसएनएल बना था। कायदे से इसकी सारी संपत्ति ट्रान्सफर की जानी थी। मगर देश भर में कुछ लाख करोड़ रुपयो के बाजार मूल्य वाली जमीन और संपत्तियां अभी तक बीएसएनएल को नहीं मिलीं। 
नतीजा यह है कि तकनीकी उन्नति के इन अवरोधों और निजीकरण के चलते जब बीएसएनएल की कनेक्टिविटी में असुविधा आती है तो उसे गालियां और अम्बानियों को बाजार मिलता है। इस सबके चलते संचार और सूचना की प्रगति के मामले में हम 176 देशों में 134 पर आ गये।
18 से 20 फरवरी की हड़ताल पर गया बीएसएनएल परिवार देश, जनता,  संचार प्रणाली और सुरक्षा के लिए लड़ रहा है। उसका साथ दीजिये ।
अपने को क्या फर्क पड़ता है सिंड्रोम से बाहर आना जरूरी है। 
वरना वन डे ठग वन्देमातरम का शोर मचाकर सब कुछ बेच खाएंगे, जैसे डिफेन्स के कारखानों का उत्पादन ठप्प करके, उन्हें खोखला करके इधर अम्बानी अडानी को यहां के भी लाइसेंस दे रहे हैं उधर रफाल करके हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लि. को सुखा रहे हैं। रेल नेटवर्क भी यही ठिकाने लगा रहे हैं ।

(ये लेखक के निजी विचार हैं।)

BSNL
Jio
Reliance
Reliance Jio Infocomm
bsnl strike
Modi Govt
BJP
privatization
4g

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License