NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
बिहार: आशा कार्यकर्ताओं ने फिर दी आंदोलन की चेतावनी
बिहार में आशा कार्यकर्ताओं के लंबे आंदोलन के बाद राज्य सरकार 1000 रुपये मानदेय देने के लिए तैयार हुई थी लेकिन अब सरकार उसे मानेदय की बजाय प्रोत्साहन राशि बतला रही है। इसके कारण आशा कार्यकर्ताओं में आक्रोश है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Sep 2019
Asha workers protest
फाइल फोटो

पटना: बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ-गोपगुट की राज्य अध्यक्ष शशि यादव ने बिहार सरकार पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के लंबे आंदोलन के बाद राज्य सरकार 1000 रु. मानदेय देने के लिए तैयार हुई थी लेकिन अब सरकार उसे मानेदय की बजाए प्रोत्साहन राशि बतला रही है। इसके कारण आशा कार्यकर्ताओं में आक्रोश है।

सभी जिलों के संघ के अध्यक्षों ने विगत दिनों संघ की हुई बैठक में साफ कर दिया है कि सरकार की यह धोखाधड़ी हमें मंजूर नहीं है। यदि सरकार अपने दुहरे चरित्र से बाज नहीं आती है तो फिर से पूरे बिहार में आंदोलन किया जाएगा और 2020 के विधानसभा चुनाव में सरकार को सबक सिखाया जाएगा। इस फैसले के खिलाफ संघ ने विरोध पत्र सरकार को सौंप दिया है।

आशा कार्यकर्ता संघ की बैठक में शशि यादव के अलावा संघ के प्रमुख संरक्षक रामबली प्रसाद, सुरेश प्रसाद (संघ के सम्मनित अध्यक्ष), एक्टू के राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार, महासंघ की उपाध्यक्ष केडी विद्यार्थी और अन्य नेताओं ने भाग लिया।

बैठक में 15 सितंबर से 30 अक्टूबर तक आशा को सम्मान दो अधिकार दो अभियान चलाने, 30 सितंबर को सभी पीएचसी पर धरना देने, 14 अक्टूबर को जिला में सिविल सर्जन के यहां प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया गया।

इसके तहत पारितोषिक नहीं मानदेय की घोषणा करो, केंद्र व राज्य के द्वारा घोषित राशि के साथ बकाया राशि का भुगतान शीघ्र करो, भुगतान के बदले पदाधिकारियों के द्वारा कमीशनखोरी बन्द करो, न्यूनतम एक्ट को पुनः बहाल करो आदि मांगें उठाई जाएंगी।

दिसंबर में विधानसभा सत्र के दौरान पटना में विधानसभा के सामने प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसकी तिथि बाद में घोषित की जाएगी। जिला स्तर पर संघ के आंदोलन व संगठन को मजबूत करने का भी निर्णय लिया गया।

बता दें इससे पहले आशा कार्यकर्ताओं और आशा फैसिलिटेटर को प्रति माह एक हजार रुपए अतिरिक्त पारितोषिक (अवार्ड) के रूप में देने की घोषणा राज्य सरकार ने की थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था।

बताया गया कि इस फैसले से राज्य सरकार को सालाना 118 करोड़ 72 लाख खर्च करना पड़ेगा। राज्य में आशा कार्यकर्ताओं की संख्या 94 हजार 249 और आशा फैसिलिटेटर की संख्या चार हजार 685 है।  

asha wokers
Asha Workers Strike
Bihar
Nitish Kumar
nitish sarkar
BJP

Related Stories

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में एक हफ्ते बाद कोरोना के तीन हज़ार से कम मामले दर्ज किए गए
    10 May 2022
    देश की राजधानी दिल्ली में 17 दिन बाद एक हज़ार से कम नए मामले सामने आए हैं | वहीं उत्तर प्रदेश में कोरोना के लगतार बढ़ते मामलो की देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार फिर से सख्त हुई है |
  • भाषा
    आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का इस्तीफ़ा, बुधवार तक कर्फ्यू लगाया गया
    10 May 2022
    प्रधानमंत्री महिंदा ने अपने त्यागपत्र में कहा कि वह सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘‘मैं (आपको) सूचित करना चाहता हूं कि…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध
    10 May 2022
    स्वास्थ्य मंत्री के पहुंचने पर अस्पताल गेट के समक्ष कर्मचारियों ने बैनर के साथ नारे लगाते हुए शांतिपूर्ण विरोध किया।
  • वसीम अकरम त्यागी
    शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!
    10 May 2022
    मिर्ज़ा के इस शेर में ग़ालिब को शाहीन बाग़ और हम को मेनस्ट्रीम न्यूज़ चैनल पढ़ा जाए। नौ मई का दिन चैनलों और समर्थकों के लिए तय किया गया था जो रोज़ मुसलमान उत्पीड़न का नया नशा चाहता है। मगर हाय, यह हो…
  • भाषा
    दिवंगत दानिश सिद्दीकी सहित चार भारतीय पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित
    10 May 2022
    सिद्दीकी (38) की पिछले साल जुलाई में अफगानिस्तान में हत्या कर दी गई थी। अफगानिस्तान के स्पीन बोल्दक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच हिंसक संघर्ष की तस्वीरें लेते समय उनकी हत्या कर दी गई थी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License