NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार: हाईस्कूल के परिणाम आने से पहले 42 हज़ार मूल्यांकित कॉपियाँ गायब
बिहार कभी जो अपने ज्ञान के लिए पहचाना जाता था, उस राज्य की शिक्षा व्यवस्था बद से बद्दतर होती जा रही है | अगर सरकारी आँकड़े देखें तो बिहार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार पिछड़ रहा है I
मुकुंद झा
19 Jun 2018
nitish kumar

बिहार के हाईस्कूल के परिणाम कल आने की संभावना है, लेकिन इससे पहले एक ऐसी खबर आई जिसने शिक्षा विभाग की नींद उड़ा दी है| बिहार के गोपालगंज शहर में एसएस बालिका प्लस टू स्कूल से साल  2018 के 10वीं की लगभग 42 हज़ार जाँची हुई कॉपियाँ गायब हैं|

प्रभात खबर के अनुसार पूरे मामले का खुलासा एक रिपोर्ट से हुआ जो एसएस बालिका प्लस टू स्कूल की जाँच के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समीति को सौंपी गयीथी| बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने टेबलेटिंग के दौरान टॉपरों की कॉपियों की माँग की थी| जब कॉपियों को बिहार बोर्ड भेजा गया तो  सामाजिक विज्ञान की दो, हिंदी की दो, संस्कृत की दो, गणित की दो, विज्ञान की दो, अंग्रेजी की दो समेत कुल 12 कॉपियों के गायब होने की जानकारी बोर्ड से स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव को फोन पर दी गयी| फिर आनन-फानन में प्राचार्य ने मूल्यांकन केंद्र को खुलवा कर जाँच शुरू की | स्कूल प्रबंधन मिनी ट्रक से कॉपियों के गायब किये जाने की आशंका जता रहा है| लगभग 42 हज़ार कॉपियाँ बिना दरवाज़ा खोले कैसे गायब हो गयीं, यह जाँच का विषय है|

माकपा के राज्य सचिव अवधेश सिंह ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि, “नीतीश राज में यह सब अब आम घटना हो गई है, शिक्षा के नाम पर पूरे बिहार में केवल शिक्षा माफिया हावी है| उन सभी को सरकार का पूरा समर्थन है”|

आगे उन्होंने कहा कि, “शिक्षा व्यवस्था के लिए केवल नीतीश सरकार है इनके राज में शिक्षा का पूरी तरह व्यापारीकरण हो रहा है| पैसा लेकर फर्ज़ी प्रमाण पत्र धड़ल्ले से शिक्षा माफिया सरकार के संरक्षण में बेच रहे हैं”|


बिहार कभी जो अपने ज्ञान के लिए पहचाना जाता था, उस राज्य की शिक्षा व्यवस्था बद से बद्दतर होती जा रही है | अगर सरकारी आँकड़े को देखे तो बिहार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार पिछड़ रहा है| बिहार में किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक अशिक्षित लोग हैं| 2011 के अनुसार साक्षरता एक दशक में 14.8 प्रतिशत तक बढ़ी है, बिहार की प्राथमिक शिक्षा प्रणाली में भरी संकट है: यहाँ की कक्षाओं में छात्रों की संख्या देश के बाकि राज्यों के मुकाबले काफी ज़्यादा है और शिक्षक बहुत कमI

लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में सरकार ने कहा कि बिहार के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 2,00,000 से अधिक  पद खाली पड़े हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार सरकार के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई के स्तर में गिरावट हुई है और निजी स्कूलों में सुधार हुआ | यह बिहार के लिए शुभ संकेत नहीं क्योंकि पूरे बिहार में 90% स्कूल सरकार द्वारा चलाये जाते हैं।

बिहार में पर्याप्त कक्षाएँ भी नहीं हैं| जहाँ देश में छात्र और क्लास रूम का अनुपात 27 है, वहीं बिहार में यह 51 है, जो देश में सबसे बुरा है|

बिहार में को ठेके पर शिक्षक रख छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार किया है। लेकिन इन शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों की तुलना में बहुत ही कम वेतन मिलता है|

बिहार के एक शिक्षक ने बतया कि, “इनमें से अधिकतर भर्तीयाँ भी अपने आप में बहुत ही संदेहास्पद है क्योंकि केवल अनुभव प्रमाण-पत्र के आधार पर भर्ती की गई थी| ऐसे कई उदहारण है जहाँ लोगों ने घूँस देकर प्रमाण पत्र बनावाये और इस नौकरी प्राप्त की”|

दूसरी तरफ “जो अनुबंध पर शिक्षकों की भर्ती की गई है उन्हें 4,000 से 10,000 तक का मासिक वेतन मिलता है जो बहुत ही कम है| इसको लेकर कई बार न्यायालय ने भी टिप्पणी की लेकिन सरकार के कान पर जूँ तक नही रेंगी”|

बिहार की पूरी शिक्षा व्यवस्था भाजपा-नीतीश के राज में राम भरोसे ही चल रही है| छात्रों का कहना है कि बिहार में इस तरह की घटनाओं से उनके भविष्य से भी मज़ाक हो रहा है| क्योंकि वे अपनी मेहनत से पढ़ाई करते हैं लेकिन लोग फिर भी उन्हें शक की निगाह से देखते हैं| सरकार को लोगो में बिहार की शिक्षा

Bihar
education
Education crises
exam paper
Nitish Kumar

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस

बच्चे नहीं, शिक्षकों का मूल्यांकन करें तो पता चलेगा शिक्षा का स्तर

विशेष: क्यों प्रासंगिक हैं आज राजा राममोहन रॉय


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License