NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार के जमुई में आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या

पिछले दस वर्षों में बिहार में चौदह आरटीआई कार्यकर्ता मारे गए हैं। पिछले करीब 6माह के भीतर ही चार आरटीआई कर्यकर्ताओं की हत्या हुई है |
मुकुंद झा
04 Jul 2018
बिहार की कानून व्यवस्था

बीते रविवार बिहार के जमुई जिले में एक आरटीआई कर्यकर्ता की हत्या कर दी गई | बिहार में इस साल अब तक ये चौथी घटना है ,जहाँ आरटीआई कर्यकर्ता की हत्या हुई हो |

38 वर्षीय वाल्मीकि यादव और 35 वर्षीय धर्मेंद्र यादव उर्फ ​​करू यादव को राज्य राजधानी पटना के 166 किलोमीटर दक्षिणपूर्व जमुई जिले के सिकंदारा पुलिस स्टेशन की सीमा में बिछवे मोड़ के पास हमला किया गया था। इनकी हत्या के सिलसिले में सोमवार को मुखिया और एक जेडीयू ब्लॉक अध्यक्ष सहित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।

नागरिक अधिकार मंच के अनुसार  “पिछले 10वर्षो में करीब 14 आरटीआई कर्यकर्ताओ ने अपनी जान गवाया हैं | उन्होंने दाव किया की शिकायतकर्ता को किसी भी प्रकार की सुरक्षा नही दी जाती है” |

पुलिस के मुताबिक वाल्मीकि यादव घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी ,जबकी उनके मित्र धर्मेन्द्र को गंभीर हालत में प्रथमिक उपचार केंद्र ले जाया गया था | शुरआती जाँच के बाद ये लग रहा है की ये हत्या सोची समझी साज़िश के तहत हत्या की गई है |
वहाँ के लोगो का कहना है की “वाल्मीकि ने सार्वजनिक कल्याण योजनाओं और जिले में विकास कार्यों में कई गिरोहों और वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया है। वह आंगनवाड़ी सेविका के चयन में पंचायत प्रमुख समेत कुछ ग्रामीणों के मिलीभगत को उजागर किया था ।

अभी भी आधिकारिक रूप से उनके हत्या के पीछे का कोई कारण स्पष्ट नही हो पाया है ,लेकिन  कई मिडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस का कहना है की  "कृष्णा रविदास, जो कि बिछवे पंचायत के मुखिया हैं, और सुरेश महतो को हत्याओं के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया है। व्यक्तिगत शत्रुता का एक कोण भी शामिल है इस हत्या में, यह घटना आरटीआई आवेदनों के कारण हो सकती है , जिससे पंचायत में विभिन्न परियोजनाओं में चल रही अनियमिताओं के कारण उनको  रोका गया था”।  

जमुई के sp ने कहा की आरटीआई कार्यकर्ता और मुखिया पहले दोस्त थे लेकिन बाद में दोस्ती टूट गई। "वास्तव में, वो वाल्मीकि ही  था जिसने कृष्णा को प्रोत्साहित किया, जमुई के बिछवे से मुखिया के पद का चुनाव लड़े, लेकिन बाद में उन्होंने कार्य के गुणवत्ता के बारे में आरटीआई इस्तेमाल  कर   और शिकायतदायर  करके विभिन्न पंचायत परियोजनाओं में बाधाएं पैदा करना शुरू कर दिया। उन्होंने आंगनवाड़ी सेवियों की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया और मुखिया के पैसा बनाने में बाधा बन गये थे "|

ये कोई पहला मामला नही है की बिहार में किसी आरटीआई कर्यकर्ता की हत्या हुई हो इससे पूर्व में भी कई कार्यकर्ता की हत्या हुई है |

पिछले करीब 6माह के भीतर ही तीन अन्य आरटीआई कर्यकर्ताओं की हत्या हुई है ये कार्यकर्ता- सहारसा के राहुल झा, वैशाली के जयंत कुमार और पूर्वी चंपारण के राजेंद्र सिंह थे |

  • वैशाली के जयंत कुमार

गोरौल अस्पताल गेट के सामने फायरिंग कर आरटीआई कार्यकर्ता जयंत उर्फ हफिया की हत्या की गई उससे कई राज दब गए। उनकी हत्या के कुछ दिन बाद ही उनके द्वारा दाखिल आरटीआई के मामले में राज्य सूचना आयोग का फैसला भी जल्द आने वाला था। उस फैसले के पहले उसकी हत्या कई बातों की ओर इशारा करते हैं। अक्सर जयंत वहां के थानाध्यक्ष, बीडीओ आदी के खिलाफ आरटीआई लगाता रहते थे।

 योजनाओं में हेराफेरी के खिलाफ बोलना वहां के राजनीतिक लोगों को भी नागवार गुजरता था। पुलिस महकमा आरटीआई के अलावा भी कई बिंदुओं पर तहकीकात कर रहे है । लेकिन परिजन सीधे आरोप लगा रहे हैं कि आरटीआई से परेशान लोगों ने साजिश के तहत नियोजित हत्या कराई है।

  • पूर्वी चंपारण के राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह ने एलआईसी कार्यालय के कामकाज, शिक्षकों में अनियमितताओं और पुलिस भर्ती के साथ-साथ इंदिरा आवास योजना के तहत धन का दुरुपयोग और कई अनियमितता का  खुलासा किया था। पुलिस के मुताबिक, बाइकर हमलावरों ने मोतीलाहारी में अदालत में अपने वकीलों से मिलने के बाद जब सिंह मोटरसाइकिल पर घर लौट रहे 60 वर्षीय राजेंद्र सिंह पर गोलियों से हमला किया और उन पर तीन गोलियाँ मारी थी | जिसके बाद उनकी मौत हो गई |

  • सहारसा के राहुल झा

इस तरह की अन्य घटना में बिहार के ही सहरसा में एक और आरटीआई कार्यकर्ता राहुल की हत्या कर दी गई थी | इसके पीछे भी वही कारण था की उसने ने भी सरकारी योजनाओ में नेताओ और अफसरों की मिलीभगत के जरिए हो रही लुट को उजागर किया था |

पिछले दस वर्षों में बिहार में चौदह आरटीआई कार्यकर्ता मारे गए हैं। यादव  की हत्या के साथ ही , कार्यकर्ताओं पर हमलों की सूची केवल बढ़ी है|


बिहार के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा की " केवल 2011 में लखीसराय के एक मामले में, स्थानीय अदालत ने चार लोगों मौत की सजा सुनाई है। बाकी मामले अभी भी जाँच के दौर से ही गुजर रहे  हैं। बिहार आरटीआई कार्यकर्ताओ का  लंबे समय से सरकार से आरटीआई कार्यकर्ताओं के हत्या मामले में तेजी से जाँच करने  की मांग है” ।

इसे भी पढ़े : क्या यही है बिहार का सुशासन ?

ऐसा नहीं है कि राज्य सरकार ने अपने नागरिकों को सूचना का अधिकार देने के साथ उनकी सुरक्षा की कभी परवाह नहीं है। वर्ष 2010 में सरकार ने राज्य के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक की अगुवाई में एक सेल का गठन किया था। इस सेल को जिम्मेदारी दी गई थी कि वह आरटीआइ कार्यकर्ताओं के उत्पीडऩ से संबंधित शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करे। लेकिन यह सेल निष्क्रिय ही रहा। सबसे मजेदार बात तो यह है कि आरटीआइ कार्यकर्ता ने जब इस सेल में अपनी शिकायत दर्ज कराई तो उस शिकायत को उन्हीं पदाधिकारियों के पास जांच के नाम पर भेज दिया गया, जिनके खिलाफ आरटीआइ कार्यकर्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई थी।

 

 

Bihar
RTI activists
Nitish Kumar
jdu-bjp
वाल्मीकि यादव

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License