NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार : प्रशासन और भूमाफिया के गठजोड़ ने ले ली महादलित बिन्दा की जान?
सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर में भूमिहीनों के अनशन स्थल पर हमले में घायल बिन्दा साहनी की मौत हो गई है। सीपीएम ने 22 जनवरी को रुन्नीसैदपुर में शोक एवं संकल्प सभा करने का निर्णय किया है।
मुकुंद झा
21 Jan 2019
हमले के घायल बिन्दा साहनी की मौत

बिहार के रुन्नीसैदपुर (सीतामढ़ी) में भूमिहीनों के अनशन स्थल पर भूमाफिया के हमले में घायल बिन्दा साहनी की मौत हो गई है। उनका PMCH में इलाज चल रहा था। जहां उन्होंने रविवार अंतिम सांस ली। इसी हमले में घायल एक अन्य आंदोलनकारी महिला अनारी देवी की हालत भी गंभीर बनी हुई है।

बिन्दा साहनी की मौत से आहत आंदोलनकारियों ने कहा कि ये भूमाफिया ने ये हमला प्रशासन की शह पर किया है। उन्होंने कहा कि वे हत्यारों को सज़ा दिलाकर रहेंगे और न्याय होने तक ये संघर्ष जारी रहेगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने भी बिन्दा साहनी की मौत पर दु:ख और रोष जताया और भूमिहीनों के आंदोलन को अपने मकाम तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया। सीपीएम राज्य सचिव अवधेश कुमार, पटना जिला सचिव मनोज कुमार चंद्रवंशी, अशोक कुमार मिश्रा, मुकुल राज सहित सैकड़ों कि संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल माला चढ़ाई और उनकी अंत्येष्टि में शामिल हुए। इस सर्द मौसम में भी रविवार शाम को उनकी अंतिम यात्रा के दौरान भारी संख्या में लोग शामिल हुए। अंतिम यात्रा में ‘कामरेड बिन्दा की शहादत को लाल सलाम’, ‘बिन्दा तेरा मिशन अधूरा-हम सब मिलकर करेंगे पूरा’ का नारे लगातार गूंजते रहे।

सीपीएम ने 22 जनवरी को रुन्नीसैदपुर में शोक एवं संकल्प सभा करने का निर्णय किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर मोर्चे पर फेल नीतीश सरकार हताश है। बिहार में आज केवल लुटेरे ही सुरक्षित हैं और गरीब उजाड़े जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा की बेकार नहीं जायेगी भूमिहीन साथी बिन्दा साहनी की शहादत, उठेगा तूफान और इस निर्दयी सरकार को उड़ा ले जायेगा सात समुन्दर पार।

इन भूमिहीन महादलितों का संघर्ष अब एक जन आंदोलन बनता दिख रहा है। रविवार को हजारों कि संख्या में बिहार के लोग रुन्नासैदपुर पहुँच रहे हैं। इस संकल्प सभा में एआईकेएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धावले और सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश सिंह के साथ ही राज्य के अन्य विपक्षी दलों के नेता भी शमिल हो रहे हैं।

50900068_960272960824462_532340262668599296_n.jpg

कौन थे बिन्दा साहनी?

बिन्दा साहनी लगभग 65 वर्षीय भूमिहीन खेतिहर दिहाड़ी मजदूर थे। वे 90 के दशक की शुरुआत में ही वाम आंदोलन के करीब आये थे। 1993 से सीपीएम के सदस्य थे। वर्तमान में पार्टी के अंचल कमेटी के सदस्य थे। बिंदा के सात बच्चे थे जिसमें चार लड़के हैं। चारों ही मजदूर हैं। तीन लड़कियां हैं जिसमें से अभी केवल एक का विवाह हुआ है। दो बेटियां कुंवारी हैं, वे घर चलाने के लिए गाँव के अन्य घरों और खेतों में काम करती हैं।

इनके परिवार के पास कोई निश्चित आय का स्रोत नहीं है।  रहने के लिए भी घर और ज़मीन नहीं है। 2003 से सैकड़ों महादलित परिवार के साथ यह भी सीलिंग से अतिरिक्त जमीन पर अपनी कच्ची झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। परन्तु 10 जनवरी को बी०डी०ओ० द्वारा इन्हें उजाड़ने का प्रयास हुआ, तो उसके खिलाफ हो रही प्रतिरोध सभा में हिस्सा ले रहे थे, लेकिन 18 जनवरी को भूमाफिया द्वारा किये गए बम हमले का वे शिकार हो गए। तकरीबन दो दिनों तक मौत से संघर्ष करते हुए कल रविवार को उनका देहांत हो गया।

क्या पूरा मामला?

ज्ञात हो कि रुन्नीसैदपुर में वर्ष 2003 से सैकड़ों दलित परिवार से सीलिंग से बची ज़मीन पर अपनी झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। सीपीएम के नेतृत्व मे वे लगातार आवासीय पर्चा की मांग कर रहे थे। स्थानीय सीओ ने जांच करने के उपरांत परिवारों को चिह्नित करने का निर्णय लिया था। लेकिन सीओ पर्चा वितरण तिथि से पहले बीमारी के चलते छुट्टी पर चले गए। इस बीच पिछली 10 जनवरी को सीओ के प्रभारी के रूप में रुन्नीसैदपुर प्रखंड के बी०डी०ओ०, पुलिस बल लेकर बस्ती में गए। आरोप है कि उनके साथ स्थानीय भूमाफिया भी थे। बस्ती में बी०डी०ओ० ने नये सिरे से जांच होने के बाद पर्चा वितरित किये जाने कि बात कही, ग्रामीण द्वारा प्रतिरोध किये जाने के बाद उनके साथ मारपीट गाली-गलौज और महिलाओं के साथ अभद्रता की गई।

इस घटना के विरोध में 11 जनवरी को सीपीएम नेता देवेंद्र यादव के नेतृत्व में  51 पीड़ित ब्लॉक मुख्यालय के सामने अनशन पर बैठ गए। चार दिनों तक कोई बात नहीं की गई। 16 जनवरी को देवेंद्र यादव को वार्ता के लिए बुलाया गया। इस वार्ता में देवेंद्र नहीं गए, उनकी जगह दूसरे नेता गए, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसी दिन सभा को जब देवेंद्र यादव संबोधित कर रहे थे तो उनकी ओर पेट्रोल बम फेंका गया। इस हमले में अनशन पर बैठे बिन्दा साहनी और एक विधवा अनारी देवी बुरी तरह झुलस गए। कल 20 जनवरी को बिन्दा साहनी ने पीएमसीएच पटना में दम तोड़ दिया, जबकि अनारी देवी जिंदगी और मौत के बीच झूल रही हैं।

“बिहार में भाजपा-जदयू-गुंडा गठजोड़ की सरकार है”

स्थानीय सीपीएम नेता देवेंद्र यादव ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा की नीतीश सरकार का कुरूप चेहरा दिखता है, जब सच में भूमिहीन दलित जो हदबंदी से फालतू ज़मीन पर वर्षों से बसे हुए थे, उन्हें उजाड़ने की कोशिश की जाती है। इसी साजिश के खिलाफ जब हम अनशन पर बैठे थे तो बी०डी०ओ० के इशारे पर गुण्डों ने हमारी सभा पर बम से हमला किया और पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। ये साफ दिखा रहा है कि प्रशासन और भूमाफिया का आपराधिक गठजोड़ है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में अभी भाजपा-जदयू-गुंडा गठजोड़  कि सरकार चल रही है। सरकार इतनी डरी हुई है कि आंदोलन तो दूर अनशनकारियों पर भी बम मारा जा रहा है।

इस मामले में प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को आश्वास्त किया है कि वो धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज करेंगे। इसके साथ ही बिंदा साहनी के परिवार को 4 लाख की अर्थिक मदद के साथ ही उनके एक लड़के को नौकरी की बात कही है।

 सीपीएम के जिला सचिव मनोज कुमार चन्द्रवंशी ने कहा कि उनका और उनकी पार्टी का मानना है कि इस हत्याकांड में सीधे तौर पर स्थानीय बी०डी०ओ० और भूमाफिया जिम्मेदार है। सीपीएम मांग करती है कि तुरंत धारा 302 के अंतर्गत बी०डी०ओ० एवं उसके साथियों पर मुकदमा चलाया जाए और जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। साथ ही पीड़ित परिवारों कों कम से कम 10 लाख रुपये के मुआवजे के साथ उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए। इसके अलावा तत्काल 316 महादलित परिवारों को आवासीय पर्चा दिया जाए।

इसे भी पढ़ें : ‘रुन्नीसैदपुर चलो’ : महादलितों को ज़मीन से बेदख़ल करने के ख़िलाफ़ सीपीएम का आह्वान

 

Bihar
Sitamarhi
mahadalit
महादलित
jdu-bjp
भूमाफिया
Protest
रुन्नीसैदपुर चलो
CPI(M)

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License