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भारत
राजनीति
बजट के जरिये भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से धोखाधड़ी!, 25 को प्रदर्शन
अखिल भारतीय आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका फेडरेशन ने कहा कि भाजपा सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को फिर से धोखादिया है।उनके मानदेय में कोई अन्य वृद्धि नहीं की है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Feb 2019
#WorkersStrikeBack
सांकेतिक तश्वीर

शुक्रवार को संसद में भाषण देते हुए कार्यवाहक वित्तीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार लाखों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के मानदेयमें 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने जा रही है। इसको लेकर सरकार ने अपनी पीठ भी खूब थपथपाई लेकिन इसकी हकीकत क्या है, इसको जानने के लिए आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों से बात कर उनका पक्ष जानने की ज़रूरत है।
प्रधानमंत्री मोदी  ने 11 सितंबर 2018 को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्कीमवर्कर और सहायकों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की थी। उन्होंने यह भीघोषणा की कि इसे 1 अक्टूबर 2018 से लागू किया जाएगा और कार्यकर्ताओं को ये दीपावली से मिलने लगेगा, लेकिन आज तक अधिकांश राज्यों मेंआंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को यह नहीं मिलता है। बजट भाषण में कार्यवाहक वित्त मंत्री ने सितंबर में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आंगनवाड़ीऔर आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय  में वृद्धि का ही उल्लेख किया है, लेकिन इस तरह से यह धारणा बनाई जा रही है कि आंगनवाड़ी कर्मचारियों केमानदेय में और वृद्धि हुई है जो एक गलत तथ्य है।  ये कोई नई वृद्धि नही है बल्कि कार्यकर्ताओं को जो कई महीने पहले मिलना था उसे सरकार अब बजट के माध्यम से दे रही है |
लेकिन सरकार के इस फैसले को लेकर भी कई सवालिया निशना लगाए जा रहे हैं। अखिल भारतीय आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका फेडरेशन (AIFAWH)ने कहा कि भाजपा सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को फिर से धोखा दिया है। उनके मानदेय में कोई अन्य वृद्धि नहीं की है।
उन्होंने यह भी कहा कि सितंबर 2018 में घोषित वृद्धि के लिए आवश्यक पर्याप्त आवंटन का आधा भी नहीं है इसको लेकर  भारत की आंगनवाड़ीकार्यकर्ता और सहायिका 25 फरवरी 2019 को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगी। अंतरिम बजट 2019-20 में, भाजपा सरकार ने 26 लाखआंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को फिर से धोखा दिया है। बजट ने न केवल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों की लंबे समय से लंबित मांगों की उपेक्षा की है, बल्कि देश में कुपोषण के महत्वपूर्ण प्रश्न की भी उपेक्षा की है।
बजट के आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2018 में सरकार द्वारा घोषित वृद्धि को लागू करने के लिए बजट आवंटन भी पर्याप्त नहीं है। 11 सितंबर 2018 को पीआईबी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अतिरिक्त बजटीय आवंटन 1.10.2018 से 31.3.2020 तक  अवधि के लिए 10,649.41 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। इस राशि का साठ प्रतिशत जो कि एक वर्ष के लिए बढ़े हुए पारिश्रमिक के लिए आवश्यक है, वो 4259 करोड़ होगा। लेकिन वर्ष 2019-20 के लिए ICDS के लिए बजट में 'आंगनवाड़ी सेवाओं' के लिए बजट आवंटन केवल Rs.19, 834.37 करोड़ है, पिछले वर्षों से केवल1944.18 करोड़ की वृद्धि है  पिछले वर्ष .17,870.19 का संशोधित बजट था। मानदेय कि वृद्धि को लागू करने के लिए जो आवश्यक है उसका यहआधा भी नहीं है।
मोदी सरकार ने अपने 2014 के घोषणा पत्र  में आंगनवाड़ी कर्मचारियों की पेंशन के बारे में वादा किया था लेकिन उसके बाद से आज तक के बजट मेंइस बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है। विडंबना यह है कि भारत सरकार ने सितंबर 2017 में कहा था कि वह 12,000 करोड़ (पीआईबी 20सितंबर 2017 की रिलीज) आंगनवाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण के लिए वृद्धि हुई आवंटन किया है उसे खर्च करने जा रही है। इसका मतलब है पोषण के लिए प्रति वर्ष अतिरिक्त 6,000 करोड़ रुपये। लेकिन न तो पिछले साल का बजट और न ही इस साल के बजट में यह आवंटन शामिल है।
इसको लेकर AIFAWH ने अपने प्रेसविज्ञप्ति में कहा कि  जाहिर है कि इस चुनावी बजट में भी मोदी ने भाजपा सरकार का नेतृत्व किया, यहां तक किआंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के साथ-साथ देश की जनता के साथ ही 10 करोड़ 6 साल से कम उम्र बच्चों और 2 करोड़ माँओं की उपेक्षाकरते हुए गुमराह करने की कोशिश की। असंगठित क्षेत्र की कामकाजी महिलाओं को चाइल्ड केयर सेवा सुनिश्चित करने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों कोपूर्णकालिक क्रेच में परिवर्तित करने पर कोई आवंटन या उल्लेख नहीं है। इसके विपरीत, सरकार ने पहले ही पोषण ICDS के स्थान पर प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण शुरू करने का फैसला किया है और दो पायलट परियोजनाएं शुरू की कर दी हैं।
AIFAWH 25 फरवरी 2019 को नई दिल्ली में पर्याप्त फंड के आवंटन न करने के खिलाफ, नकद हस्तांतरण के खिलाफ और स्कीम वर्कर के लिएन्यूनतम मजदूरी और पेंशन पर 45वीं ILC सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए एक विशाल रैली का आयोजन करेगा।
AIFAWH ने सभी राज्य यूनियनों और देश के सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों से भाजपा सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध मेंऔर 25 फरवरी 2019 को दिल्ली में होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया।

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