NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बंबई उच्च न्यायालय ने गौतम नवलखा के खिलाफ कुछ नहीं पाया, गिरफ्तारी से संरक्षण बढ़ाया
न्यायमूर्ति मोरे ने कहा, ‘‘उनके (नवलखा ) खिलाफ कुछ नहीं है। प्रथम दृष्टया हमारा विचार है कि हमारे समक्ष सौंपे गए दस्तावेजों के आधार पर उनके खिलाफ कुछ नहीं है।’’


न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Jun 2019
gautam

बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा है कि नागरिक स्वतंत्रता के हिमायती कार्यकर्ता गौतम नवलखा के खिलाफ प्रथम दृष्टया उसने कुछ नहीं पाया है। अदालत ने गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से मिले संरक्षण की अवधि सुनवाई की अगली तारीख तक के लिए बढ़ा दी।

न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की खंडपीठ गौतम नवलखा की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। गौतम नवलखा ने 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद के बाद पुणे पुलिस द्वारा अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की है। गौरतलब है कि इस सम्मेलन के अगले दिन पुणे के कोरेगांव-भीमा गांव में हिंसा हुई थी। 
पुलिस ने नवलखा और चार अन्य कार्यकर्ताओं पर माओवादियों से संबंध रखने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पीठ ने बुधवार को नवलखा के वकील युग चौधरी और अतिरिक्त सरकारी वकील अरूण कुमार पाई की संक्षिप्त दलीलें सुनीं तथा आरोपियों के खिलाफ अभियोजन द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों पर भी गौर किया। 
  
न्यायमूर्ति मोरे ने कहा, ‘‘उनके (नवलखा ) खिलाफ कुछ नहीं है। प्रथम दृष्टया हमारा विचार है कि हमारे समक्ष सौंपे गए दस्तावेजों के आधार पर उनके खिलाफ कुछ नहीं है।’’

पाई ने दलील दी कि इन दस्तावेजों के अलावा कई अन्य दस्तावेज भी नवलखा  के लैपटॉप से बरामद हुए जो उनके खिलाफ आरोपों को मजबूत कर सकते हैं। 
अभियोजक ने ये दस्तावेज अदालत को बंद लिफाफे में सौंपे हैं और कहा कि ये दस्तावेज याचिकाकर्ता नवलखा  के साथ साझा नहीं किए जा सकते क्योंकि उनके खिलाफ जांच जारी है। हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि इन दस्तावेजों के बारे में कुछ भी गोपनीय नहीं है। ‘‘हमारा प्रथम दृष्टया यह मानना है कि ये दस्तावेज उन्हें (नवलखा को) सौंपे जा सकते हैं।

उच्च न्यायालय ने याचिका की अगली सुनवाई के लिए 18 जून की तारीख निर्धारित की है। नवलखा के अलावा वरवर राव,अरूण फेरेरिया, वर्णन गोंजाल्वेस और सुधा भारद्वाज सहित कुछ अन्य प्रख्यात कार्यकर्ता इस मामले में आरोपी हैं। और अभी तक इन आरोपों पर कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है।

(भाषा के इनपुट के साथ)

Bombay High Court
bheema koregaanv
elgar parishad
mharstra police
Bombay High Court and gautam
gautam navlakha

Related Stories

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

भीमा कोरेगांव: बॉम्बे HC ने की गौतम नवलखा पर सुनवाई, जेल अधिकारियों को फटकारा

"पॉक्सो मामले में सबसे ज़रूरी यौन अपराध की मंशा, न कि ‘स्किन टू स्किन’ टच!"

क्रूज ड्रग्स पार्टी केस: बंबई उच्च न्यायालय ने आर्यन खान को दी जमानत

जेल के अंडा सेल में गौतम नवलखा, ज़िंदगी ख़तरे में होने का अंदेशा : सहबा

एल्गार परिषद मामला : कोर्ट ने कहा वरवरा राव को 18 नवंबर तक सरेंडर करने की ज़रूरत नहीं

'नये भारत' को नफ़रती भीड़तंत्र क्यों बना रहे हैं, मोदी जी!

एल्गार परिषद: नवलखा को तलोजा जेल के 'अंडा सेल' में भेजा गया, सहबा हुसैन बोलीं- बिगड़ गई है तबीयत

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब क्या करेंगे राज्यपाल कोश्यारी?

आज भी न्याय में देरी का मतलब न्याय न मिलना ही है


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License