NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
बस सेवा में सुधार को लेकर सीपीएम की लड़ाई रंग लाई, HRTC ने मांगें मानीं
हिमाचल प्रदेश में बस सेवा को सुधारने के लिए सीपीएम का HRTC प्रबन्ध निदेशक के कार्यालय के बाहर मंगलवार दोपहर 12 बजे से धरना चल रहा था, जो बुधवार दोपहर को ख़त्म हुआ। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
31 Jul 2019
cpm protest himachal

 जनता की लड़ाई लड़ रही हिमाचल सीपीएम की बड़ी जीत हुई है। हिमाचल रोडवेज़ (HRTC) प्रबन्धन ने उसकी अधिकतर मांगों को मान लिया है, जिसके बाद बीते 24 घंटे से HRTC प्रबन्धन के कार्यलय में धरने पर बैठे सीपीएम के नेता और कार्यकर्ता ने अपना धरना खत्म कर दिया।

आपको बात दें कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) का बस सेवा को सुधारने के लिए HRTC प्रबन्ध निदेशक के कार्यालय के बाहर धरना मंगलवार दोपहर 12 बजे से चल रहा था।  
मंगलवार रात 8 बजे सचिव परिवहन धरना स्थल पर आए थे तो उनसे सीपीएम नेतृत्व की बातचीत हुई। जिसमें ड्राइवर व कंडक्टर की भर्ती शीघ्र करने,स्कूलों व कॉलेजों में HRTC द्वारा चलाई जा रही बसों को जारी रखने, जहाँ एक बस जाती है उसे नियमित रूप से हर रोज चलाने,  वर्षों से खड़ी सभी बसों को चलाने, बन्द किये गए सभी रूटों पर नियमित रूप से बस चलाने पर सहमति बनी है। आज, बुधवार को HRTC प्रबंधन द्वारा इन सभी मांगो को पूरा करने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया।

30 जुलाई को सीपीएम के द्वारा प्रदेश में चरमराई बस सेवा को लेकर HRTC प्रबंध निदेशक के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया जा रहा  था। हैरत की बात ये है थी कि दफ्तर में जब मालूम किया गया तो बताया गया कि कोई भी प्रबन्ध निदेशक नहीं है क्योंकि पुराने प्रबन्ध निदेशक का ट्रांसफर कर दिया गया है और नए प्रबन्ध निदेशक कोई भी अभी तक नहीं आए हैं। इससे पता चलता है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार इस चरमराई बस सेवा में सुधार करने में कितनी संजीदा है।

इसके बाद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया और उन्होंने कहा धरना तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार का कोई जिम्मेवार अधिकारी इस मांग पत्र पर उचित कार्रवाई का आश्वासन नहीं दे देता। इस दौरान सीपीएम नेता और ठियोग से विधायक राकेश सिंघा,  शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान मौजूद रहे। सभी प्रदर्शनकारी रात में प्रबंध कार्यालय में ही रहे। 

सीपीएम ने कहा कि 21 जून को बंजार में दो और हाल ही में 1 जुलाई को खलिनी के पास झिंझरी में हुए दो बस हादसों ने न केवल सरकार की सुरक्षित आवागमन प्रदान करने में असमर्थता को उजागर किया है, बल्कि इन दुर्घटनाओं के पीछे के वास्तविक कारण को भी उजज़गर किया जिसे नजरंदाज किया जाता रहा है।  
पूरे राज्य में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में यात्रियों और बस सेवाओं की संख्या में निरंतर अंतर बढ़ रहा है। सीपीएम द्वारा राज्य में बस सेवाओं के संबंध में 11 जुलाई 2019 को  भी विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाने के बाद, परिवहन मंत्री ने माना था कि एचआरटीसी में कर्मचारियों की कमी है।  
यदि सिर्फ़ जिला शिमला के परिवहन डिपो में से कुछ में रनिंग स्टाफ की कमी की जांच की जाती है, तो हिमाचल प्रदेश राज्य में मौजूदा गंभीर स्थिति के बारे में पता चल जाएगा। HRTC बसों के ख़राब होने में जबरदस्त वृद्धि हुई है। यदि अधिक बसों की आवश्यकता है तो यात्रियों को असुविधा से बचने के लिए HRTC द्वारा नई बसें खरीदी जानी चाहिए।
सार्वजनिक परिवहन की इस तरह की दयनीय स्थिति के साथ राज्य में बस सेवाओं को सुरक्षित और सुचारू रूप से चलाना संभव नहीं है। राज्य में लगातार हो रहे हादसों के लिए HRTC प्रबंधन जिम्मेदार है।  

यात्रियों के बैठने की क्षमता से परे बसों को न चलने देने के एचआरटीसी के हालिया फैसले ने लोगों को अधिक असुविधा पैदा की है। हर दिन 3 लाख छात्र स्कूलों में आते-जाते हैं, लेकिन ताजा फैसले के बाद ऐसा नहीं कर पाते हैं। हजारों कर्मचारी अपने कार्यालयों तक पहुंचने में असमर्थ हैं।
HRTC ड्राइवरों और कंडक्टरों के रनिंग स्टाफ को भर्ती करने में विफल रहा है। इन समस्याओं का कोई अस्थायी या स्टॉप गैप समाधान नहीं हो सकता है।

HRTC
CPM
Himachal Pradesh
Rakesh Singha
shimla
Public Sector

Related Stories

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

हिमाचल प्रदेश: नियमित करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरीं आंगनबाड़ी कर्मी

हिमाचल: सेब के उचित दाम न मिलने से गुस्साए किसानों का प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन

हिमाचल: आईजीएमसी वर्कर्स यूनियन का आउटसोर्स व ठेका मज़दूरों की मांगों को लेकर प्रदर्शन  

हिमाचल प्रदेश का मज़दूर आंदोलन शहादत की अनोखी मिसाल है

हिमाचल: होटल मज़दूर लाल झण्डा यूनियन ने होटल ईस्टबोर्न की संपत्ति कुर्क कर के मज़दूरों को पैसा देने की मांग की

हिमाचल: होटल ईस्टबोर्न के कर्मचारियों ने अपने 16 महीने के बक़ाया वेतन देने की मांग को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

हिमाचल में हुई पहली किसान महापंचायत, कृषि क़ानूनों के विरोध के साथ स्थानीय मुद्दे भी उठाए गए!

हिमाचल: शिमला में हज़ारों मज़दूरों ने सरकार पर बोला हल्ला, सीएम को सौंपा मांगपत्र


बाकी खबरें

  • Modi
    अनिल जैन
    PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?
    01 Jun 2022
    प्रधानमंत्री ने तमाम विपक्षी दलों को अपने, अपनी पार्टी और देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया और उन्हें खत्म करने का खुला ऐलान किया है। वे हर जगह डबल इंजन की सरकार का ऐसा प्रचार करते हैं, जैसे…
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। महाराष्ट्र में आज तीन महीने बाद कोरोना के 700 से ज्यादा 711 नए मामले दर्ज़ किए गए हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    चीन अपने स्पेस स्टेशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है
    01 Jun 2022
    अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी : मेरठ के 186 स्वास्थ्य कर्मचारियों की बिना नोटिस के छंटनी, दी व्यापक विरोध की चेतावनी
    01 Jun 2022
    प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बिना नोटिस के उन्हें निकाले जाने पर सरकार की निंदा की है।
  • EU
    पीपल्स डिस्पैच
    रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ
    01 Jun 2022
    ये प्रतिबंध जल्द ही उस दो-तिहाई रूसी कच्चे तेल के आयात को प्रभावित करेंगे, जो समुद्र के रास्ते ले जाये जाते हैं। हंगरी के विरोध के बाद, जो बाक़ी बचे एक तिहाई भाग ड्रुज़बा पाइपलाइन से आपूर्ति की जाती…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License