NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज को मिली जमानत
पिछले साल तीन दिसंबर को बुलंदशहर जिले के स्याना इलाके में गोकशी की घटना के बाद हिंसा भड़क गई थी जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Sep 2019
yogesh raj
Image courtesy:patrika.com

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुलंदशहर में गोकशी के बाद हुई हिंसा के आरोपी योगेश राज की जमानत अर्जी बुधवार को मंजूर कर ली। पिछले साल दिसंबर में हुई हिंसा में एक पुलिस निरीक्षक और एक युवक की मौत हो गई थी।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने योगेश राज के वकील और सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद राज की जमानत अर्जी मंजूर करने का आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उस हिंसा में याचिकाकर्ता की कोई भूमिका नहीं थी और इस मामले में अन्य आरोपी पहले से जमानत पर हैं।

राज्य सरकार के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आवेदक ने राजद्रोह का गंभीर अपराध किया है, इसलिए उसकी जमानत की अर्जी खारिज की जानी चाहिए। अदालत ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद योगेश राज की जमानत की अर्जी मंजूर कर ली।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष तीन दिसंबर को बुलंदशहर जिले के स्याना इलाके के महाव गांव में गोकशी की घटना के बाद हिंसा भड़क गई थी जिसमें एक पुलिस अधिकारी समेत दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी।

इस घटना के लगभग महीने भर बाद बजरंग दल के स्थानीय नेता योगेश राज की गिरफ्तारी हुई थी। योगेश राज पर धारा 124 ए यानी राजद्रोह के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में कुछ एक अभियुक्तों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।

योगेश राज के वकील आनंदपति तिवारी ने न्यूज़क्लिक को बताया, 'योगेश राज को 26 अगस्त को कई अन्य धाराओं में जमानत भी मंजूर हो चुकी थी। बाद में जोड़ी गई आईपीसी की धारा 124ए में उनकी जमानत होनी बाकी थी। बुधवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में भी उनकी जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है।'

इस मामले में इससे पहले भी कई अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। पिछले दिनों तो इन आरोपियों का भी स्वागत फूल माला पहनाकर किया गया।

खबरों के मुताबिक उस दौरान जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे भी लगे। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी वायरल हुआ।

दूसरी ओर अब मुख्य अभियुक्त योगेश राज को भी जमानत मिल जाने पर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर का परिवार खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।

आपको बता दें कि इस पूरे मामले में स्याना पुलिस स्टेशन में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई गई थीं। पहली एफआईआर में अस्सी लोगों के खिलाफ हिंसा करने के लिए जिसमें 27 नामजद थे। वहीं, दूसरा एफआईआर गोहत्या के लिए था। इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें से तीन अभियुक्तों अजहर खान, नदीम खान और महबूब अली पर रासुका लगाया गया है।

वहीं, हिंसा के लिए स्थानीय बीजेपी और बजरंग दल के नेताओं सहित कुल 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल यानी एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी ने दो मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

bulandshahr violence
Yogesh Raj
Yogesh Raj gets bail
ALLAHABAD
Justice Siddharth

Related Stories

उत्तर प्रदेश में अपराध पर लगाम का दावा हक़ीक़त से कोसों दूर है?


बाकी खबरें

  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    यूपी: योगी 2.0 में उच्च-जाति के मंत्रियों का दबदबा, दलितों-पिछड़ों और महिलाओं की जगह ख़ानापूर्ति..
    02 Apr 2022
    52 मंत्रियों में से 21 सवर्ण मंत्री हैं, जिनमें से 13 ब्राह्मण या राजपूत हैं।
  • अजय तोमर
    कर्नाटक: मलूर में दो-तरफा पलायन बन रही है मज़दूरों की बेबसी की वजह
    02 Apr 2022
    भारी संख्या में दिहाड़ी मज़दूरों का पलायन देश भर में श्रम के अवसरों की स्थिति को दर्शाता है।
  • प्रेम कुमार
    सीबीआई पर खड़े होते सवालों के लिए कौन ज़िम्मेदार? कैसे बचेगी CBI की साख? 
    02 Apr 2022
    सवाल यह है कि क्या खुद सीबीआई अपनी साख बचा सकती है? क्या सीबीआई की गिरती साख के लिए केवल सीबीआई ही जिम्मेदार है? संवैधानिक संस्था का कवच नहीं होने की वजह से सीबीआई काम नहीं कर पाती।
  • पीपल्स डिस्पैच
    लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया
    02 Apr 2022
    इज़रायल के क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में और विदेशों में रिफ़्यूजियों की तरह रहने वाले फ़िलिस्तीनी लोग लैंड डे मनाते हैं। यह दिन इज़रायली क़ब्ज़े के ख़िलाफ़ साझे संघर्ष और वापसी के अधिकार की ओर प्रतिबद्धता का…
  • मोहम्मद सज्जाद, मोहम्मद ज़ीशान अहमद
    भारत को अपने पहले मुस्लिम न्यायविद को क्यों याद करना चाहिए 
    02 Apr 2022
    औपनिवेशिक काल में एक उच्च न्यायालय के पहले मुस्लिम न्यायाधीश, सैयद महमूद का पेशेवराना सलूक आज की भारतीय न्यायपालिका में गिरते मानकों के लिए एक काउंटरपॉइंट देता है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License