NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बुलंदशहर कांड : क्या वाकई हो पाएगा इंसाफ़?
जीतू फौजी को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में यानी जेल भेज दिया गया है। उसे अपनी रिमांड में लेने के लिए पुलिस ने कोई मशक्कत नहीं की। उधर बीजेपी के नेता-सांसद लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे पूरा मामला अलग दिशा ले ले।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Dec 2018
bulandshahr

बुलंदशहर मामले में गिरफ्तार जीतू फौजी के जवाबों से पुलिस को उसके ऊपर शक और गहराता जा रहा है। उधर बीजेपी नेता, सांसद लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे यह मामला हिंसा और इंस्पेक्टर की हत्या की बजाय गाय पर केंद्रित हो जाए।   

बुलंदशहर मामले पर बीजेपी के स्थानीय सांसद के आपत्तिजनक बयान के बाद अब मेरठ से बीजेपी सांसद ने भी भीड़ हिंसा के शिकार इंस्पेक्टर सुबोध पर सवाल उठाए हैं।

मेरठ से बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने रविवार को कहा “3 दिसंबर को बुलंदशहर में जो भी हुआ जिससे स्याना स्टेशन ऑफिसर की मॉब लिंचिंग में मौत हुई वह अत्यंत खेदजनक है। लेकिन जांच टीम को इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि एसएचओ ने स्याना पुलिस स्टेशन में हिंसा से पहले दर्ज़ हुई गौ तस्करी की एफआईआर पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की थी।’’

अग्रवाल ने यह भी कहा कि “अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौ हत्या को बड़ा अपराध घोषित किया है तो स्याना समेत हर पुलिस थाने को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। अगर हमें गौ हत्या को खत्म करना है तो हमें इसके लिए पुलिस स्टेशन तक सभी आयामों को देखना चाहिए।’’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने किथोर और भावनपुर पुलिस थाने में भी गौ तस्करी कि रिपोर्ट दर्ज़ कराई है, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। जबकि इसके उलट दोनों पुलिस थानों के लोगों ने इस बात से इंकार किया है ।

3 दिसम्बर को पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या इलाके में गौकशी की खबर के बाद हुए बवाल के दौरान हुई। दरअसल इलाके में कथित तौर पर कुछ मरी हुई गायें मिल थीं, जिनको लेकर गाँव के लोग आरोप लगाने लगे कि इनकी हत्या हुई है। इसको लेकर बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर मार्ग पर जाम लगाया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास किया। इससे पहले मामला संभलता, बताया जाता है कि कथित हिन्दुत्ववादी संगठन बजरंग दल इत्यादि के कार्यकर्ता वहां इकट्ठा हो गए और पूरे मामले के गर्मा दिया। इन लोगों ने पुलिस चौकी पर हमला कर दिया और वहां पथराव के बाद आग लगा दी। इसी दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली मारी गयी और उनकी मौत हो गई। आपको बतादें के इस्पेक्टर सुबोध अखलाक मामले में भी जाँच इंचार्ज रह चुके हैं । उनकी मौत को इससे जोड़कर भी देखा जा रहा है। उनकी बहन के भी इसे लेकर कई सवाल उठाए हैं ।

पूरे उपद्रव में वहाँ मौजूद एक और युवक सुमित की भी मौत हो गयी थी। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक यह युवक हमलावर भीड़ के साथ ही था, इस तरह का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें सुमित हाथ में ईंटें लिए दिख रहा है। हालांकि उसके घरवालों ने इस आरोप को नकारा है। इस हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज नाम का शख्स है जो बजरंग दल का नेता है।

मेरठ के सांसद से पहले बुलंदशहर के सांसद भोला राम ने कहा था “हम तभी कुछ कह सकते हैं जब इस घटना से जुड़े सभी तथ्य सामने आयें। गौ हत्या के खिलाफ कड़े क़ानून की वकालत करना कोई गुनाह नहीं है। वह आँखें खोलने वाला और सम्मानजनक काम कर रहा था। उसने हमारा ध्यान इस घटना की ओर आकर्षित किया। बाकी मामले की अभी जांच चल रही है।’’

इन बयानों के अलावा खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले में इंस्पेक्टर की हत्या से ज़्यादा तथाकथित गौ हत्या के मामले को ज़्यादा तरजीह दी है। 8 दिसम्बर को मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह मॉब लिंचिंग कि घटना नहीं बल्कि एक ‘एक्सीडेंट’ था।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और बीजेपी दोनों ही कत्ल हुए पुलिस अफसर से ज़्यादा गौ हत्या पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया है “जिन्होंने गौ हत्या की है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”

योगी आदित्यनाथ की ओर से जारी इस विज्ञप्ति में कहा गया था कि गैरकानूनी कत्लखानों पर बैन लगाया जाएगा और जो भी गौ हत्या के गुनाहगार हैं उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें वहाँ हुई युवक सुमित की मौत का तो जिक्र था लेकिन पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या का कोई ज़िक्र नहीं था। हालांकि इससे पहले कत्ल हुए पुलिस अफसर के परिवार को मुआवज़ा देने और परिवार में किसी को नौकरी देने की बात भी कही गयी थी, लेकिन मुख्यमंत्री इस शोक संतप्त परिवार से मिलने बुलंदशहर नहीं गए। हां गुरुवार को मुख्यमंत्री ने मृतक इंस्पेक्टर के परिवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर बुलाकर बात की।

योगेश राज के अलावा मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी नाम के शख्स का नाम सामने आया जो घटना के समय मौके पर मौजूद था लेकिन उसके बाद तत्काल जम्मू अपनी ड्यूटी पर लौट गया था। जीतू राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात था। पुलिस उसे शनिवार को जम्मू से लेकर आई। सेना ने उसे पुलिस (एसटीएफ) के हवाले करने से पहले काफी सुबूत मांगे और संतुष्ट हे के बाद ही उसे मेरठ एसटीएफ को सौंपा। रविवार को जीतू को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में यानी जेल भेज दिया गया। उसे अपनी रिमांड में लेने के लिए पुलिस ने कोई मशक्कत नहीं की। जबकि जांच में सामने आया है कि जिस पिस्तौल से सुमित और इंस्पेक्टर सुबोध कि हत्या हुई वह पुलिस की रिवाल्वर नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह जीतू फौजी का कट्टा (पिस्तौल) थी। सूत्रों के मुताबिक पुलिस पूछताछ में भी जीतू फौजी ने अलग-अलग बयान दिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जीतू से पुलिस ने करीब 70 सवाल पूछे लेकिन उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिए, जिससे उसके ऊपर शक और गहराता जा रहा है। लेकिन अब उसकी बहादुरी के किस्से भी सार्वजनिक किए जा रहे हैं, ताकि उसके पक्ष में जनमत तैयार किया जा सके। 

bulandshahr violence
Assassination of Inspector Subodh
Subodh Kumar Singh
VHP
bajrang dal
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License