NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
उत्पीड़न
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
बेल्जियम के संगठनों ने महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया
ईआईजीई (यूरोपियन इंस्टीट्यूट फॉर जेंडर इक्वलिटी) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक़ कोविड के दौर में घरेलू हिंसा में इज़ाफ़ा हुआ है। 2021की शुरूआत से इस तरह की हिंसा में बेल्जियम में 18 महिलाओं की हत्या हो चुकी है।
पीपल्स डिस्पैच
01 Dec 2021
बेल्जियम

बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स समेत देश के दूसरे शहरों में  रविवार, 28 नवंबर को महिला अधिकार समूहों और दूसरे प्रगतिशील वर्गों ने देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने अपील में कहा कि संघीय सरकार लैंगिक हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय कार्ययोजना को जल्द से जल्द लागू करे। इस जमावड़े की मांग बेल्जियम के मिराबल प्लेटफॉर्म ने की थी। इस मार्च में कई समूहों ने हिस्सा लिया, जिसमें मरियन, रेडफॉक्स, कोमैक और यंग कम्युनिस्ट ऑफ बेल्जियम के साथ वर्कर्स पार्टी ऑफ बेल्जियम और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ बेल्जियम ने भी हिस्सा लिया। बता दें 25 नवंबर को दुनियाभर के प्रगतिशील वर्ग ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खात्मे का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया था।

27 नवंबर को बेल्जियम ने लैंगिक आधार पर हिंसा के खिलाफ संघर्ष के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना अपनाई थी। कथित तौर पर इस योजना में 200 से ज्यादा कदम शामिल हैं और ये सरकार के सभी स्तरों पर लागू की जाएगी। इस बारे में पीटीबी/पीवीडीए ने कहा, "सरकार की राष्ट्रीय कार्य योजना के आने के लिए हमें एक साल का इंतजार करना पड़ा। अब वक़्त आ गया है कि वे अपनी गति बढ़ाएं। इसे लागू करने के लिए अब एक साल का और इंतज़ार नहीं किया जा सकता।

पीटीबी और इसके महिला मोर्चा मरियन ने अपनी मांग में कहा कि यौन हिंसा का शिकार पीड़ितों के लिए सुविधा के केंद्र बढ़ाए जाएं, जिसके तहत ब्रूसेल्स में अतिरिक्त केंद्र भी खोला जाए।

"यूरोपियन इंस्टीट्यूट ऑफ जेंडर इक्वलिटी" की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड के दौर में साथी द्वारा होने वाली हिंसा में इजाफा हुआ है। 2021 की शुरुआत से ऐसी हिंसा में 18 महिलाओं की मौत भी हुई है।

मिराबल प्लेटफॉर्म ने बेल्जियम की सरकार से महिला हिंसा के खिलाफ अपनी पूरी जवाबदेही से काम करने को कहा है। समूह ने कहा, "महिलाओं के इकट्ठा होने के चलते कुछ तो हो रहा है। लेकिन इसकी गति तेज नहीं है। ना ही पर्याप्त मजबूती से किया जा रहा है। ना ही यह हर किसी के लिए हो रहा है और ना ही यह महिला हिंसा को रोकने के लिए सही दिशा में किया जा रहा है, जिससे अब भी बेल्जियम में लाखों महिलाओं की जिंदगी बर्बाद होती है और उनके अधिकारों का उल्लघंन होता है।  जबकि दूसरी जगहों पर इसमें कमी आ रही है। हम और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते।"

मिराबल प्लेटफॉर्म का गठन 2017 में नागरिक समाज संगठनों द्वारा किया गया था, यह संगठन डोमिनियाई मूल की मिराबल बहनों के सम्मान में बनाया गया था। पेट्रिया मिराबल रेयस और मारिया टेरेसा मिराबल रेयस और मिनर्वा मिराबल रेयस ने राफेल ट्रूजिलो (1934-196२) की तानाशाही का विरोध किया था। ट्रूजिलो के गुंडों ने 25 नवंबर 1960 को उनकी हत्या कर दी थी। मिराबल बहनों को लोकप्रिय और महिला प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता है। उनके सम्मान में 1999 संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खात्मे का अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया था।

पीसीबी/सीपीबी ने कहा, "महामारी के दौरान, उसके पहले या बाद में महिलाओं के खिलाफ हिंसा, चाहे वह यौन हमला हो, यौन, शारीरिक, शाब्दिक, मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न, बलात्कार, हत्या, उनके यौन अंगों को अंगभंग करना हो, यह सब ना सिर्फ परिवार के आंतरिक स्तर या वैवाहिक स्तर पर ही नहीं होता, बल्कि यह काम की जगहों और पूंजीवादी समाज में भी होता है।"

"पार्टी ने कहा,"हमारे वर्ग, खासकर कामगार महिलाओं के उत्थान का हमारा संघर्ष रोजाना का है, क्योंकि हिंसा रोज हो रही है और इसे पूंजीवादी समाज और राज्य द्वारा पोषित किया जाता है। हम बुर्जुआ नीतियों से संघर्ष करते हैं, जो महिलाओं की जिंदगी बर्बाद करती हैं, हमारा संघर्ष नियोक्ता की हिंसा और उन्हें काम करने के बावजूद गरीबी और बदहाली में रहने को मजबूर करने वाले राज्य से भी है 

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Belgian organizations protest spike in violence against women

Communist Party of Belgium
international day for the elimination of violence against women
Marianne
Mirabal Platform
violence against women
Women's protestWomen's rights
Workers' Party of Belgium

Related Stories

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

यूपी से लेकर बिहार तक महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की एक सी कहानी

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

बिहार: सहरसा में पंचायत का फरमान बेतुका, पैसे देकर रेप मामले को रफा-दफा करने की कोशिश!

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

यूपी: बुलंदशहर मामले में फिर पुलिस पर उठे सवाल, मामला दबाने का लगा आरोप!

दिल्ली गैंगरेप: निर्भया कांड के 9 साल बाद भी नहीं बदली राजधानी में महिला सुरक्षा की तस्वीर

असम: बलात्कार आरोपी पद्म पुरस्कार विजेता की प्रतिष्ठा किसी के सम्मान से ऊपर नहीं


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License