NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बंगाल चुनाव : लेफ़्ट और कांग्रेस ने उठाए लोगों के मुद्दे
लेफ़्ट और कांग्रेस के कैंपेन में बढ़ती कीमतों, कार्यालय जाने के लिए ट्रेनों की उपलब्धता में कमी, किसानों को अपने उत्पादों के लिए सही मूल्य हासिल ना हो पाना और बढ़ती बिजली की कीमतों जैसे अहम मुद्दे केंद्र में हैं।
संदीप चक्रवर्ती
04 Feb 2021
बंगाल चुनाव

कोलकाता: वरिष्ठ सीपीआईएम नेता और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री मणिक सरकार ने 2 फरवरी को बर्दवान में एक बड़ी रैली को संबोधित किया। विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहे पश्चिम बंगाल में यह रैली लेफ़्ट और कांग्रेस की तरफ से जनता के मुद्दों को उठाने के लिए आयोजित की गई थी।

बर्दवान टॉउन हाल मैदान में करीब एक लाख लोगों की बड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए मणिक सरकार ने त्रिपुरा में बीजेपी सरकार द्वारा लोकतंत्र पर हो रहे हमलों का खुलासा किया। इन हमलों से त्रिपुरा में सभी वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे हैं।

उन्होंने कामग़ारों पर पड़ रहे बोझ का मुद्दा उठाते हुए कहा ककि पहले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) में आवंटित 100 फ़ीसदी काम लोगों को दिया जाता था, अब बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार महज़ 40-45 दिन का काम ही उपलब्ध करवा पा रही है। पूर्व की लेफ़्ट सरकार द्वारा शुरू किया गया "त्रिपुरा शहरी रोज़गार कार्यक्रम" भी ऐसी ही स्थितियों का सामना कर रहा है।

सरकार ने आगे कहा कि इस पृष्ठभूमि में पश्चिम बंगाल के चुनाव बीजेपी को सत्ता में ना आने देने के लिए अहम हो जाते हैं। केवल लेफ़्ट औऱ कांग्रेस गठबंधन ही बंगाल को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में सक्षम है। 

रैली को कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के सदस्य आभास रॉयचौधरी और ऑल इंडिया किसान सभा के राज्य सचिव अमल हाल्दर ने भी संबोधित किया।

 

मंगलवार को हुई रैली लेफ़्ट पार्टियों और कांग्रेस द्वारा आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रंखला का हिस्सा थी। एक ऐसे वक़्त में जब मीडिया राज्य में नेताओं के दल-बदल पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, तब विपक्षी गठबंधन ग्रामीण और शहरी इलाकों में जनता के मुद्दों को केंद्र में लाने की कोशिश कर रहा है। इन कार्यक्रमों में बढ़ती कीमतें, कार्यालय जाने के लिए ट्रेनों की उपलब्धता में कमी, किसानों को अपने उत्पादों के लिए सही मूल्य हासिल ना हो पाना और बढ़ती बिजली की कीमतों जैसे अहम मुद्दे केंद्र में हैं।

हुगली जिले के तारकेश्वर और बारासत में हाल में ऑल इंडिया किसान सभा के सदस्यों के दो जत्थों का गठन किया गया, ताकि राज्य में किसानों की समस्याओं को उठाया जा सके और मौजूदा किसान आंदोलन को समर्थन दिया जा सके।

नए सचिवालय के सामने लेफ़्ट और कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

बर्दवान में जिस दिन कार्यक्रम हुआ, उसी दिन लेफ़्ट पार्टियों और कांग्रेस ने कोलकाता में नए सचिवालय के सामने लोगों को तकलीफ पहुंचा रहे मुद्दों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए धरना दिया।

कार्यक्रम में बोलते हुए लेफ़्ट फ्रंट के चेयरमैन बिमन बसु ने कहा कि बुनियादी चीजों की बढ़ती कीमतों से सभी वर्ग के लोगों पर प्रभाव पड़ रहा है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार अपने फायदे के लिए इन मुद्दों का राजनीतिकरण करने में लगी हैं। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दलों की इस राजनीति के चलते वंचित लोग पूरी तरह नज़रंदाज हो रहे हैं।

CPI(M) के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने भी कोलकाता में धरना प्रदर्शन को संबोधित किया। मिश्रा ने कहा, "झूठ की दुनिया का निर्माण" किया जा रहा है। जहां एक तरफ केंद्र आत्मनिर्भरता का राग अलाप रहा है, वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय बजट से साफ पता चलता है कि केंद्र की इसके प्रति दूर-दूर तक प्रतिबद्धता नहीं है। मिश्रा ने कहा, "सत्ताधारी दल के मौजूदा नेतृत्व की तुलना फासिस्ट नेताओं से ही की जा सकती है। प्रधानमंत्री मोदी खुद बेनिटो मुसोलिनी के गुरू सर जूलियस इवोला के कदमों पर चल रहे हैं।"

मिश्रा ने आगे कहा, "कॉरपोरेट देश पर कब्जा कर रहे हैं, वहीं केंद्र में बैठे हुए लोग आम जनता के बजाए कॉ़रपोरेट की मदद कर रहे हैं।"

तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए मिश्रा ने कहा, "लेफ़्ट सरकार के कार्यकाल में हमारा प्रदेश कृषि में अग्रणी राज्यों में से एक था और खाद्यान्न अनाजों के सबसे बड़े उत्पादकों में शामिल था। अगर केरल सरकार किसानों को महामारी के बीच में तक पर्याप्त MSP दे सकती है, तो हमारे राज्य की सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती?"

मिश्रा ने यह भी बताया कि 11 फरवरी को डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया समेत युवा संगठनों द्वारा नबान्ना (सचिवालय) तक जुलूस निकाला जाएगा।

नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान भी कोलकाता में हुए धरने में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि इस साल पेश किया गया केंद्रीय बजट काफ़ी "अपर्याप्त" है। मन्नान ने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार भी केंद्र सरकार से बहुत अलग नहीं है, जो राजनीतिक फायदे के लिए लोगों में धर्म के आधार पर विभाजन कर रही है।

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के नेता अमिताभ दत्ता, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ भारत की नेता बर्नाली मुखर्जी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के नेता अशोक घोष, फॉरवर्ड ब्लॉक के नेता हफीज आलम सैरानी, CPI के राज्य सचिव स्वप्न बनर्जी, रेवोल्यूशनरी कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता मिहिर बैने ने भी कोलकाता डिस्ट्रिक्ट लेफ़्ट फ्रंट द्वारा आयोजित इस धरने में अपनी बात रखी। इस आयोजन की अध्यक्षता कोलकाता जिला संयोजक कल्लोल मजूमदान ने की।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Bengal Elections: Left and Congress Embark on Highlighting People’s Issues

 

West Bengal assembly elections
mamata banerjee
Trinamool Congress
Left Front Election Campaing
West Bengal government

Related Stories

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

बढ़ती हिंसा और सीबीआई के हस्तक्षेप के चलते मुश्किल में ममता और तृणमूल कांग्रेस

बलात्कार को लेकर राजनेताओं में संवेदनशीलता कब नज़र आएगी?

केजरीवाल का पाखंड: अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन किया, अब एमसीडी चुनाव पर हायतौबा मचा रहे हैं

बीरभूम नरसंहार ने तृणमूल की ख़ामियों को किया उजागर 

बंगाल हिंसा मामला : न्याय की मांग करते हुए वाम मोर्चा ने निकाली रैली

क्या यह मोदी लहर के ख़ात्मे की शुरूआत है?

पेगासस कांड: आखिर क्या है RSS से जुड़ा GVF ट्रस्ट? जिसकी अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के आयोग की जांच पर लगा दी रोक

घर वापसी से नरसंहार तक भारत का सफ़र

उत्तर बंगाल के राजबंशियों पर खेली गई गंदी राजनीति


बाकी खबरें

  • भाषा
    हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल, कहा प्रधानमंत्री का छोटा सिपाही बनकर काम करूंगा
    02 Jun 2022
    भाजपा में शामिल होने से पहले ट्वीट किया कि वह प्रधानमंत्री के एक ‘‘सिपाही’’ के तौर पर काम करेंगे और एक ‘‘नए अध्याय’’ का आरंभ करेंगे।
  • अजय कुमार
    क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?
    02 Jun 2022
    सवाल यही उठता है कि जब देश में 90 प्रतिशत लोगों की मासिक आमदनी 25 हजार से कम है, लेबर फोर्स से देश की 54 करोड़ आबादी बाहर है, तो महंगाई के केवल इस कारण को ज्यादा तवज्जो क्यों दी जाए कि जब 'कम सामान और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 
    02 Jun 2022
    दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बाद केरल और महाराष्ट्र में कोरोना ने कहर मचाना शुरू कर दिया है। केरल में ढ़ाई महीने और महाराष्ट्र में क़रीब साढ़े तीन महीने बाद कोरोना के एक हज़ार से ज्यादा मामले सामने…
  • एम. के. भद्रकुमार
    बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव
    02 Jun 2022
    एनआईटी ऑप-एड में अमेरिकी राष्ट्रपति के शब्दों का उदास स्वर, उनकी अड़ियल और प्रवृत्तिपूर्ण पिछली टिप्पणियों के ठीक विपरीत है।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    नर्मदा के पानी से कैंसर का ख़तरा, लिवर और किडनी पर गंभीर दुष्प्रभाव: रिपोर्ट
    02 Jun 2022
    नर्मदा का पानी पीने से कैंसर का खतरा, घरेलू कार्यों के लिए भी अयोग्य, जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, मेधा पाटकर बोलीं- नर्मदा का शुद्धिकरण करोड़ो के फंड से नहीं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट रोकने से…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License