NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बंगाल चुनाव : कोलियरी और स्टील बेल्ट में विरोधियों को तगड़ी चुनौती दे रहे हैं वाम के युवा ब्रिगेड
वाममोर्चा के उम्मीदवार स्टील और कोलियरी क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो क्षेत्र के मतदाताओं का बड़ा हिस्सा है, जबकि भाजपा ने अपने चुनावी अभियान का सारा फोकस धर्म पर केंद्रित कर रखा है। 
संदीप चक्रवर्ती
22 Apr 2021
बंगाल चुनाव

दुर्गापुर/कोलकाता: पश्चिम बंगाल के इस्पात और  कोयला खदान वाले क्षेत्र में सातवें चरण के  विधानसभा चुनाव 26 अप्रैल को होने जा रहे हैं।  इन क्षेत्रों में मुख्य मुकाबला वाम मोर्चा के युवा चेहरों के बदलाव के वादे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के धर्म की राजनीति  के बीच है। 

रामनवमी समारोह के दौरान इस क्षेत्र में उपद्रव की आशंका के बीच वाममोर्चा के युवा ब्रिगेड और कार्यकर्ता पहले से ही रोटी, कपड़ा और मकान की मांग के साथ जमीनी स्तर पर काम करते रहे हैं।

दुर्गापुर पूर्बा विधानसभा क्षेत्र में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी) के उम्मीदवार आभास राय चौधरी अपनी सीट से दोबारा चुनाव जीतने की लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछले चुनाव में इस्पात नगर की दोनों विधानसभा सीटों पर वाम समर्थित उम्मीदवार विजयी रहे थे। हालांकि चुनाव बाद कांग्रेस विधायक ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी, इसके बाद कथित रूप से असामाजिक तत्व इस क्षेत्र में पुलिस बल के साथ संगठित स्टील कामगारों पर हमले करने लगे। 

भारत की जनवादी नौजवान सभा के पूर्व महासचिव और सीपीआई (एम) की केंद्रीय कमेटी के सदस्य रायचौधरी इस क्षेत्र  में स्टील इकाइयों के संगठित और असंगठित  कामगार, जो सबसे बड़ा वोट बैंक हैं,  उन पर अपने ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। रायचौधरी का इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस के प्रदीप मजूमदार और भाजपा के कर्नल दीप्तांशु चौधरी के साथ मुकाबला है। 

इस बीच, भाजपा ने अपना सारा जोर धार्मिक ध्रुवीकरण पर लगा रखा है। इसका प्रमाण है,  2019 के लोकसभा चुनावों के बाद इस क्षेत्र में असंख्य मंदिरों का निर्माण। 

दुर्गापुर पश्चिम विधानसभा सीट पर, कांग्रेस ने स्टील वर्कर देवेश चक्रवर्ती को चुनाव मैदान में उतारा है। तृणमूल कांग्रेस की तरफ से उसके मौजूदा विधायक विश्वनाथ पड़ियाल और भाजपा के लखन घुरुई भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बदलाव इस क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है। जैसा कि एक कामगार ने बताया कि यहां भी रामनवमी का समारोह व्यापक स्तर पर आयोजित होने लगा है, पहले  यह इतना सामान्य नहीं था।

जमुरिया विधानसभा क्षेत्र में,  जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की  अध्यक्ष आइशी  घोष सीपीआइ (एम) की तरफ से तृणमूल कांग्रेस नेता हरेराम सिंह को चुनौती दे रही हैं। जेएनयू की तरफ से 5 सदस्य टीम आइशी के साथ चुनाव प्रचार कर रही है। 

जमुरिया में कोयला क्षेत्र में कई खदानें बंद हो गई हैं।  इसके खिलाफ आवाज उठाने के साथ सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू)  क्षेत्र में एक नई शक्ति के रूप में उभर रहा है। 

यह गौरतलब है कि ओपन कॉस्ट माइनिंग, जो निजीकरण की ओर ले जा रही है और पहले से ही कई क्षेत्रों में उसे एडॉप्ट किया गया है, उसे अब जमुरिया में भी बढ़ावा दिया जा रहा है।  ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड जमुरिया में लाभ में चल रहीं कोयला खदानों को बंद करने की कोशिश में लगा है। इसका सीधा मतलब इस क्षेत्र में निजी खिलाड़ियों की मदद करना है। 

वाममोर्चा के उम्मीदवार क्षेत्र के कामगारों के मसले पर अपने चुनाव अभियान को फोकस करते रहे हैं, जिनकी समस्या जल संकट से लेकर आंगनबाड़ी केंद्र की मांग तक है। जमुरिया वाम मोर्चे का गढ़ है। यहां 1977 से लेकर आज तक किसी भी गैर वाममोर्चा उम्मीदवार को विजय नहीं मिली है। 

जमुरिया में रहने वाली अस्मां बीबी  ने कहा, “आइशी पहले से ही हमारे इलाके में काफी लोकप्रिय हैं।  यह हम लोगों के बीच काम करने की उनके इरादे में दिखता है।”

समित कबी, जो आइशी के चुनाव अभियान टीम का  हिस्सा हैं,  ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, “कोलियरी के कामगार आइशी के पक्ष में पहले से ही अपना मन बनाए हुए लगते हैं। उसका संघ परिवार की ताकतों के साथ संघर्ष यहां के लोगों का हिस्सा हैं।”

रानीगंज में,  वाममोर्चा के निवर्तमान विधायक हेमंत कुमार प्रभाकर चुनाव मैदान में हैं,  जबकि पांडेश्वर में सुभाष बाउरी वाममोर्चे का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।  वाममोर्चा को उम्मीद है कि वह यह यह दोनों विधानसभा की सीटें जीत लेगा। 

(दुर्गापुर में शंकर पाल के इनपुट के साथ) 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें।

Bengal Elections: Left’s Young Brigade Giving Tough Fight to Opponents in Steel and Colliery Belt

West Bengal Elections
Aishe Ghosh
Left Front
CPIM
Jamuria
Steel Belt in Bengal
steel workers
Colliery Belt
Eastern Coalfield Limited
CITU

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!


बाकी खबरें

  • Dalit Movement
    महेश कुमार
    पड़ताल: पश्चिमी यूपी में दलितों के बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट करने की है संभावना
    17 Jan 2022
    साल भर चले किसान आंदोलन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनावी समीकरण बदल दिए हैं।
  • stray animals
    सोनिया यादव
    यूपी: छुट्टा पशुओं की समस्या क्या बनेगी इस बार चुनावी मुद्दा?
    17 Jan 2022
    उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मवेशी हैं। प्रदेश के क़रीब-क़रीब हर ज़िले में आवारा मवेशी किसानों, ख़ास तौर पर छोटे किसानों के लिए आफत बन गए हैं और जान-माल दोनों का नुकसान हो रहा है।
  • CPI-ML MLA Mahendra Singh
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: एक विधायक की मां जीते जी नहीं दिला पायीं अपने पति के हत्यारों को सज़ा; शहादत वाले दिन ही चल बसीं महेंद्र सिंह की पत्नी
    17 Jan 2022
    16 जनवरी 2005 को झारखंड स्थित बगोदर के तत्कालीन भाकपा माले विधायक महेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई थी। 16 जनवरी को ही सुबह होने से पहले शांति देवी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्हें जीते जी तो…
  • Punjab assembly elections
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पंजाब विधानसभा चुनाव की नई तारीख़, अब 20 फरवरी को पड़ेंगे वोट
    17 Jan 2022
    पंजाब विधानसभा चुनाव की नई तारीख़ घोषित की गई है। अब 14 फरवरी की जगह सभी 117 विधानसभा सीटों पर 20 फरवरी को मतदान होगा।
  • Several Delhi Villages
    रवि कौशल
    भीषण महामारी की मार झेलते दिल्ली के अनेक गांवों को पिछले 30 वर्षों से अस्पतालों का इंतज़ार
    17 Jan 2022
    दशकों पहले बपरोला और बुढ़ेला गाँवों में अस्पतालों के निर्माण के लिए जिन भूखंडों को दान या जिनका अधिग्रहण किया गया था वे आज तक खाली पड़े हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License