NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भाजपा ने राज्य का चुनाव तो जीत लिया पर प्रधानमंत्री के मूल निवास वाडनगर को नहीं बचा पाए
कांग्रेस की उम्मीदवार आशा पटेल ने भाजपा की नारायणभाई लल्लुदास को वाडनगर की उंझा सीट से 19,124 मतों से हराया
तारिक़ अनवर
18 Dec 2017
Translated by महेश कुमार
modi

भाजपा को भले ही 6 वीं बार गुजरात में सत्ता पर काबिज़ होने का मौका मिल गया लेकिन वास्तविक तौर पर वह राज्य की सबसे महत्त्वपूर्ण और प्रतीकात्मक सीट को नहीं जीत पायी. कांग्रेस उम्मीदवार आशा पटेल ने भगवा पार्टी के नारायणभाई लल्लुदास उर्फ़ काका को उंझा से 19,124  मतों से हरा दिया. यह सीट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मूल निवास वाडनगर में पड़ती है.

वर्ष 2012 में मौजूदा भाजपा विधायक नारायण पटेल ने आशा को करीब 25 हजार वोटों से हराया था. कांग्रेस ने भाजपा को जो कि खबर प्रकाशित होने तक 99 सीटों पर आगे चल रही थी के खिलाफ पाटीदार आन्दोलन की तेज़ धार पर चलकर 80 सीटें जीत ली हैं, ऊंझा  में कम से कम 40 प्रतिशत आबादी पाटीदार समुदाय से है और भाजपा के खिलाफ गुस्सा यंहाँ स्पष्ट दिखाई दे रहा था.

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान दो साल पहले पुलिस ने जिन 14 जवानों को मार गिराया था वे उंझा से ही थे. भाजपा ने अपने खिलाफ लोगों में व्याप्त गुस्से को देखते हुए, अपने चुनाव निशान पर राज्य के इस हिस्से से 2015 में हुए नगर निगम के चुनावों में एक भी उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था. इतना ही नहीं, पार्टी की गौरव यात्रा कार्यक्रमों में पाटीदार युवाओं/कार्यकर्ताओं द्वारा बाधा डालने के वीडियो के वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने उंझा में सार्वजनिक सभा करने से ही मना कर दिया था.

हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी ने पटिदारों का विश्वास वापस जीतने की कोशिश बहुत की – ये वही पाटीदार हैं जो कभी भगवा ब्रिगेड की रीढ़ की हड्डी (मज़बूत ताकत) माने जाते थे – उन्हें भाजपा ने सरकारी अनुदान देकर मनाने की कोशिश की - लेकिन कामयाब नहीं हुयी. मुख्यमंत्री विजय रूपानी सरकार ने उंझा स्थित उमिया माताजी संस्थान को 8.75 करोड़ रूपये की अनुमोदित राशि पर्यटन सुविधा को विकसित करने के लिए मंजूरी भी दे दी थी. यह राज्य में चुनाव से पहले भाजपा द्वारा लोकप्रिय प्रलोभन बांटने की कवायद का हिस्सा था. उंझा गुजरात में कडवा पाटीदारों की देवी उमाया की धार्मिक सीट है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपनी 'नवसर्जन यात्रा' के दौरान इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था. राहुल गाँधी ने अन्य सभी चुनावी मुद्दों को दूर रखते हुए केवल प्रधान मंत्री मोदी के बारे में बात की,  और पूरे अभियान को मोदी के नाम झोंक दिया. उन्होंने उमिया माता मंदिर का भी दौरा किया, जो मोदी के वाडनगर के जन्मस्थान से कुछ किलोमीटर दूर है, और वहां जाकर 'आरती' भी की.

इस साल अक्टूबर में इस निर्वाचन क्षेत्र में कडवा पतिदार को लुभाने के प्रयास के तहत,  मोदी ने वीडियोकॉनफरेंसिंग के माध्यम से हरिद्वार में उमिया धाम आश्रम का उद्घाटन भी किया. "जय उमिया माता" के श्लोक के साथ लोगों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि वे 1975-76 में जब मां उमिया का त्योहार आयोजित किया गया था तब वे (वालंटियर) स्वयंसेवक थे.

अपने सबसे अच्छे प्रयासों के बावजूद, ऐसा लगता है है कि भाजपा कड़वा पाटीदार समुदाय की आस्था को अपने पक्ष में करने में नाकाम रही है, यह कहना गलत नहीं होगा कि पाटीदार ने यहाँ से भाजपा को हराकर अपने युवाओं की हत्या का बदला लिया है. भाजपा ने राज्य तो जीत लिया लेकिन अपना पारंपरिक वोट बैंक खो दिया है.

 

gujrat election 2017
Congress
BJP
Narendra modi

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License