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राजनीति
भांगर आंदोलन के नेता को मिली बेल,समर्थकों ने कहा 'यह आंदोलन की है जीत '
कई सालों से बंगाल के 24 दक्षिण परगना में स्थित भांगर में चल रहे आंदोलन के नेता अलिक चक्रवर्ती को बेल मिल गयी है।
ऋतांश आज़ाद
18 Jul 2018
alik chakraborty

कई सालों से बंगाल के 24 दक्षिण परगना में स्थित भांगर में चल रहे आंदोलन के नेता अलिक चक्रवर्ती को बेल मिल गयी है। 1 जून को उन्हें ओडिसा की राजधानी भुवनेश्वर के एक अस्पताल से बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उनपर UAPA की कठोर धाराएँ लगायी गयी थीं। लेकिन कल बारुईपुर के एक सेशन कोर्ट से उन्हें बेल मिल गयी है, जिसके बाद उनके समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है। मीडिया के मुताबिक अलिक पर 34 मामलों में मुकदमें चल रहे हैं। 

गौरतलब है कि अलिक चक्रवर्ती जो कि सीपीआई एम अल रेड स्टार के पोलित ब्यूरो सदस्य हैं, कोलकत्ता से 30 किलोमीटर दूर भांगर इलाके में चल रहे आंदोलन के नेता हैं। ये आंदोलन इस इलाके में बने पॉवर ग्रिड के खिलाफ है और 2016 से लगातार चल रहा है । 2013 में बंगाल की तृणमूल सरकार ने इलाके के किसानों की 14 एकड़ ज़मीन पर आदिग्रहण किया और वहाँ यह  पॉवर ग्रिड बनाने का कार्य शुरू किया। यह पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन के अंतर्गत शुरू की गयी योजना है और यह चार गाँवो में फैला हुआ है। इस पॉवर ग्रिड की क्षमता 4000 किलोवाट है। इसे स्थापित करने में तकरीबन 1600 करोड़ का खर्चा बताया जा रहा है । इसके ज़रिए बंगाल और बिहार के विभिन्न इलाकों में बिजली पहुंचाने की योजना है ।

इलाके के लोगों ने यह आरोप लगाया था कि राज्य की तृणमूल सरकार ने ज़ोर ज़बरदस्ती से उनसे ज़मीन ली। जिन लोगों को मुआवज़ा मिला भी उन्हें  भूमि अधिग्रहण  के 1894 के कानून के हिसाब से बहुत ही कम मुआवज़ा मिला। याद रहे तृणमूल वही पार्टी है जिसने सिंगूर और नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करके सत्ता पलट दी थी। बताया जाता है कि भंगार के इस इलाके में तृणमूल सांसद अराबुल इस्लाम का काफी वर्चस्व है और उन्ही के ज़रिये ये ज़ोर ज़बरदस्ती की गयी। 

कई गाँव वालों ने इसका विरोध किया लेकिन उनकी एक न सुनी गयी। ये आंदोलन तेज़ तब हुआ जब CPIML (red star ) के नेता इससे जुड़े। इन नेताओं ने भांगर इलाके के 12 गाँवों के लोगों को बताया कि इस पावर ग्रिड से आम जन के स्वास्थ्य और इलाके के पर्यावरण पर भयानक असर पड़ सकता है । पार्टी ने इस पर विशेषज्ञों से बात करके एक रिपोर्ट निकाली जिसमें बताया गया कि पॉवर ग्रिड के इलेक्ट्रोमेग्नेटिक रेज़ से दिमागी बुखार,नवजात शिशुओं की मौत , फसलों पर विपरीत असर और तालाब की मछलियों के मर जाने जैसी घटनाएँ हो सकती हैं। इस जानकारी के गाँव वालों तक पहुँचते ही वहां पॉवर ग्रिड के खिलाफ आंदोलन  शुरू हो गया। इसके लिए गाँव वालों और पार्टी के लोगों द्वारा  ‘safe farmland and safe environment committee’ का गठन किया गया।  इसके बाद से इस पावर ग्रिड का विरोध कर रहे गाँव वालों और नेताओं पर दमन तेज़ कर दिया गया है और उन्हें UAPA कानून के अंतर्गत गिरफ्तार  किया जा रहा है।  CPIML (red star ) के महा सचिव के.ऐन रामचंद्रन का कहना है कि गाँव वालों और उनकी पार्टी के लोगों को मिलाकर अब तक 70 से 75 लोगों पर UAPA लगाया गया है। उन्हें भी पिछले साल कोलकत्ता के बाहर पुलिस द्वारा गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया था ,लेकिन बाद में छोड़ दिया गया । 

जनवरी 2017 में पुलिस और तृणमूल के गुंडों द्वारा इलाके पर हमला बोल दिया गया। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक  घरों में घुस कर लोगों को पीटा  गया, इन लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इस घटना के बाद गाँव वालों में रोष भर गया और करीबन 10000 गांव वालों ने पॉवर ग्रिड को घेर लिया , जिसके बाद पुलिस ने उनपर हमला किया और इस घटना में  2 लोगों की मौत हुई। लोगों का आरोप है कि उन्हें पुलिस की गोली ने मारा। जबकि पुलिस और सरकार दोनों ने  इस बात को ख़ारिज किया है। जनता ने प्रतिरोध में पुलिस की संपत्ति पर हमला किया ।

इस घटना के बाद से गाँव वालों ने इलाके में पुलिस और तृणमूल के गुंडों के आने पर रोक लगा दी है। इसी दौरान CPIML (Red Star ) की पोलित ब्यूरो सदस्य शर्मिष्ठा चौधरी को गिरफ्तार किया गया था और उनपर भी UAPA लगा दिया गया था , बाद में उन्हें बेल मिल गयी थी। इन सारी घटनाओं के दौरान सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की नेता और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी का कहना है कि अगर लोग नहीं चाहेंगे तो पावर ग्रिड नहीं बनाया जायेगा। उन्होंने ये भी कहा है कि गाँव वालों को माओवादी भड़का रहे हैं। लेकिन ये दोनों ही बातें हवाई लगती हैं क्योंकि अगर सरकार जनता की इतनी ही पक्षधर है, तो इस योजना पर आम जनता से राय मशवरा बिना ही उसने ग्रिड को स्थापित करने  का कदम ही क्यों उठाया ? और अब जनता पर दमन  क्यों  कर रही है ? जहाँ तक बात है माओवादियों द्वारा भड़काए जाने की तो  CPIML (red star ) कह चुकी है कि उनका माओवादियों से कोई रिश्ता नहीं है और वह चुनावों में भाग लेती रही है। इस पूरे आंदोलन को अखिल भारतीय किसान सभा ने भी समर्थन दिया है । 

इस कहानी में अगला मोड़ तब आया जब इस साल मई में बंगाल में हुए चुनावों में भांगर इलाके की 8 में से 5 सीटों पर वामपंथी पार्टियों द्वारा समर्थित उम्मीदवार जीते। पार्टी के नेताओं का कहना है कि बाकी तीन सीटों पर गाँव वालों के प्रत्याशी ही नहीं उतारने दिए गए। चुनावों में तृणमूल पार्टी के गुंडे प्रदेश भर में विपक्षी पार्टियों के उम्मीदवारों को नामांकन  भरने  से रोक रहे थे। इसी वजह से कोर्ट ने आदेश दिया कि उम्मीदवार व्हाट्सअप और मेल के ज़रिये  नामांकन भर सकते हैं , इन सभी पाँच उम्मीदवारों ने इसी तरह नामांकन भरा। चुनावों में तृणमूल के दमन के दौरान भांगर के एक और व्यक्ति की मौत हो गयी थी। 

हाल ही में इस आंदोलन के नेता अलिक चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के बाद कोलकत्ता में बहुत बड़ा प्रदर्शन हुआ , जिसमें सभी लेफ्ट पार्टियों से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया। आंदोलन के नेताओं का कहना है कि इस आंदोलन में सही मायनों में वामपंथी एकता देखने को मिली है। प्रदेश में 34 सालों तक सत्ता  में रही माकपा ने भी आंदोलन का समर्थन किया है। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी  आंदोलन का समर्थन करते हुए किसानों पर दमन को बंद किये जाने की मांग कर चुके हैं। आंदोलन के नेताओं का कहना है कि फिलहाल पॉवर ग्रिड के काम को रोक दिया गया है और ये आंदोलन की जीत है। पार्टी के नेता के.ऐन  रामचंद्रन का कहना है कि ग्रिड को नए तरीकों से बनाया जाना चाहिए , जैसा कि पश्चिमी भारत में किया भी जा रहा है। नयी तकनीक से ग्रिड की तारों को ज़मीन के नीचे बिछाया जा सकता है इसमें भूमि अधिग्रहण की ज़रुरत भी नहीं होगी और बाकी समस्याएं भी नहीं खड़ी होंगी।
 

CPI(ML)
Bhangar
CPI(ML) red star
alik chakraborty
West Bengal
TMC

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