NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भारत के कॉर्पोरेट दिग्गज जनता का पैसा लूटकर फ़रार, जबकि चीन रखता है पैनी नज़र निजी कंपनियों पर
निजी कंपनियों को अनुशासित करने की चीनी सरकार की इच्छाशक्ति भारत की स्थिति के बिलकुल विपरीत है।
न्यूज़क्लिक ब्यूरो
26 Feb 2018
Translated by महेश कुमार
China

चीनी सरकार ने अनाबंग इंश्योरेंस ग्रुप कंपनी पर नियंत्रण कर लिया है और कथित धोखाधड़ी के लिए वू ज़ियाओहुई पर मुकदमा चलाने की तैयारी कर ली है, इससे चीन सरकार द्वारा निजी संगठनों द्वारा असाधारण, ऋण-वित्तपोषित विदेशी अधिग्रहण पर दबाव में गति बढ़ा दी गयी है।

ग्रुप के चेयरमैन वू को शांघाई में फर्स्ट इंटरमीडिएट पीपल्स कोर्ट द्वारा फर्ज़ी फंड-जुटाने और अनुचित रूप से कंपनी की संपत्तियों को लेने के लिए दोषी ठहराया गया है।

पिछले साल के पहले, चीनी नियामकों ने बैंकों से कहा था कि वे एक अन्य समूह को जिसे विदेशी अधिग्रहण के लिए धन मुहैया कराया जाता था पर रोक लगा दें - डालियान वांडा समूह - जो अपतटीय खरीदारी में लगी हुई थी।

अनबंग जब सुर्ख़ियों में आया जब उसने न्यूयॉर्क में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के होटल वाल्डोर्फ एस्टोरिया हॉस्टल और मेनहट्टन लैंडमार्क को 2014 में हिल्टन से 2 बिलियन डॉलर में खरीद लिया जोकि विलासिता का प्रतिक है। 2016 में अंबाँग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के रणनीतिक होटल एंड रिजॉर्ट्स को 6.5 अरब डॉलर में निजी इक्विटी ग्रुप ब्लैकस्टोन से खरीदने का सौदा किया।

पिछले साल, चीन ने विदेशी कंपनियों के विदेशी अधिग्रहण के लिए - अनबांग, डालियान वांडा, फ़ोसुन और एचएनए को वित्तपोषण के लिए आक्रामक रूप से उधार लेने के लिए देश में स्थित चार बड़े निजी संगठनों की पहचान की।

इन कंपनियों द्वारा विदेशी संपत्ति खरीदने के लिए खर्च में ज्यादा बढ़ोतरी करने से इनकी तरफ ध्यान आकर्षित हुआ था। अंबांग की लक्जरी होटल सौदों के अलावा, इसमें डालियन वांडा द्वारा हॉलीवुड स्टूडियो लीजेंडरी एंटरटेनमेंट को 3.5 अरब डॉलर में अधिग्रहण करना, और एचएनए द्वारा 40 अरब डॉलर से अधिक की खरीददारी के साथ-साथ ड्यूश बैंक और हिल्टन में बड़े हिस्सेदारी खरीदना शामिल है जिससे वे विदेशों में बड़ी सुर्खियां में आ गये।

इन अधिग्रहणों को करने के लिए निजी कंपनियों के समूह ने चीनी बैंकों से बहुत अधिक उधार लिया था।

चीनी कंपनियों के हस्तक्षेप ने इन संगठनों द्वारा विदेशों में खर्च करने के लिए 2017 में ब्रेक लगाया था। यह चिंताओं से प्रेरित था कि "कंपनियां विदेशी संपत्ति के लिए बहुत अधिक भुगतान कर रही थीं और चीन के विदेशी मुद्रा भंडार पर इसका असर पड़ रहा था और वह भी एक जोखिम भरे वित्तपोषण पर निर्भर सौदे पर, "फाइनेंसियल टाइम्स ने रिपोर्ट किया। विदेशी अधिग्रहण के लिए उधार लेने वाले धन का इस्तेमाल करने के मॉडल को देश के लिए लाभकारी नहीं देखा गया - अगर चीजें गलत हो जाती हैं तो सरकारी बैंकों को जोखिम उठाना पड़ता है, रिपोर्ट में कहा गया है।

वास्तव में, एचएनए समूह की इकाइयां ने 2017-18 में कई चीनी बैंकों के भुगतान को चुकाने एमिन कोताही बरती, जिसके परिणामस्वरूप तीन बैंकों ने उधारकर्ताओं की अप्रयुक्त क्रेडिट लाइनों को स्थगित कर दिया, ब्लूमबर्ग ने जनवरी में सूचना दी।

अगस्त 2017 में, चीन ने विदेशों में निवेश पर नए नियम, संपत्ति, होटल, फिल्म, मनोरंजन और खेल में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाया, जुआ और सेक्स उद्योगों में निवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। राज्य परिषद द्वारा घोषित नए नियम, उस विदेशी निवेश का समर्थन करते हैं जो देश के बेल्ट और रोड इनिशिएटिव को समर्थन देते हैं।

चीन ने पीपल्स बैंक ऑफ चाइना द्वारा पूंजी नियंत्रण लागू करने के साथ-साथ बाहर निकलने वाले पैसे की मात्रा को नियंत्रित करने की जरूरत को भी महसूस किया है।

चूंकि चीनी सरकार ने अपना फंदा कड़ा कर दिया है, डालियान वांडा ग्रुप ने स्पैनिश फुटबॉल क्लब एटलेटिको मैड्रिड में 17 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी है और लंदन में लक्जरी संपत्ति को बेच दिया है। पिछले नौ महीनों में इसने 4 अरब डॉलर से अधिक की विदेशी संपत्ति को उतार दिया है। समूह के अध्यक्ष वांग जियानलिन ने भी घोषणा की कि संगठन सभी विदेशी कर्ज को पूरी तरह चुका देगा।

अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की रक्षा के लिए चीनी सरकार द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई तब हो रही है जब भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर प्रतिकूल असर डालने और उन्हें लूटने के लिए निजी कंपनियों को उनकी औकात दिखाने का समय था लेकिन केंद्र सरकार ऐसा कुछ नहीं कर पा रही है। कॉरपोरेट अभिमानी लोग जिन्होंने भारत में सार्वजनिक बैंकों से बड़ी रकम उधार ली है, वे ऋण वापस करने में नाकाम रहे यहीं और उनमें से कुछ विदेश में भागने में कामयाब हो गए हैं।

भ्रष्टाचार को खत्म करने और वित्तीय व्यवस्था में जोखिम को कम करने के चीन के निर्धारित प्रयास से पता चलता है कि एक अलग रास्ता संभव है, अगर केवल भारत सरकार आवश्यक राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाती है तो!

China
Anbang Insurance Group Co.
nIrav modi

Related Stories

रूस की नए बाज़ारों की तलाश, भारत और चीन को दे सकती  है सबसे अधिक लाभ

जम्मू-कश्मीर : रणनीतिक ज़ोजिला टनल के 2024 तक रक्षा मंत्रालय के इस्तेमाल के लिए तैयार होने की संभावना

युद्ध के प्रचारक क्यों बनते रहे हैं पश्चिमी लोकतांत्रिक देश?

कोविड-19: ओमिक्रॉन की तेज़ लहर ने डेल्टा को पीछे छोड़ा

विचार: व्यापार के गुर चीन से सीखने चाहिए!

मजबूत गठजोड़ की ओर अग्रसर होते चीन और रूस

COP 26: भारत आख़िर बलि का बकरा बन ही गया

भारत को अफ़ग़ानिस्तान पर प्रभाव डालने के लिए स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने की ज़रूरत है

भारत के निर्णयों को प्रभावित करने वाले नैरेटिव और ज़मीनी हक़ीक़त में इतना अंतर क्यों है? 

भारत और अफ़ग़ानिस्तान:  सामान्य ज्ञान के रूप में अंतरराष्ट्रीय राजनीति


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License