NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भारत में मीडिया कितना आज़ाद है?
नयी रिपोर्ट से पता चलता है कि 11 पत्रकारों की हत्या कर दी गयी, 46 पर हमला हुआ और 27 पर पुलिस ने केस दर्ज दर्ज किए गए, इस लिए भारत विश्व प्रेस-आजादी के सूचकांक में 180 देशों में से 136 में स्थान पर है।

न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
25 Jan 2018
Translated by महेश कुमार
freedom of expression

भारत में मीडिया स्वतंत्रता की स्थिति क्या है? दोनों राज्य और गैर-राज्य तत्वों की निरंतर सेंसरशिप की वजह से, अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस देश के पत्रकारों ने पेशे को अपनाने के लिए केवल भयानक जोख़िम का सामना किया है। साथ ही, बड़े कॉर्पोरेट और उनके द्वारा प्रभावित मीडिया हाउस, समाचार पत्रों के बड़े वर्गों के मालिक और राजनीतिक नेताओं के करीबियों ने मुख्यधारा के मीडिया में पकड़ बना ली हैं, और यह मीडिया बहुमत लोगों तक पहुंच रखता है।

हालांकि, ऐसे पत्रकार हैं जो गंभीर पत्रकारिता के लिए प्रयास करते हैं लेकिन उन्हें मृत्यु के खतरों और कानूनी मामलों की कीमत पर यह करना पड़ता है। "मीडिया फ़्रीडम एंड फ़्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन ऑफ़ 2017" नामक हूट द्वारा ताजा रिपोर्ट, भारत में पत्रकारिता के प्रतिकूल जलवायु को दर्शाती है। भारत 2017 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 180 देशों में 136 स्थान पर आया। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 11 पत्रकारों की हत्या हुयी, 46 पर हमलाहुआ, 27 पर मामले दर्ज किया गया और 12 को रिपोर्टिंग के लिए धमकी दी गयी।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रमुख हमलावर अपराधी प्रवर्ती वाले लोग, पुलिस अधिकारी, राजनेता और राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, इसके बाद दक्षिण पंथी कार्यकर्ता और अन्य गैर-राज्य तत्व हैं।

रिपोर्ट में उद्धरण के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण मुद्दे हैं - हत्याएं, धमकियां, हमले, सेंसरशिप, आत्म-सेंसरशिप, इंटरनेट बंद और घृणात्मक भाषण इस की दें है।

  • सिक्किम और कश्मीर सबसे मुसीबत वाले राज्य है, जिन्हें मुक्त भाषण और मीडिया आजादी के मापदंड में सबसे अयोग्य राज्य के रूप में मापा गया है।
  • दो पत्रकारों पर सीधे गोली मार दी गई और वे मारे गए, और एक की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई, क्योंकि पुलिस तमाशा देखती रही। गौरी लंकेस जोकि  कन्नड़ प्रकाशन पैट्रीक कर्नाटक की संपादक थी, और त्रिपुरा में दो अन्य की हत्या हुई।
  • मीडिया को खतरनाक और खूनी धमकियों के आधार पर में तेजी से निशाना बनाया गया है।
  •  पत्रकारों के 13 ऐसे मामले हैं जिनसे पूछताछ की गयी फिर छोड़ दिया गया, और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया या फिर गिरफ्तार किया गया। छत्तीसगढ़ में अकेले ही पत्रकारों के खिलाफ 13 पुलिस कार्रवाई दर्ज की गई।
  • जून में, कर्नाटक में, विधानसभा के अध्यक्ष और विशेषाधिकार समिति के प्रमुख के.बी. कोलीवाड़ ने दो स्थानीय साप्ताहिक के संपादकों को जेल के लिए एक साल के लिए सजा सुनाई और उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। उनको यह सज़ा विधायकों के बारे में कथित बदनामी लेख प्रकाशित करने के लिए दी गयी.
  • जुलाई में, आर्थिक और राजनीतिक साप्ताहिक के संपादक परंजय गुहा ठाकुरटा ने तब अपनी नौकरी छोड़ दी जब उन्हें जर्नल बोर्ड द्वारा अदानी पावर से संबंधित पहले से ही प्रकाशित जांच के बारे में पूछा गया था।
  • वर्ष के अंत में, सोहराबुद्दीन मामले से निपटने वाले न्यायाधीश बीएच लोया की 2014 में मौत के सम्बन्ध में  में कारवां की कहानी ने, जो उथल-पुथल मचाई, तो अन्य मीडिया घरानों में बहरापन और चुप्पी चाई रही थी, खासकर टाइम्स नाउ और रिपुब्लिक जैसे चैनलों पर।
  • अकेले कश्मीर में पूरे देश में किये गए इन्टरनेट बंद के 77 मामलों में 40 इंटरनेट बार इन्टरनेट बंद किया गया था।
  • महाराष्ट्र में मानहानि की सबसे अधिक घटना घटी और आंध्र प्रदेश में सबसे बड़ी संख्या में हमले हुए और पत्रकारों को धमकियां दी गयी थीं।
  • इंटरनेट और सोशल मीडिया से संबंधित घटनाओं में कर्नाटक में सबसे ज्यादा राज्य क्रियाएं हुयी हैं।
  • महाराष्ट्र देश में मानहानि की घटनाओं के मामले में राजधानी के रूप में उभरा, जबकि तमिलनाडु में 19 मामले दर्ज किये गए, दिसंबर 2016 में जयललिता के निधन के बाद, मानहानि के मामलों की संख्या में तेजी से कमी आई है।
  • पंजीकृत 16 से अधिक घृणा वाले भाषण के मामलों में से 10 भाजपा के नेताओं और पार्टी के सदस्यों के खिलाफ बोलने के लिए या अखिल भारतीय हिंदू संगठन मंच और हिंदू जागरण वेदिक जैसे दक्षिण पंथी  समूहों के खिलाफ बोलने के लिए दर्ज किये गए थे।
freedom of speech
freedom of expression
media par humle
Indian media

Related Stories

भारत में ‘वेंटिलेटर पर रखी प्रेस स्वतंत्रता’, क्या कहते हैं वैकल्पिक मीडिया के पत्रकार?

डराये-धमकाये जा रहे मीडिया संगठन, लेकिन पलटकर लड़ने की ज़रूरत

यूपी बोर्डः पेपर लीक मामले में योगी सरकार के निशाने पर चौथा खंभा, अफ़सरों ने पत्रकारों के सिर पर फोड़ा ठीकरा

परदे से आज़ादी-परदे की आज़ादी: धर्म और शिक्षा से आगे चला गया है हिजाब का सवाल

जम्मू-कश्मीर में मीडिया का गला घोंट रही सरकार : प्रेस काउंसिल

रामदेव विरोधी लिंक हटाने के आदेश के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया की याचिका पर सुनवाई से न्यायाधीश ने खुद को अलग किया

‘दिशा-निर्देश 2022’: पत्रकारों की स्वतंत्र आवाज़ को दबाने का नया हथियार!

राइट्स ग्रुप्स ने की पत्रकार फ़हाद शाह की रिहाई और मीडिया पर हमलों को बंद करने की मांग

प्रेस की आजादी खतरे में है, 2021 में 6 पत्रकार मारे गए: रिपोर्ट 

पत्रकारों पर बढ़ते हमले क्या आलोचना की आवाज़ दबाने की कोशिश है?


बाकी खबरें

  • वी. श्रीधर
    आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार
    03 Jun 2022
    सकल घरेलू उत्पाद के नवीनतम अनुमानों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवरी से बहुत दूर है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 
    03 Jun 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 4,041 नए मामले सामने आए हैं। देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 21 हज़ार 177 हो गयी है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'
    02 Jun 2022
    देश की राजधानी दिल्ली के पश्चिम इलाके के मुंडका गाँव में तीन मंजिला इमारत में पिछले महीने हुई आग की घटना पर गुरुवार को शहर के ट्रेड यूनियन मंच ने श्रमिकों की असमय मौत के लिए जिम्मेदार मालिक,…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग
    02 Jun 2022
    दिल्ली में मुंडका जैसी आग की ख़तरनाक घटनाओं के ख़िलाफ़ सेंट्रल ट्रेड यूनियन के संयुक्त मंच दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर प्रदर्शन किया।
  • bjp
    न्यूज़क्लिक टीम
    बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !
    02 Jun 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे में आज अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं बीजेपी सरकार जिस तरह बॉलीवुड का इस्तेमाल कर रही है, उससे क्या वे अपना एजेंडा सेट करने की कोशिश कर रहे हैं?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License