NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
‘भगवान के नाम पर’ आरएसएस कार्यकर्ताओं का हमला जारी
सबरीमाला फैसले के बाद से इस तरह के हमले केरल में आम हो गए हैं और दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने के बाद से ही गुस्सा भड़क गया है। हालांकि इन महिलाओं को हर तरफ से समर्थन मिला है लेकिन दक्षिणपंथी समूह इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
इंडियन कल्चरल फोरम
29 Jan 2019
आरएसएस के हमले जारी

सबरीमाला का दर्शन 27 दिसंबर को समाप्त हुआ लेकिन फिर भी सबरीमाला मुद्दा केरल में हमेशा की तरह उबलता रहा। वहीं 27 जनवरी को दलित एक्टिविस्ट अम्मिनी की बड़ी बहन शांता और उनके बेटे पर आरएसएस के कार्यकर्ताओं द्वारा वायनाड के सुल्तान बाथरी में हमला किया गया। ये हमला दक्षिणपंथी फ्रिंज समूह द्वारा रविवार की सुबह वायनाड में उनके निवास में घुस कर किया गया। उनके बेटे प्रफुल्ल कुमार पर भी उस वक़्त हमला किया गया जब वह इसी दिन सुबह के वक़्त कहीं जा रहे थे। हमलावरों ने कुमार से मारपीट की और उन्हें "स्वामी शरणम अयप्पा" बोलने के लिए मजबूर किया। द न्यूज मिनट से बात करते हुए वायनाड के सीपीआई (एमएल) के ज़िला समिति सदस्य केवी प्रकाश ने कहा "उनका निशाना अम्मिनी थीं। लेकिन चूंकि उनके घर तक पहुंचना आसान नहीं है क्योंकि यह ढ़लान के नीचे स्थित है इसलिए उन्होंने उनके रिश्तेदारों पर हमला किया।"

वायनाड स्थित दलित एक्टिविस्ट अम्मिनी ने पांच अन्य साथियों के साथ 23 दिसंबर को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास किया था। उन्होंने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर परिसर में प्रवेश करने की इच्छा व्यक्त की। एक्टिविस्ट ने उनके मंदिर में प्रवेश करने से पहले पुलिस सुरक्षा की मांगी की थी। हालांकि वे मंदिर में प्रवेश करने में सफल नहीं हो सकीं क्योंकि सबरीमाला कर्म समिति द्वारा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था।

इसी तरह के एक अन्य मामले में मशहूर मलयालम निर्देशक प्रियनंदन पर आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा 25 जनवरी को उनके निवास के सामने हमला किया गया। सबरीमाला पर उनके "विवादास्पद" फेसबुक पोस्ट पर शुक्रवार सुबह आरएसएस के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किया गया था। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता निर्देशक से मारपीट की गई और उन पर गोबर मिला हुआ पानी फेंका गया।

प्रियनंदन ने अपने फेसबुक पोस्ट को उसी दिन हटा दिया जिस दिन उन्होंने पोस्ट किया था। इसे पोस्ट करने के बाद राज्य भर में दक्षिणपंथी समूह भड़क गए। हमले से कुछ दिन पहले सबरीमाला कर्म समिति ने भगवान अयप्पा के प्रति उनके विचारों का विरोध करते हुए उनके घर तक मार्च किया था। दक्षिणपंथी समूहों ने उनके पोस्ट को "निन्दात्मक" बताया। निर्देशक पर हुए हमले का नेतृत्व कोडुंगलोर के आरएसएस कार्यकर्ता सरोवर ने किया था। हमले को अंजाम देते समय हमलावरों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "आप हमारे भगवान अयप्पा के बारे में अपमानजनक बात कैसे कह सकते हैं।" मनोरमा न्यूज़ से बात करते हुए निर्देशक ने कहा "लोग चर्चा के माध्यम से मेरे विचारों का विरोध कर सकते हैं न कि हमला कर के। ये लोकतांत्रिक देश है और मैं डर से या पुलिस सुरक्षा में नहीं रह सकता क्योंकि लोगों ने मुझे धमकी दी है।"

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने निर्देशक पर हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा “यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। इस तरह के हमलों के पीछे आरएसएस जैसे दक्षिणपंथी समूह हैं।

इस महीने की शुरुआत में केरल में अरपो अर्थवम मनाया गया। ये कार्यक्रम मासिक धर्म से जुड़ा है और महिलाओं के धार्मिक स्थानों में प्रवेश को लेकर है। इस कार्यक्रम में बिंदू अम्मिनी और कनकदुर्गा सहित कई लोग शामिल हुए। दोनों महिलाएं सबरीमाला में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गईं थीं। हालांकि कोच्चि में आयोजित इस कार्यक्रम में उनका स्वागत किया गया था वहीं कनकदुर्गा के मंदिर में प्रवेश करने के बाद कठोर स्थिति से गुजरना पड़ा। उन पर उनके ही रिश्तेदार द्वारा हमला किया गया था और अस्पताल में भर्ती हुईं। दक्षिणपंथी समूहों से उन पर बढ़ते ख़तरे ने भी उन्हें अदालत से सुरक्षा की मांग करने को मजबूर किया। कनकदुर्गा को उनके परिवार ने भी घर में प्रवेश से मना कर दिया है। हाल ही में तिरुवनंतपुरम में दक्षिणपंथी समूह अय्यप्पा बख्त संगम द्वारा आयोजित एक जवाबी कार्यक्रम में कनकदुर्गा के भाई भरत भूषण ने कहा, "जब तक मेरी बहन अपने किए पापों के लिए माफी नहीं मांगती तब तक हम उसे अपने परिवार में प्रवेश नहीं करने देंगे।"

सबरीमाला फैसले के बाद से इस तरह के हमले केरल में आम हो गए हैं और दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने के बाद से ही गुस्सा भड़क गया है। हालांकि इन महिलाओं को हर तरफ से समर्थन मिला है लेकिन दक्षिणपंथी समूह इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और साथ ही उन लोगों का भी विरोध कर रहे हैं जो इन महिलाओं के मंदिर प्रवेश का पुरज़ोर समर्थन कर रहे हैं।

sabrimala temple issue
Sabrimala Temple
Kerala
Supreme Court Judgements
Women Rights
violence against women
RSS-BJP

Related Stories

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

विशेष: क्यों प्रासंगिक हैं आज राजा राममोहन रॉय

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

सीपीआईएम पार्टी कांग्रेस में स्टालिन ने कहा, 'एंटी फ़ेडरल दृष्टिकोण का विरोध करने के लिए दक्षिणी राज्यों का साथ आना ज़रूरी'

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

सीताराम येचुरी फिर से चुने गए माकपा के महासचिव

केरल में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत लगभग सभी संस्थान बंद रहे

यूपी से लेकर बिहार तक महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की एक सी कहानी


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License