NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भिलाई स्टील विस्फोट : दो साल से नहीं बनाई गई थी कोई सुरक्षा समिति
"इस आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि बचाव के लिए फायर ब्रिगेड कर्मी और स्नॉर्कल्स के वहां मौजूद होने के बाद भी कुछ भी नहीं किया जा सका और वे खुद मौत के शिकार हो गए। मृतकों में चार अग्नि सेवाकर्मी थे।"
शिल्पा शाजी
12 Oct 2018
भिलाई स्टील प्लांट

9 अक्टूबर को भिलाई स्टील प्लांट में हुए जानलेवा विस्फोट से 12 लोगों की मौत हो गई। छत्तीसगढ़ सरकार के औद्योगिक स्वास्थ्य तथा सुरक्षा विभाग ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि ख़तरों का आंकलन किए बिना मेंटेनेंस काम किया जा रहा था जब ये विस्फोट हुआ। हालांकि, संयंत्र कर्मियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से कोई सुरक्षा समिति नहीं थी।

एचएसईयू के अध्यक्ष एसपी डे ने कहा, "मान्यता प्राप्त यूनियन के नामंकन के साथ प्लांट में सुरक्षा समिति का गठन करना पड़ता है। हिंदुस्तान स्टील कर्मचारी यूनियन (एचएसईयू) सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीआईटीयू) से जुड़ा है जो यहाँ का एकमात्र मान्यता प्राप्त यूनियन है। प्रबंधन अपने लोगों को इसमें समायोजित करने की कोशिश कर रहा था। इसने विवाद पैदा किया और पिछले दो सालों से कोई सुरक्षा समिति नहीं बनी है।"

ज्ञात हो कि जून 2014 में भिलाई स्टील प्लांट के ब्लास्ट भट्टी में विस्फोट के परिणामस्वरूप छह कार्मिकों की मौत हुई थी, इसके बावजूद इसको लेकर उदासीन रवैया जारी रहा। साल 2018 के 8, 9 और 10 मई को ही संयंत्र में तीन अन्य घटनाएं हुई थी। हाल की घटना के बाद भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को हटा दिया गया. साथ ही दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।

इस घटना के समय मौजूद सभी 23 कार्मिक स्थायी हैं और वे बेहद कुशल हैं। अब तक 12 कार्मिकों ने अपनी जान गंवा दी है। जो काम वे कर रहे हैं उसमें अधिक अनुशासन और तकनीकी सूक्ष्मता की आवश्यकता होती है। ये काम बहुत ही ख़तरनाक है। डे ने कहा, "बेशक, ये घटना कार्यप्रणाली के तौर तरीक़ों का एक परिणाम है न कि काम के दबाव का नतीजा है।"

भिलाई एक एकीकृत इस्पात प्लांट है, जहां स्टील बनाने की पूरी प्रक्रिया होती है। कोका 1 इस प्लांट के प्रमुख इकाइयों में से एक है जहां कोक को वायु की अनुपस्थिति में कोयले को गर्म करके तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया को अपनाने पर कोक का उत्पादन होता है और हाइड्रोकार्बन गैस उत्पन्न होते हैं। इन गैसों से हाइड्रोकार्बन निकाले जाते हैं। निष्कर्षण के दो तरीके होते हैं। पहले अमोनिया निकाला जाता था, और सभी निम्न कच्चे बेंज़ोल और उच्च कच्चे बेंज़ोल का फ्रैक्शनल डिस्टीलेशन द्वारा निष्कर्षण था।लेकिन, यह एक नई इकाई है-बैटरी संख्या 11। निष्कर्षण प्रक्रिया कुछ हद तक यहां अलग है। कोक बनाने के दौरान छोड़ी गई गैस सौर तेल के माध्यम से होकर भेजी जाती है और हाइड्रोकार्बन सौर तेल में अवशोषित होते हैं जिसके बाद कोल केमिकल्स की प्राप्ति होती है। लेकिन हाइड्रोकार्बन की प्राप्ति के बाद इस गैस का उच्च कैलोरीफ वैल्यू होता है। इसलिए, इस गैस को पूरे प्लांट में ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

दुर्घटना होने वाले स्थान बैटरी संख्या 11 से मुख्य गैस लाइन तीन प्लांट और ब्लास्ट भटठी 8, यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम) जैसी नई उत्पादन इकाइयों को आपूर्ति करता है। एक और बात यह है कि दो ख़तरनाक गैस हैं। एक ब्लास्ट भट्टी गैस है जो गंध-रहित और रंगहीन होता है; इसकी उपस्थिति को महसूस नहीं किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति इस गैस-कार्बन मोनोऑक्साइड - के संपर्क में आता है वह बिना किसी विशेष लक्षण के आसानी से मर सकता है। लेकिन, दूसरा कोका 1 गैस है जिसमें हाइड्रोजन मुख्य घटक रुप में होता है। वायु के संपर्क में आने पर कोका1 गैस विस्फोटक प्रकृति का हो सकता है।

डे ने कहा, घटना के दिन उस गैस लाइन में कुछ असमान दबाव था जो यूआरएम और सभी नई इकाइयों को आपूर्ति करता है। इसलिए, स्वाभाविक रूप से इसे बंद करना और साफ़ करना पड़ा, क्योंकि गैस लाइन में मौजूद अवशेष और हाइड्रोकार्बन असमान दबाव बनाते हैं। इसलिए सफाई से पहले गैस पाइपलाइन ब्लैंक कर दिया गया था। ब्लैंकिंग का मतलब है कि इसे प्लेट द्वारा अलग किया जाना। गैस लाइन की क्षमता 1800 एमएल है। इसलिए, पूरे प्लांट  में गैस लाइन अविरल नहीं है। कुछ स्थानों पर, वे फ्लैंज के साथ जुड़े हुए हैं। इसे खाली करने के लिए, इसमें एक डमी प्लेट डाली जाती है। दीवारों को बंद करने और डमी प्लेट डालने के बाद, मेंटेनेंस का काम होता है। डमी प्लेट के आगे कोका 1 गैस होता है। इस घटना से पहले, मेंटेनेंस के बाद डिब्लैंकिंग - नई इकाइयों के साथ गैस लाइन रिस्टोर करना - की प्रक्रिया की जा रही थी। इसके लिए, डमी प्लेट को हटाना था। चूंकि यह एक बेहद संवेदनशील और खतरनाक काम है, जांच किए गए थे, प्रोटोकॉल पर सभी एजेंसियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। ये काम ऊर्जा प्रबंधन विभाग (ईएमडी) द्वारा किया जाता है, और बचाव के लिए अग्नि सेवा भी मौजूद होते थे। अचानक, डमी हटाए जाने के बाद ही फ्लैंज के जरिए आग लग गई।

डे ने कहा, "इस आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि बचाव के लिए फायर ब्रिगेड कर्मी और स्नॉर्कल्स के वहां मौजूद होने के बाद भी कुछ भी नहीं किया जा सका और वे मौके पर मौत के शिकार हो गए। मृतकों में से चार फायरमैन थे, और बाकी ईएमडी से संबंधित थे।"

मानक परिचालन प्रथा यह है कि डमी से पहले गैस को पॉज़िटिव प्रेसर में रखा जाना चाहिए, ताकि वह बाहर से वायु ने प्राप्त कर सके। उन्होंने आगे कहा, "कुछ चिंगारी के न निकलने की आशंका है। लेकिन, यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय भी किए गए थे कि आस पास में कोई चिंगारी आदि न पैदा हो। एक संभावना यह है कि कुछ स्टैटिक करंट उस गैस लाइन के अंदर पैदा हो सकते हैं। अन्य पहलू भी है।"

डे ने सुरक्षा प्रबंधन में हुई कुछ अन्य कमियों को भी बताया। "एसएआईएल की सभी इकाइयों में, संपूर्ण कार्यस्थल एक कारखाने के रूप में पंजीकृत है। जबकि, भिलाई स्टील प्लांट में 43 कारखाने हैं। यदि संयंत्र के अंदर कोई घटना होती है तो इसे उस वक्त तक कारखाने के अंदर हुई घटना के रूप में नहीं माना जाएगा जब तक कि यह कारखाने के रूप में पंजीकृत विभाग के परिसर में नहीं होती है। क्योंकि कारखाना अधिनियम की परिभाषा के अनुसार, सभी विभागों को कारखाने के रूप में पंजीकृत नहीं किया जा सकता है। ईएमडी समेत सोलह विभाग प्लांट के अंदर कारखाने की गिनती में नहीं हैं।"

Blast at Bhilai Steel Plant
sail bhilai
anti-worker policies

Related Stories

वैश्विक महामारी के दौर में मजदूर विरोधी नीतियों को तेजी से आगे बढ़ाती सरकार

"हम मेहनतकश जब अपना हिस्सा मांगेंगे"

मज़दूरों की सुनों : 8-9 जनवरी को देशव्यापी आम हड़ताल

#श्रमिकहड़ताल : नोटबंदी और जीएसटी से आगरा के जूता कारोबारी मज़दूर-कारीगर बर्बाद

8-9 जनवरी की श्रमिक हड़ताल को वाम दलों का सक्रिय समर्थन

डीटीसी की हड़ताल सफल, सरकार ने वेतन कटौती का सर्कुलर वापस लिया

भाजपा का दोहरा रवैया : डीटीसी के समर्थन का दावा, हरियाणा में रोडवेज़ कर्मियों का दमन

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी क्यों है हड़ताल पर?

भिलाई इस्पात संयंत्र में बड़ा हादसा, 9 मरे, 14 घायल

दिल्ली उच्च न्यायलय: मालिक मज़दूरों को दिए बढ़े हुए वेतन को वसूल नहीं करेंगे


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License