NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भीमा-कोरेगांव: हाईकोर्ट का नवलखा के खिलाफ केस ख़ारिज करने से इनकार लेकिन गिरफ़्तारी से संरक्षण  
अदालत ने अंतरिम जमानत को बढ़ाने की मांग पर सहमति जतायी और तीन सप्ताह के लिए नवलखा को गिरफ़्तारी से संरक्षण प्रदान किया ताकि वह उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील में उच्चतम न्यायालय का रूख कर सकें।
भाषा
13 Sep 2019
gautam navlakha
Image Courtesy: Bar & Bench

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने भीमा-कोरेगांव हिंसा और माओवादियों के साथ कथित जुड़ाव के लिए नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने से इनकार करते हुए शुक्रवार को कहा कि मामले में प्रथम दृष्टया तथ्य दिखता है। हालांकि कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण देते हुए

न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने कहा, ‘‘मामले की व्यापकता को देखते हुए हमें लगता है कि पूरी छानबीन जरूरी है।’’

पीठ ने कहा कि यह बिना आधार और सबूत वाला मामला नहीं है।

पीठ ने नवलखा की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने जनवरी 2018 में पुणे पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने की मांग की थी। एल्गार परिषद द्वारा 31 दिसंबर 2017 को पुणे जिले के कोरेगांव भीमा में कार्यक्रम के एक दिन बाद कथित रूप से हिंसा भड़क गयी थी।

पुलिस का आरोप है कि मामले में नवलखा और अन्य आरोपियों का माओवादियों से जुड़ाव था और वे सरकार को उखाड़ फेंकने की दिशा में काम कर रहे थे।

अदालत ने कहा, ‘‘अपराध कोरेगांव-भीमा हिंसा तक सीमित नहीं है । इसमें कई पहलू हैं। इसलिए हमें जांच की जरूरत लगती है।’’
पीठ ने जब अपना आदेश सुनाया तो नवलखा के वकील युग चौधरी ने उच्च न्यायालय द्वारा नवलखा को गिरफ्तारी से दी गयी अंतरिम जमानत को बढ़ाने की मांग की।

अदालत ने इस पर सहमति जतायी और तीन सप्ताह के लिए नवलखा को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया ताकि वह उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील में उच्चतम न्यायालय का रूख कर सकें।

नवलखा और अन्य आरोपियों के विरूद्ध गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

नवलखा के वकील युग चौधरी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल एक लेखक और शांति के लिए काम करने कार्यकर्ता हैं। वह संघर्षरत क्षेत्रों के अच्छे जानकार हैं।

चौधरी ने कहा, ‘‘पूर्व में नक्सलियों ने जब छह पुलिसकर्मियों को अगवा कर लिया था तो भारत सरकार ने उन्हें मध्यस्थ नियुक्त किया था। वह नक्सलियों से संपर्क में थे, लेकिन केवल अपने किताब और तथ्यान्वेषी शोध के लिए। इस तरह के संपर्क के लिए यूएपीए के तहत कैसे मामला दर्ज किया जा सकता है।’’

उन्होंने दलील दी,‘‘नवलखा ने हाशिये पर रहने वालों के लिए लोकतंत्र को संभव बनाया। ऐसे व्यक्ति का सम्मान होना चाहिए। लेकिन सरकार देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे आरोपों के साथ उन्हें सता रही है।’’
मामले में नवलखा के अलावा चार अन्य- वरवर राव, अरूण फरेरा, वर्नन गोंजाल्विस और सुधा भारद्वाज आरोपी हैं।

Bhima Koregaon Case
gautam navlakha
Yog Chaudhary
Bombay HC
elgar parishad
Urban naxals

Related Stories

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

भीमा कोरेगांव: बॉम्बे HC ने की गौतम नवलखा पर सुनवाई, जेल अधिकारियों को फटकारा

मैंने बम नहीं बाँटा था : वरवरा राव

जेल के अंडा सेल में गौतम नवलखा, ज़िंदगी ख़तरे में होने का अंदेशा : सहबा

एल्गार परिषद मामला : कोर्ट ने कहा वरवरा राव को 18 नवंबर तक सरेंडर करने की ज़रूरत नहीं

'नये भारत' को नफ़रती भीड़तंत्र क्यों बना रहे हैं, मोदी जी!

एल्गार परिषद: नवलखा को तलोजा जेल के 'अंडा सेल' में भेजा गया, सहबा हुसैन बोलीं- बिगड़ गई है तबीयत

भीमा कोरेगांव मामलें में आरोपी रोना विल्सन के पिता की मौत

स्टेन स्वामी: जब उन्होंने फादर ऑफ द नेशन को नहीं छोड़ा तो ‘फादर’ को क्या छोड़ते

स्टेन स्वामी की मौत के ख़िलाफ़ देशभर में उठ रही आवाज़; एल्गार मामले के अन्य आरोपियों ने जेल में भूख हड़ताल की


बाकी खबरें

  • शशि शेखर
    एमएलसी चुनाव परिणाम: राजद के मेरे अपने, फिर भी टूट गए सपने, क्यों?
    12 Apr 2022
    बिहार में 23 सीटों पर चुनाव लड़ कर राजद ने जिन छह सीटों पर जीत हासिल की है, उनमें से 3 पर भूमिहार, 1 पर वैश्य और 1 पर राजपूत जाति से आने वाले उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। राजद का एक भी मुस्लिम कैंडिडेट…
  • सबरंग इंडिया
    करौली हिंसा को रोकने में विफल रहे अधिकारियों को निलंबित करें: PUCL
    12 Apr 2022
    हिंदुत्ववादी समूह द्वारा आयोजित रैली को मुस्लिम पड़ोस से गुजरने की अनुमति किसने दी और हिंसा होने पर अधिकारियों ने केवल दर्शकों की तरह काम क्यों किया?
  • अभिवाद
    सीपीआईएम पार्टी कांग्रेस में स्टालिन ने कहा, 'एंटी फ़ेडरल दृष्टिकोण का विरोध करने के लिए दक्षिणी राज्यों का साथ आना ज़रूरी'
    12 Apr 2022
    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के 'ग़ैर लोकतांत्रिक रवैये' की आलोचना की और कहा कि 'केंद्र राज्यों को अपनी कठपुतली बनाना चाहता है'।
  • भाषा
    झारखंड रोपवे दुर्घटना: वायुसेना के हेलिकॉप्टरों ने 10 और लोगों को सुरक्षित निकाला
    12 Apr 2022
    वायु सेना, सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा बचाव अभियान जारी है।
  • काशिफ काकवी
    मध्यप्रदेश: रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा, खरगोन में कर्फ़्यू, बड़वानी में तनाव
    12 Apr 2022
    सांप्रदायिक घटनाओं के गवाह रहे आदिवासी बहुल ज़िले खरगोन और बड़वानी में कांग्रेस का दबदबा है। अगले साल यहां विधानसभा चुनाव होने हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License