NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भीमा कोरेगांव केस में सुप्रीम कोर्ट सख्त : पर्याप्त सुबूत न देने पर रद्द होगा मामला
भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार पांच सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के केस में सरकार और पुलिस अभी तक सुप्रीम कोर्ट में कोई ठोस सुबूत पेश नहीं कर पाई है। और अगर बुधवार को भी कोई पुख्ता सुबूत नहीं पेश किए गए तो ये पूरा मामला रद्द हो सकता है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Sep 2018
bhima koregaon

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि “हम सभी सुबूतों को देखेंगे और फैसला लेंगे। अगर संतुष्ट नहीं हुए तो मामला रद्द भी हो सकता है।

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में अर्बन नक्सल के नाम पर गिरफ्तार किए गए पांच सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मामले में आज, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने यही सबसे महत्वपूर्ण टिप्पणी की।

इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार, 19 सितंबर को होगी। इसी के साथ सरकार और पुणे पुलिस पर ये दबाव बन गया है कि वो इस मामले में पुख्ता सुबूत पेश करे, वरना मामला खारिज हो सकता है और सरकार की इससे बहुत किरकिरी हो सकती है।

आपको मालूम है महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव मामले में माओवादियों से कथित संबंधों को लेकर पुणे पुलिस ने बीते 28 अगस्त को कवि और वामपंथी विचारक वरवर राव, अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा, अरुण फरेरा और वर्णन गोंसाल्विस को गिरफ्तार किया था। जिसके विरोध में इतिहासकार रोमिला थापर समेत प्रभात पटनायक, माजा दारुवाला, सतीश देशपांडे और देवकी जैन जैसे सामाजिक कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उनका कहना था कि सरकार से असहमति के चलते ये गिरफ्तारियां हुई हैं। इसे लेकर कोर्ट ने तब ये अहम टिप्पणी की थी कि “असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व है और यदि आप इन सेफ्टी वाल्व की इजाजत नहीं देंगे तो ये फट जायेगा।”

अदालत ने इस बारे में महाराष्ट्र सरकार और राज्य पुलिस को नोटिस जारी किये थे और सभी गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के घर में ही नज़रबंद रखने का आदेश दिया था। तब से ये सभी कार्यकर्ता अपने-अपने घर में नज़रबंद हैं।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि इन कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 19 सितंबर को अंतिम सुनवाई की जायेगी ।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस पूरे मामले की सुनवाई का ही विरोध किया गया। केंद्र की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा कि नक्सलवाद की समस्या एक गंभीर मामला है, जो देशभर में फैल रही है, इस तरह की याचिकाओं को सुना जाएगा तो ये एक खतरनाक उदाहरण बन जाएगा।

महाराष्ट्र सरकार की ओर पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सभी गिरफ्तार लोगों के खिलाफ हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें पुलिस के दस्तावेज देखने हैं। अगर इसमें कुछ नहीं मिलता तो हम यह मामला रद्द कर सकते हैं और अगर इसमें हमारे हस्तक्षेप की ज़रूरत पड़ी तो हम इसे देखेंगे।

याचिकाकर्ताओं की ओर से आज इस पूरे मामले में एसआईटी जांच की भी मांग की गई। इसपर कोर्ट ने संशोधित याचिका दाखिल करने को कहा। पीठ ने यह भी कहा कि यदि दस्तावेजों में गंभीर खामी मिली तो वह इस मामले की विशेष जांच दल से जांच कराने के अनुरोध पर विचार कर सकती।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कुछ ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि यह केस प्रधानमंत्री की हत्या की साज़िश का है, जबकि FIR में इसका कोई जिक्र नहीं है। अगर मामला इतने गंभीर आरोप से संबंधित है तो इस मामले में सीबीआई या एनआईए द्वारा जांच क्यों नहीं कराई जा रही। उन्होंने कहा कि दोनों एफआईआर में इन पांचों कार्यकर्ताओं का नाम नहीं है, न ही उन्होंने किसी सम्मेलन में भाग लिया था। 

 
bheema koregaon
human rights activists
gautam navlakha
Sudha Bharadwaj

Related Stories

भीमा कोरेगांव: बॉम्बे HC ने की गौतम नवलखा पर सुनवाई, जेल अधिकारियों को फटकारा

सामाजिक कार्यकर्ताओं की देशभक्ति को लगातार दंडित किया जा रहा है: सुधा भारद्वाज

साल 2021 : खेत से लेकर सड़क और कोर्ट तक आवाज़ बुलंद करती महिलाएं

किसानों की हर मांग पर मानी सरकार, सुधा भारद्वाज जेल से बाहर और अन्य ख़बरें

एल्गार परिषद मामला: तीन साल बाद जेल से रिहा हुईं अधिवक्ता-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज

अदालत ने सुधा भारद्वाज को 50,000 रुपये के मुचलके पर जेल से रिहा करने की अनुमति दी

सुधा भारद्वाज को SC से राहत, यूपी के aspirant शिक्षक तेज़ करेंगे आंदोलन और अन्य ख़बरें

एल्गार परिषद मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सुधा भारद्वाज की ज़मानत के ख़िलाफ़ एनआईए की याचिका ख़ारिज की

एल्गार परिषद मामले में सुधा भारद्वाज को ज़मानत, सरकार के पास मृत किसानों के नहीं हैं आंकड़े और अन्य

एल्गार परिषद : बंबई उच्च न्यायालय ने वकील सुधा भारद्वाज को ज़मानत दी


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License