NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर की जीत के क्या मायने हैं?
बीजेपी प्रत्याशी और मालेगांव बम विस्फोट की आरोपी प्रज्ञा सिंह की जीत लगभग तय हो गई है। वे कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को हरा रही हैं।
सत्यम् तिवारी
23 May 2019
भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर की जीत के क्या मायने हैं?

भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी और मालेगांव बम विस्फोट की आरोपी प्रज्ञा सिंह की जीत लगभग तय हो गई है। वे कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से करीब साढ़े तीन लाख वोट से आगे हैं।

इस सीट पर पूरे देश की नज़र थी। वजह प्रज्ञा सिंह की उम्मीदवारी थी। जो एक आतंकी गतिविधि में शामिल होने की आरोपी हैं। साथ ही पिछले दिनों उनके बयानों ने पूरे देश को सदमें में डाल दिया। उन्होंने न सिर्फ महाराष्ट्र एटीएस के चीफ और 26/11 हमलों के शहीद शहीद हेमंत करकरे के बारे में ग़लतबयानी की बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को देशभक्त बताकर बीजेपी को भी मुश्किल में डाल दिया।   

प्रज्ञा की उम्मीदवारी का पहले ही सिविल सोसायटी और अन्य बुद्धिजीवियों ने विरोध किया था और बीजेपी पर ये आरोप लगाया था कि वो सांप्रदायिक हिंसा के आरोपियों को टिकट दे कर हिंसा को बढ़ावा दे रही है। लेकिन बीजेपी ने अपना फ़ैसला वापस नहीं लिया और ये तर्क दिया कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर अभी जुर्म साबित नहीं हुआ है।

आज, जब नतीजे आए हैं तब दिखता है कि बीजेपी की ये रणनीति काम कर गई है। अब वे जीत रही हैं और बीजेपी की तरफ़ से संसद में जाएंगी। 

बीजेपी पर पिछले पाँच सालों तक जो सांप्रदायिकता के इल्ज़ाम लग रहे थे, वो आज प्रज्ञा सिंह के जीतने के बाद से एकदम ताज़ा हो गए हैं। और अब सोचने वाली बात ये है कि हम इस लोकतंत्र की लड़ाई के बाद, अपनी संसद में ऐसे लोगों को देखने वाले हैं जो सांप्रदायिक हिंसा फैलाने में आरोपी हैं, राष्ट्रपिता के हत्यारे को शहीद कहते हैं, और धमाके करवाने के मामले में आरोपी हैं।

2019 loksabha elections
Sadhvi Pragya
Communalism
malegaon bomb blasts
2008 malegaon
BJP
Narendra modi
Mahatma Gandhi
Nathuram Godse
RSS
India

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License